वाराणसी में परिवार के साथ श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, दर्शन-पूजन कर लिया बाबा का आशीर्वाद

वाराणसी। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में परिवार के साथ हाजिरी लगाई। विधिविधान से दर्शन-पूजन कर बाबा का आशीर्वाद लिया। डिप्टी सीएम के आगमन के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही।
डिप्टी सीएम शनिवार की सुबह पत्नी और बच्चों के साथ श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने बाबा विश्वनाथ का विधिविधान से दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद रवाना हो गए।
डिप्टी सीएम के आमगन के मद्देनजर मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। एक दिन पूर्व शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी बाबा दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे थे।
वाराणसी में CM Yogi ने बाबा दरबार में लगाई हाजिरी, बाबा का दर्शन-पूजन कर लिया आशीर्वाद
यह भी पढ़े:-
today gold price 12 november 2022: इस महीने रिकॉर्ड दर से सस्ता हुआ सोना चाँदी ,जानिए आज का भाव...
पिछले नौ माह में अमेरिकी मुद्रास्फीति की की चाल सुस्त पड़ने और क्रिप्टोकरंसी की कीमतों के अपने उच्च स्तर से 75 प्रतिशत तक गिरने के कारण, सोने और चांदी ने पिछले सप्ताह में मजबूत खरीदारी आते हुए देखी गई। जिससे सोने और चांदी की कीमतों में तेज उछाल दर्ज किया गया। बीते सप्ताह में, एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर सोने की कीमत ₹52,331 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर समाप्त हुई, घरेलू बाजार में 2.80 प्रतिशत साप्ताहिक लाभ दर्ज किया गया, जबकि हाजिर बाजार में, पीली धातु की कीमत 1,771 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर समाप्त हुई।
कमोडिटी मार्केट के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी मुद्रास्फीति की गति में नरमी ने अमेरिकी फेड की ब्याज दरों में वृद्धि पर नरम रुख अपनाने की उम्मीद जगाई है, जो बढ़ते अमेरिकी डॉलर सूचकांक पर ब्रेक लगा सकता है। 20 साल के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद, डॉलर इंडेक्स दबाव में आ गया है और यह शुक्रवार को 106.255 के स्तर पर बंद हुआ, जिसमें 1.70 प्रतिशत की इंट्रा डे नुकसान दर्ज किया गया।
विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिकी डॉलर में बिकवाली का दबाव बना रह सकता है और इसलिए सोने और चांदी की कीमतों के संबंध में ‘गिरावट पर खरीदारी’ की रणनीति बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यूएस फेड अधिकारियों की ओर से आगे ट्रिगर आने तक सोने की कीमत सकारात्मक पूर्वाग्रह के साथ सीमित दायरे में रह सकती है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एमसीएक्स पर सोने की दरें 51,500 रुपये से 53,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के दायरे में रह सकती हैं, जबकि हाजिर सोने की कीमत 1,720 डॉलर से 1,790 डॉलर प्रति औंस के दायरे में बनी रह सकती है।
चांदी की कीमत भी आज 19 डॉलर से 23 डॉलर के दायरे में है और सफेद कीमती धातु में किसी भी गिरावट को निवेशकों द्वारा खरीदारी के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। जानकारों की मानें, तो एमसीएक्स पर सोने की कीमतें 51,500 रुपये से 53,200 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं जबकि हाजिर बाजार में सोने की कीमत 1,720 डॉलर से 1,790 डॉलर प्रति औंस के दायरे में हो सकती है।
हालांकि, अगर डॉलर इंडेक्स और नीचे जाता है, तो उस स्थिति में, हम हाजिर सोने की कीमत अपनी ऊपरी बाधा को पार करते हुए देख सकते हैं और 1,820 डॉलर प्रति औंस के स्तर की ओर बढ़ सकते हैं।
किस कैरेट का सोना कितना होता है शुद्ध
- 24 कैरेट का सोना 99.9 फीसदी।
- 23 कैरेट का सोना 95.8 फीसदी।
- 22 कैरेट का सोना 91.6 फीसदी।
- 21 कैरेट का सोना 87.5 फीसदी।
- 18 कैरेट का सोना 75 फीसदी।
- 17 कैरेट का सोना 70.8 फीसदी।
- 14 कैरेट का सोना 58.5 फीसदी।
- 9 कैरेट का सोना 37.5 फीसदी।
सोने का रेट मिस्ड कॉल से जानें
गौरतलब है कि आप इन रेट्स को आसानी से घर बैठे पता लगा सकते हैं। इसके लिए आपको सिर्फ इस नंबर 8955664433 पर मिस्ड कॉल देना है और आपके फोन पर मैसेज आ जाएगा, जिसमें आप लेटेस्ट रेट्स चेक कर सकते हैं।
कैसे करें 22 और 24 कैरेट सोने में अंतर
24 कैरेट गोल्ड 99.9 प्रतिशत शुद्ध होता है और 22 कैरेट लगभग 91 प्रतिशत शुद्ध होता है। 22 कैरेट गोल्ड में 9% अन्य धातु जैसे तांबा, चांदी, जिंक मिलाकर जेवर तैयार किया जाता है। जबकि 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होता है, बता दें कि 24 कैरेट सोने के आभूषण नहीं बनाए जा सकते। इसलिए ज्यादात्तर दुकानदार 22 कैरेट में सोना बेचते हैं।
कैसे पहचाने सोने की शुद्धता (How to Check Gold Purity)
(International Organization for Standardization) अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन द्वारा सोने की शुद्धता पहचानने के लिए हॉल मार्क दिए जाते हैं। 24 कैरेट सोने के आभूषण पर 999, 23 कैरेट पर 958, 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है। ज्यादातार सोना 22 कैरेट में बिकता है, वहीं कुछ लोग 18 कैरेट का इस्तेमाल भी करते हैं। कैरेट 24 से ज्यादा नहीं होता, और जितना ज्यादा कैरेट होगा, सोना उतना ही शुद्ध होगा।
सोना ऐसी धातु है जिसकी खरीदारी शादी-ब्याह, सगाई और गिफ्ट देने से लेकर छोटे और बड़े मौके के लिए लोग अपने सामार्थ्य के अनुसार खरीदते हैं। सोना खरीदने की इच्छा हर किसी के मन में होती है। खासकर महिलाएं किसी भी मौके पर सोना खरीदने के लिए तैयार रहती हैं। क्योंकि स्पेशल मौके से लेकर आम दिनों में भी महिलाएं सोना पहनती हैं।
हिंदू धर्म में भी सोने का खास महत्व होता है क्योंकि सोना-चांदी जैसे धातु को कुबेर का भंडार कहा जाता है। बीआईएस मार्क-हर ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो का ट्रेडमार्क का लोगो होगा। कैरेट में प्योरिटी-हर ज्वैलरी की कैरेट या फाइनेंस में प्योरिटी होगी। 916 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वैलरी 22 कैरेट के गोल्ड (91.6 फीसदी शुद्धता) की है। अगर 750 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वैलरी 18 कैरेट (75 फीसदी शुद्ध) गोल्ड का है।
अगर 585 लिखा है तो इसका मतलब कि ज्वैलरी 14 कैरेट गोल्ड (58.5 फीसदी) का है। हर ज्वैलरी पर एक विजिबल आइडेंटिफिकेशन मार्क होगा जो हॉलमार्क सेंटर का नंबर होगा। ज्वैलरी पर एक विजिबल आइडेंटिफिकेशन मार्क होगा ज्वैलर कोड के रूप में, यानी यह किस ज्वैलर के यहां बना है, उसकी पहचान होगी।
सोना खरीदने का शुभ दिन
सोने की खरीदारी करने का सबसे शुभ दिन अक्षय तृतीया और धनतेरस होता है। इस दिन सोना खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, और ऐसा कहा जाता है इस दिन खरीदी गई चीजों पर कई गुणा वृद्धि होती है। इसके अलावा आप अन्य समय में सोना खरीदना चाहते हैं तो आप सप्ताह के रविवार और गुरुवार के दिन सोना खरीद सकते हैं।
ज्योतिष में ये दोनों ही दिन सोना खरीदने के लिए शुभ बताए गए हैं। सप्ताह के इन दिनों में सोना खरदीने पर मां लक्ष्मी के साथ भगवान सूर्य की भी कृपा प्राप्त होती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। सोना खरीदते समय इन चार बातों को रखें ध्यान, वरना होगा भारी नुकसान लोग सोना खरीदते हैं, लेकिन खरीदारी से पहले कई बार कुछ बातों का ध्यान नहीं देते, जिसकी वजह से उन्हें परेशानी होती है। ऐसे में अगर आप सोने के गहनों की खरीदारी का मन बना ही चुके हैं, तो इन पांच बातों पर जरूर ध्यान दें।
भूलकर भी घर ना लाएं इस दिन सोना
कभी भी शनिवार के दिन सोना नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि सोना सूर्य का कारक होता है और शनिवार शनि देव का दिन होता है। सूर्य और शनि शत्रु ग्रह होते हैं। इसलिए शनिवार के दिन सोना खरीदने वाले जातक पर शनि पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
सोने की शुद्धता
वैसे तो हर दुकानदार अपने बेचे गए गहने को मार्केट में चल रहे रेट के अनुसार वापस लेने का दावा करता है। लेकिन अगर आप उसके पास जाएंगे तो जरूरी नहीं कि दावे के अनुरूप ही मुनाफा मिले और सोना वाकई उतना शुद्ध हो जितना कि उसने दावा किया था। ऐसे में सोने के लिए हॉलमार्क को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुद्धता का पैमाना माना जाता है जिसमें यह गारंटी होती है कि सोना शुद्ध है।
हॉलमार्क
भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआईएस का हॉलमार्क सोने की शुद्धता सुनिश्चित करता है। यही वजह है कि हॉलमार्क वाले आभूषण खरीदारी के लिहाज से सबसे सुरक्षित मान जाते हैं। कई बार हॉलमार्क के गहनों की कीमत भी अलग-अलग दुकानों पर अलग-अलग हो सकती है। इसलिए कई जगहों पर जानकारी लेकर उपयुक्त जगह से ही हॉलमार्क सोना खरीदें।
सोना 18 कैरेट और उससे कम, 22 कैरेट और 24 कैरेट जैसे शुद्धता के विभिन्न वेरिएंट में आता है। हॉलमार्क वाली ज्वैलरी खरीदना बेहतर है ताकि आप शुद्धता को लेकर सुनिश्चित रहें। साथ ही जब भी सोना खरीदें तो उसका वजन चेक जरूर करें। सोना किराने के सामान जैसा नहीं है। यह बहुत महंगा हो गया है और इसकी लागत बहुत अधिक है। सोना खरीदने से पहले पर्याप्त रिसर्च कर लें।
मेकिंग चार्जेस पर मोलभाव
मेकिंग चार्ज अलग-अलग गहनों के मुताबिक अलग-अलग होता है जिसे ज्वेलर्स सोने के गहने बनाने के मेहनताने के रूप में लेते है।ऐसे में ज्वेलरी खरीदते वक्त अलग-अलग जगहों के मेकिंग चार्ज की जानकारी जरूर ले। जिससे आपके गहने की कीमत में कम से कम मेकिंग चार्ज हो और सोना या मेटल अधिक हो। जब भी आप गहने बेचेंगे, मेकिंग चार्ज की कीमत का नुकसान तो होगा ही क्योंकि बेचते वक्त तो आपको सोने की कीमत ही मिलेगी।
ऐसे में कम से कम मेकिंग चार्ज वाली खरीदारी ही फायदे का सौदा है। सोने की ज्वेलरी खरीदते वक्त मेकिंग चार्जेज जानना बेहद जरूरी है। सौदेबाजी करना और मेकिंग चार्ज को कम करना और भी जरूरी है।ज्वेलरी के मेकिंग चार्जेस पर आपको मोलभाव करना चाहिए। याद रखें ये शुल्क गहनों की लागत का 30 प्रतिशत तक हो सकते हैं। आप इन्हें कम करने के लिए मोलभाव जरूर करें।
बिल लेना न भूलें
सोना जब भी खरीदें तो उसका बिल जरूर लें। आप अगर कुछ वर्षों के बाद उसी सोने को लाभ पर बेचते हैं, तो आपको कैपिटल गैन टैक्स की गणना के लिए खरीदारी का मूल्य पता होना चाहिए। इसके लिए बिल प्रूफ का काम करेगा। ज्वेलर की तरफ दिए जाने वाले बिल में आपके खरीदे गए सोने या चांदी के जेवर की शुद्धता के अलावा उसका रेट और वजन का विवरण होता है।आपके पास आभूषणों का बिल नहीं होगा तो सुनार आपसे मनमाने भाव पर सोना खरीदने की कोशिश करेगा। इससे आपको नुकसान होगा।