×

Anti Ragging Law: 13 साल पहले सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान पर बना कानून

Anti Ragging Law: 13 साल पहले सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान पर बना कानून

नए माहौल में खुद को ढालने की जद्दोजहद करते फ्रेशर्स यानी जूनियर कई बार सीनियर्स की धौंस के सामने टूट जाते हैं और जीवन समाप्त करने जैसा भयानक स्टेप उठा लेते हैं।

 

 उत्तराखंड: के मेडिकल कॉलेज में 40 छात्रों के कपड़े उतरवाने का मामला सामने आने के बाद ये जानना जरूरी है कि भारत में रैगिंग से संबंधित कानून (Anti Ragging Law) क्या कहते हैं।

 

 

 

दरअसल, कॉलेजों में जूनियर छात्रों का परिचय हासिल करने के नाम पर कई बार सीनियर स्टूडेंट तमाम सीमाएं लांघ जाते हैं।

today gold price 15 november 2022: सोने-चांदी के दामों में उछाल, जानिए क्या है आज का भाव ...

नए माहौल में खुद को ढालने की जद्दोजहद करते फ्रेशर्स यानी जूनियर कई बार सीनियर्स की धौंस के सामने टूट जाते हैं और जीवन समाप्त करने जैसा भयानक स्टेप उठा लेते हैं।

13 साल पहले हुई ऐसी ही घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था, जहां हिमाचल के एक मेडिकल कॉलेज में छात्र की मौत हो गई थी।

आरोपी जेल की सलाखों के पीछे जाएंगे 


2009 में हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट अमन की मौत के बाद देश की सबसे बड़ी अदालत ने रैगिंग के मामले की गंभीरता को समझा। कानून का डंडा चलने पर सख्ती हुई और भारत में रैगिंग अपराध की श्रेणी में रखा गया।

https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2953008738960898" crossorigin="anonymous">

बुजुर्ग फरियादी के पैसे जज ने अपनी तरफ से चुकाए

जानना दिलचस्प है कि रैगिंग कॉलेजों में होने वाली किन Activities को कहा जाता है। दोष साबित होने पर आरोपी स्टूडेंट का पूरा करियर चौपट होने की आशंका होती है।

36 महीनों की जेल का प्रावधान है ऐसे में दोष साबित होने पर रैगिंग करने के आरोपी छात्र के करियर के सुनहरे दिन सीनियर होने की धौंस जमाने के कारण सलाखों के पीछे बीत सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट: कठुआ गैंगरेप नाबालिग आरोपी को बालिग मानकर चलेगा केस

रैगिंग भारत में अपराध


करीब 13 साल पहले हिमाचल प्रदेश के एक छात्र की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। इस मामले को धर्मशाला के अमन काचरू केस 2009 के रूप में जाना जाता है।

देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा था कि रैगिंग की गंभीरता को भांपते हुए इसके खिलाफ कानून बनाने के लिए समिति का गठन किया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट की इस समिति ने रैगिंग को शिक्षा प्रणाली में सबसे बड़ा घाव करार दिया था।

PM मोदी बोले- ये हर नागरिक के लिए गर्व का पल, भारत को मिली G-20 की अध्यक्षता

रैगिंग के खिलाफ UGC का क्या है कानून


उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग के खिलाफ कानून पर समाचार पत्र के मुताबिक रंगरूप या पहनावे को निशना बनाकर टारगेट किए जाने और विचलित या परेशान करने की नीयत से नामकरण की कोशिश रैगिंग के दायरे में आएगी।

स्टूडेंट को क्षेत्र, भाषा या जाति के आधार पर परेशान करना या अपमानजनक नाम लेकर पुकारना भी रैगिंग के तहत अपराध। किसी छात्र की नस्ल या फैमिली को लेकर टिप्पणी या आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर लज्जित या अपमानित करना रैगिंग माना जाएगा।

G20 में डिनर के दौरान हुई मुलाकात, गलवान झड़प के बाद पहली बार मिले मोदी और जिनपिंग

कितनी सजा मिल सकती है


छात्र-छात्राओं (खास तौर पर फ्रेशर्स) को अजीबोगरीब नियम के नाम पर परेशान करना। अपमानजनक टास्क या उनके स्वाभिमान से खिलवाड़ भी रैगिंग। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने स्पष्ट कहा है कि यदि किसी छात्र के बारे में की गई

ऐसी बात जो उसके धर्म, जाति या क्षेत्रीयता के आधार पर हो और उसे ऐसे कथित मजाक से अपमान का एहसास हो तो ऐसी एक्टिविटी रैगिंग के दायरे में आएगी।

शिक्षा प्रणाली के सबसे बड़े घाव का इलाज कैसे ?


UGC के नियमों में रैगिंग की सबसे सख्त सजा तीन साल का सश्रम कारावास है। यानी मस्ती के नाम पर जूनियर छात्रों के सामने सीनियर होने की धौंस जमाने वाले छात्रों को उनकी आपत्तिजनक एक्टिविटी जेल की सलाखों के पीछे भी पहुंचा सकती है।

यह भी पढ़े:

संयुक्त राष्ट्र ने बताया 8 अरब हुई दुनिया की आबादी, 8 अरबवां नागरिक बनी फिलीपींस में पैदा हुई बच्ची

आज विश्व की कुल बढ़कर आठ अरब हो गई। क्या आपको पता है कि दुनिया का 8 अरबवां नागरिक कौन है? यह एक न्यूबॉर्न बेबी है जो पैदा हुई फिलिपीन्स के मनीला स्थित टोंडो स्थित एक अस्पताल में।

फिलिपीन्स : आज दुनिया की आबादी आठ अरब हो गई। क्या आपको पता है कि दुनिया का 8 अरबवां नागरिक कौन है? यह एक बच्ची है जो पैदा हुई फिलिपीन्स के मनीला स्थित टोंडो में।

डॉक्टर जोस फैबेला मेमोरियल हॉस्पिटल में स्थानीय समयानुसार 1.29 बजे पैदा हुई इस बच्ची का नाम है विनिस माबनसैग।

विनिस के जन्म को फिलिपीन्स के जनसंख्या और विकास आयोग द्वारा जमकर सेलेब्रेट किया गया। आयोग ने बच्ची और उसकी मां की फोटो फेसबुक पर भी शेयर की है।

लिखी गई खास फेसबुक पोस्ट

फिलिपीन्स के जनसंख्या और विकास आयोग ने इस बारे में फेसबुक पोस्ट भी लिखी है। इसमें लिखा गया है कि दुनिया की आबादी ने एक माइलस्टोन हासिल कर लिया है।

मनीला के टोंडो में पैदा हुई बच्ची को सिंबोलिक तौर पर दुनिया का आठ अरबवां नागरिक माना गया है। इसमें आगे लिखा गया है कि बेबी विनिस का जन्म 15 नवंबर को हुआ।

वह डॉक्टर जोस फेबेला मेमोरियल हॉस्पिटल में नर्सों की देखरेख में पैदा हुई। संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा कि दुनिया की आबादी 8 अरब पर पहुंच गई है।

इसके मुताबिक जीवन प्रत्याशा में बढ़ोत्तरी और मौत के खतरों में कमी आने के बाद लोग अब लंबा जीवन जी रहे हैं।

जनसंख्या विस्फोट से धरती खतरे में, कब रुकेगा यह विस्फोट

आठ अरब उम्मीदें

इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने यह भी कहा कि सिर्फ संख्या को देखने की जरूरत नहीं है। धरती को बेहतर बनाने की हमारी जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गई है।

यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड ने इसको लेकर ट्वीट किया। इस ट्वीट में लिखा 8 अरब उम्मीदें, 8 अरब सपने, 8 अरब संभावनाएं। हमारा प्लैनेट अब 8 अरब लोगों का घर है।

वैश्विक आबादी में एक अरब लोगों को जुड़ने में 12 साल लग गए हैं। यूएन ने यह भी कहा है कि अगले साल भारत आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा। 

Share this story