Anganwadi Bharti 2022: आंगनबाड़ी सेविका भर्ती के नियमो में बड़ा बदलाव, इस साल इन महिलाओं को दी जाएगी प्राथमिकता

Anganwadi Bharti 2022: Big change in the rules of Anganwadi Sevika recruitment, priority will be given to these women this year
Anganwadi Bharti 2022: आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के चयन को ले नयी नियमावली में आवेदिका की शैक्षणिक योग्यता को ही मुख्य रूप से केंद्र में रखा जाएगा।
मुझे माफ कर दीजिएगा सचिव जी...मुझे नहीं पता था की विनोद इतना ज्यादा देख लेगा!
अभी तक यह व्यवस्था की आवेदन करने वाली महिला की शैक्षिणक योग्यता इंटर पास तय थी। अब यह व्यवस्था की जा रही कि अगर किसी एमए पास या
फिर पीएचडी की हुई महिला ने आंगनबाड़ी सेविका या फिर सहायिका के लिए आवेदन कर दिया तो उसके नीचे जितने भी आवेदन मैट्रिक या बीए पास की हुई महिलाओं के होंगे उन सभी पर विचार नहीं होगा।
सबसे उच्च शैक्षिणक योग्यता वाली महिला को ही आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के पद पर चयन के मामले में प्राथमिकता मिलेगी। जिस समय आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के चयन के लिए नियमावली तैयार की जा रही थी।
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उस वक्त यह बात सामने आयी कि चयन के लिए ग्राम सभा की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जाए। इसकी वजह से विलंब होता है तथा धांधली की शिकायतें भी आती हैं।
पर बड़े स्तर पर विमर्श के बाद यह तय हुआ कि ग्राम सभा की व्यवस्था को खत्म नहीं किया जाएगा। यह व्यवस्था पारदर्शी रहे इसका प्रविधान किया जाए।
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अगर कोई आपत्ति की जाती है तो उस का निबटारा भी पारदर्शी तरीके से किया जाए।
चयन के लिए जो शर्त हैं उसका अनुपालन शत प्रतिशत किया गया है यह प्रमाणिक तरीके से उपलब्ध हो। आम तौर पर यह शिकायत रहती है कि आवेदकों ग्राम सभा के आयोजन की तारीख के बारे में बताया ही नहीं गया।
यह सुनिश्चत किया जाए कि सभी डिजिटली इस बारे में सूचना उपलब्ध कराया जाए। इसका प्रमाण भी रखा जाए क्योंकि चयन के बाद इस तरह की कई शिकायतें आती हैं।
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के चयन को लेकर जो शिकायतें पहुंची उनमें अधिकतर इसी प्रकृित के थे कि ग्राम सभा के बारे में उन्हें सूचना नहीं दी गयी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने जब दूसरी बार जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम को आरंभ किया था तब आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयन में धांधली के मामले बड़ी संख्या में आने लगे।
मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में ही संबंधित महकमे के अधिकारी को यह निर्देश दिया कि पूरे मामले की जांच की जाए।
अधिकतर शिकायतों के मूल में यह था कि जिनका आंगनबाड़ी सेविका या फिर सहायिका के रूप में चयन हुआ उससे अधिक अंक उनका था,
पर आम सभा बुलाकर कम अंक वाले का चयन कर लिया गया। आम सभा के बारे में उन्हें सूचित भी नहीं किया गया।
बड़ी संख्या में धांधली सामने आने पर समाज कल्याण विभाग ने यह तय किया कि आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के चयन के लिए आम सभा की व्यवस्था ही खत्म कर दी जाए।
समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि पूर्व में भी उन्होंने इस आशय की बात कही थी। अब नियमावली के अस्तित्व में आने के बाद धांधली की शिकायतें खत्म हो जाएंगी। यह नए स्तर पर होने वाले चयन में प्रभावी होगा।
आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका 65 वर्ष की उम्र में स्वतः कार्यमुक्त हो जाती हैं। उनके कार्यमुक्त होने के बाद हुई रिक्ति तथा अनियमितता के आरोप में कार्यमुक्त हुईं सेविका और सहायिका के बाद खाली हुई जगह पर नई नियमावली के माध्यम से चयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।