
अयोध्या। आयुक्त नवदीप रिणवा, जिलाधिकारी नितीश कुमार, डीआईजी अमरेंद्र प्रसाद सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने संयुक्त रूप से 14 कोसी परिक्रमा में तैनात सभी जोनल मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, अधिकारी गण व पुलिस बल को परिक्रमा को शांतिपूर्ण ढंग से सफल होने पर आभार व्यक्त किया।
जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि आज रात लगभग 10:30 तक लगभग 40 से 41 लाख श्रद्धालु परिक्रमा करने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को विभिन्न सुविधाएं सुगमता से उपलब्ध कराए जाने के दृष्टिगत स्थापित राहत कैम्पों, मेडिकल कैंपों सहित शुद्ध पेयजल, शौचालय आदि व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया तथा वहां पर तैनात मजिस्ट्रेट, अधिकारी एवं कर्मचारियों के ड्यूटी पॉइंट्स को चेक कर सम्बंधित मजिस्ट्रेट्स/अधिकारियों, कर्मचारियों को परिक्रमा को सकुशल कराए जाने के दृष्टिगत अपने अपने दायित्वों का गंभीरता से निर्वहन करने, विशेष सतर्कता बरतने तथा परिक्रमार्थियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं सुगमता से उपलब्ध कराए जाने के संबंध में आवश्यक दिशा–निर्देश दिये।
इसी तरह पंचकोसी परिक्रमा को सभी अधिकारीगण पुलिस बल अपने ड्यूटी क्षेत्र में तैनात रहकर पंचकोसी परिक्रमा को भी सफल बनाएंगे। जिला प्रशासन ने 14 कोसी परिक्रमा सफल होने पर अयोध्या में बनाए गए कंट्रोल रूम वा मीडिया बंधुओं के प्रति आभार व्यक्त किया।
वाराणसी कैंट स्टेशन के लिफ्ट में फंसी रहीं छात्राएं, इस तरह से किया गया रेस्क्यू
धनवान व्यक्ति वही है जो अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे ,वही आज के समय में धनवान व्यक्ति है
अयोध्या। परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम के द्वारा ही संभव हो सकती है। यह उदगार श्रीमद भागवत कथा व्यास धर्माचार्य धर्म जी महाराज ने मुख्य यजमान गुड्डी पाण्डेय व चंद्रशेखर पाण्डेय के निवास लालगंज में पंचम दिवस की कथा में श्रवण कराई। जिसमे श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। महाराज श्री ने कहा पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए महाराज ने बताया कि पूतना राक्षसी ने बालकृष्ण को उठा लिया और स्तनपान कराने लगी।
श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते-करते ही पुतना का वध कर उसका कल्याण किया। सभी को गौ माता की सेवा, गायत्री का जाप और गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। गाय की सेवा से 33 करोड़ देवी देवताओं की सेवा हो जाती है।
गोपबालकों ने जाकर यशोदामाता से शिकायत कर दी–’मां तेरे लाला ने माटी खाई है यशोदामाता हाथ में छड़ी लेकर दौड़ी आयीं। ‘अच्छा खोल मुख।’
माता के ऐसा कहने पर श्रीकृष्ण ने अपना मुख खोल दिया। श्रीकृष्ण के मुख खोलते ही यशोदाजी ने देखा कि मुख में चर-अचर सम्पूर्ण जगत विद्यमान है। है।