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गंगा किनारे बनेगा फोरलेन, सड़क के लिए जमीन का सर्वे हुआ पूरा

varanasi
आठ किलोमीटर लंबी सड़क के लिए तीन गांवों में करीब 100 किसानों की जमीन अधिग्रहित की जानी है।  जमीन के लिए सर्वे  हुआ पूरा । 

वाराणसी। बनारस  के गंगा घाटों पर पर्यटकों के दबाव को कम करने और लोगों को वैकल्पिक मार्ग देने के लिए प्रस्तावित रामनगर से पड़ाव तक की सड़क के लिए जमीन का सर्वे पूरा कर लिया गया है। प्रशासन की ओर से विधिवत बैठक कर मंत्रालयों से अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन भी कर दिया गया है।

 

इसके अलावा विकास प्राधिकरण, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगी गई है। उधर, जिलाधिकारी की ओर से इस सड़क निर्माण के लिए डोमरी, कोदोपुर और रामनगर में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसे देखते हुए जिलाधिकारी ने इन इलाकों की जमीन की रजिस्ट्री पर फिलहाल रोक लगाई है।

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किसी विषम परिस्थिति में यहां की जमीन की खरीद बिक्री के लिए अपर जिलाधिकारी प्रशासन से अनुमति लेनी आवश्यक होगी। इसे देखते हुए यहां जमीनों की मांग बढ़ने के साथ ही कीमतें भी चढ़ने लगी हैं। स्थानीय डेवलपर सक्रिय होकर संभावना तलाशने में जुट गए हैं।

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रामनगर से पड़ाव तक बनने वाली आठ किलोमीटर लंबी सड़क के लिए तीन गांवों में करीब 100 किसानों की जमीन अधिग्रहित की जानी है। इसके अलावा गंगा के समानांतर सड़क निर्माण के लिए सरकारी जमीन का उपयोग किया जाएगा। सर्वे का काम पूरा होने के बाद अब अधिग्रहण वाले गांवों में किसानों के साथ खुली बैठकें 15 अप्रैल के बाद से शुरू होंगी।

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उधर, प्रशासन की ओर से पर्यावरण मंत्रालय, वन मंत्रालय और नमामि गंगे से अनापत्ति के आवेदन कर दिया गया है। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन की मंत्रालयों के अधिकारियों के बीच संवाद शुरू हो गया है। परियोजना को शुरू करने से पहले स्थानीय स्तर पर भी एनओसी के लिए प्रक्रिया शुरू करा दी गई है।

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इस पूरी कवायद के साथ ही रजिस्ट्री पर रोक वाले गांवों में जमीनों की मांग बढ़ने लगी है। स्थानीय डेवलपर प्रशासन की मंशा समझ कर उसमें अपनी योजना बनाने में जुटे हैं।  मंडलायुक्त  दीपक अग्रवाल ने कहा कि रामनगर से पड़ाव तक की सड़क के लिए जमीन का सर्वे पूरा हो गया है। मंत्रालयों से एनओसी के लिए आवेदन किया गया है और स्थानीय विभागों से अनापत्ति के लिए बैठक भी हुई है। डीपीआर और डिजाइन का काम अंतिम दौर में है।

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करीब दो हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना के डीपीआर के साथ ही डिजाइन भी तैयार कराई जा रही है। डीपीआर और डिजाइन को शासन में संस्तुति के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद इसकी निविदा प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। उम्मीद है कि अप्रैल तक इसकी निविदा जारी कर जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस परियोजना का शिलान्यास कराया जाएगा।

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