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वाराणसी कैंट स्टेशन के लिफ्ट में फंसी रहीं छात्राएं, इस तरह से किया गया रेस्क्यू

वाराणसी कैंट स्टेशन के लिफ्ट में फंसी रहीं छात्राएं, इस तरह से किया गया रेस्क्यू

वाराणसी। वाराणसी जंक्शन (कैंट स्टेशन) के प्लेटफार्म नम्बर पांच पर गुरूवार को छह छात्राएं लिफ्ट में फंस गईं। इस घटना से लिफ्ट में फसीं छात्राएं घबरा गईं।

सूचना मिलने पर रेल प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी और जीआरपी मौके पर पहुंची और लाक खोलकर छात्राओं को बाहर निकाला। तब जाकर छात्राओं ने राहत की सांस ली।

इस दौरान करीब 15 मिनट तक अफरातफरी का माहौल रहा।

बताया जाता है कि छह छात्राएं मुगलसराय जंक्शन से ट्रेन से वाराणसी कैंट जंक्शन पहुंची। यहां से उतरने के बाद पांच नम्बर प्लेटफार्म पर लिफ्ट में सवार हुईं। नीचे उतरते ही लिफ्ट का गेट लाक को गया।

जब गेट नही खुला तो छात्राएं घबरा गई। अंदर ही शोर मचाने लगीं लेकिन आवाज बाहर नही जा पा रही थी। 

इस दौरान उन्होंने कुछ लोगों को फोन किया। तब तक कुछ यात्रियों ने उन्हें देख लिया। सूचना पर रेलवे प्रशासन के अधिकारी, तकनीकी विभाग के लोग जीआरपी के साथ पहुंचे।

उन्होंने लाक खोला और तकनीकी विभाग के लोगों ने छात्राओं को बताया कि लिफ्ट में आपातकाल के लिए भी बटन की व्यवस्था है। लिफ्ट में चढ़ते और उतरते समय क्या सावधानी बरतें। 

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Dev deepawali in Varanasi : शहर में देव दीपावली के मौके पर पुलिस विभाग ने याताया को संभालने के लिए विशेष तैयारी की है। यातायात को संभालने के लिए विभाग की ओर से गलियों से लेकर प्रमुख मार्गों तक के लिए चार्ट तैयार कर उसे अमलीजामा पहनाने की तैयारी है।

दरअसल उस दिन स्‍थानीय आयोजन की वजह से अवकाश भी घोषणा प्रशासन की ओर से की जा चुकी है। ऐसे में शहर और बाहर के लोगों की भीड़ का रुख घाटों की ओर दोपहर बाद से ही होने लगेगा। ऐसे में प्रशासन ने पूरा खाका अभी से खींच लिया है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष पवित्र कार्तिक पूर्णिमा का व्रत 8 नवम्बर के दिन रखा जाएगा। इस साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को चन्द्र ग्रहण भी लगेगा। इस विशिष्‍ट संयोग के कारण देव दीपावली पर्व एक दिन पहले यानि 7 नवम्बर के दिन मनाया जाएगा। इस लिहाज से काशी के ज्‍योतिषी भी देव देव दीपावली 7 नवंबर को मान रहे हैं।  

देव दीपावली पर गंगा तट एक साथ रोशनी बिखरने वाले लाखों दीपों की मनोरम छटा को निहारने देश-दुनिया से लाखों लोग घाटों पर पहुंचेगे। इस दौरान यातायात व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी।

लोगों के साथ ढेरों वीआईपी को आने-जाने में दिक्कत न हो इसे लेकर ट्रैफिक पुलिस योजना बनाने में जुट गई है। इसके तहत वाहनों को पांच सौ मीटर दूर ही रोक दिया जाएगा। कई जगहों पर पार्किंग बनाई जाएगी।

एडीसीपी ट्रैफिक दिनेश कुमार पुरी के अनुसार देवदीपावली पर शाम के समय घाटों की तरफ भारी भीड़ जाएगी। आयोजन के बाद वापस भी लौटेगी। इससे घाटों की तरफ जाने वाले रास्तों पर यातायात का भारी दबाव रहेगा।

लोगों को किसी तरह की परेशानी से बचाने के लिए समस्त वाहनों को घाट की तरफ जाने वाले रास्ते से 500 मीटर पहले रोक दिया जाएगा। गलियों में भी लोगों को सिर्फ पैदल जाने की अनुमति होगी।  घाटों की तरफ जाने वाले कुछ रास्तों पर डायवर्जन लागू किया जाएगा। शहर में विभिन्न जगहों पर पार्किंग का इंतजाम किया जाएगा। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस के जवान लगातार चक्रमण करते रहेंगे।

लोगों को पार्किंग के अलावा रास्तों पर वाहनों को खड़ा करने से रोका जाएगा। बड़े वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक रहेगी। बेनियाबाग व मैदागिन के अलावा अन्य पार्किंग स्थल तय किये जा रहे हैं।

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 देव दीपावली पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू नहीं आएंगी। इसके साथ ही उस दिन जिले में किसी और वीवीआईपी का आगमन नहीं है। इससे प्रशासनिक महकमा भी राहत में है। मंगलवार को मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने देव दीपावली की तैयारियों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। 

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने पिछले पांच छह दिनों से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन को लेकर लगायी जा रही अटकलों पर विराम लगा दिया है। कहा कि देवदीपावली पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के यहां आगमन का कोई कार्यक्रम नहीं है। प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्री, न ही किसी नेशनल गेस्ट के आने की उम्मीद है। यह मानकर चल सकते हैं कि देवदीपावली पर राज्यपाल व मुख्यमंत्री आ सकते हैं।

कमिश्नर मंगलवार को कमिश्नरी सभागार में पुलिस, नगर निगम, पर्यटन समेत अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ देवदीपावली की तैयारी की समीक्षा कर रहे थे। कहा कि देवदीपावली से पूर्व मुख्यमंत्री चार नवंबर को काशी आ सकते हैं।

स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेने के बाद वे देवदीपावली की तैयारी की समीक्षा करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री छह नवंबर को चंदौली में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने आ रहे हैं। संभव है देवदीपावली की पूर्व संध्या पर तैयारियों का जायजा लें और अगले दिन यहां देवदीपावली देखें। इसलिए पांच नवंबर तक तैयारी शत प्रतिशत पूरी होनी चाहिए।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गंगा घाट पर वालंटियर को लगाने के लिए समितियों को निर्देशित किया गया

देवदीपावली पर न्यायधीश समेत अन्य गेस्ट अवश्य आएंगे। इन सभी लोगों को बोट से नमोघाट से राजघाट लाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सांस्कृतिक कार्यक्रम पांच, छह व सात नवंबर को राजघाट पर ही आयोजित होंगे।

कमिश्नर ने हाल की घटनाओं को देखते हुए भीड़ को कंट्रोल करने के ठोस उपाय किए जाने का निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिया। कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गंगा घाट पर वालंटियर को लगाने के लिए समितियों को निर्देशित किया गया है। इसके अलावा पर्याप्त संख्या में पुलिस, सिविल डिफेंस, होमगार्ड, एनएसएस के वालंटियर को लगाया जाए।

महिला पुलिस की तैनाती होगी

नाव संचालन की समुचित व्यवस्था हो। एनडीआरएफ पूरी तरह मुस्तैद रहे और पर्याप्त गोताखोरों को पहले से चिह्नित कर सुरक्षा टीम में शामिल कर लें। भीड़ को नियंत्रित करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। गंगा घाटों के आसपास बेसहारा पशु एक भी नहीं दिखने चाहिए। लाइटिंग की पूरी व्यवस्था रखें।

पुलिस कमिश्नर के सतीश गणेशन ने पुलिस अधिकारियों को भीड़ नियंत्रित करने के लिए अलर्ट किया। कहा कि देवदीपावली पर महिलाओं की संख्या अधिक होती है। इसलिए पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस की तैनाती होगी। पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी तरह की घटना से निबटने के सभी उपाय पहले ही सुनिश्चित कर लिए जाएं। नगर आयुक्त समेत सभी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

  • देवदीपावली पर गंगा में दो लेन में चलेंगी नावें
  • पर्याप्त संख्या में तैनात पुलिस फोर्स रखेंगी नजर
  • महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुख्ता होंगे इंतजाम
  • श्रीकाशी विश्वनाथधाम की दीवारों पर लाइट एंड साउंड शो
  • राजघाट पर पांच, छह व सात को सांस्कृतिक कार्यक्रम
  • गंगा पार तीन से चार लाख जलाए जाएंगे दीये
  • शहर की सभी प्रमुख सड़कों को तीन दिन के अंदर गडढामुक्त करने का निर्देश
  • छह नवंबर को विशेष सफाई अभियान, अधिकारी भी लेंगे भाग

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