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US: ट्रम्प की वापसी, CBS सर्वे में लगभग 80 प्रतिशत अमेरिकियों ने बाइडेन को नकारा

US में हो सकती है ट्रम्प की वापसी, CBS सर्वे में लगभग 80 प्रतिशत अमेरिकियों ने बाइडेन को नकारा !

सर्वे में 79% लोगों ने वर्तमान स्थिति को 'नियंत्रण से बाहर' बताया। US में महज 26% ही बाइडेन को लेकर आशावादी। सर्वे में 56 फीसदी लोगों ने बाइडेन को राष्ट्रपति के तौर पर नकार दिया।

 वाशिंगटन: अमेरिका में आ रहे मिड टर्म चुनावों के बीच हुए एक नए सर्वे ने बाइडेन सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है। सोमवार को आये सीबीएस न्यूज-YOUGOV के एक सर्वे के अनुसार दस में से लगभग आठ अमेरिकियों का मानना ​​है कि सरकार अपने नियंत्रण में नहीं है।

 

 

आठ नवंबर को होने वाले मध्यावधि चुनाव से पहले आये इस सर्वे में पाया गया कि 79% लोग वर्तमान स्थिति को ‘नियंत्रण से बाहर’ के रूप में देख रहे हैं, जबकि 21% इस बात से असहमत थे।

 

वहीं 73% संभावित मतदाता अमेरिका में चीजों को ‘कुछ हद तक’ या ‘बहुत बुरी’ तरह से ख़राब होता हुआ देखते हैं महज 26% ही बाइडेन को लेकर आशावादी दिखे।

 

 

56 फीसदी लोगों ने बाइडेन को नकारा


सर्वे में 56 फीसदी लोगों ने बाइडेन को राष्ट्रपति के तौर पर नकार दिया है जबकि 44% ने उनके प्रदर्शन के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण रखा। CBS के अनुसार रिपब्लिकन आज सदन में अधिकांश सीटें जीतने की अच्छी स्थिति में हैं। सर्वे के बेसलाइन मॉडल में रिपब्लिकन 228 सीटों पर आगे हैं जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के पास सिर्फ 207 सीटें आती दिख रही हैं।

सर्वे में मतदाताओं ने बताया कि यदि रिपब्लिकन जीत जाते हैं तो आधे से अधिक मतदाता उम्मीद करते हैं कि वे अमेरिकी ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि पर जोर देंगे तथा जो बिडेन पर महाभियोग लाएंगे साथ ही साथ गर्भपात पर प्रतिबंध लगाएंगे और चुनावों में डेमोक्रेटिक जीत को उलट देंगे।

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इस बीच यदि डेमोक्रेट्स सदन में बहुमत बनाए रखते हैं तो उत्तरदाताओं से अपेक्षा है कि वे गर्भपात के राष्ट्रीय अधिकार की गारंटी देने वाला कानून पारित करने का प्रयास करें और मेक्सिको के साथ सीमा खोलें और पुलिस फंडिंग में कटौती करें और सामाजिक सुरक्षा बढ़ाएं।

Brazil President Election 2022 :वामपंथी लूला डा सिल्वा फिर बने ब्राजील के राष्ट्रपति...

लूला को 50.83 फीसदी वोट मिले, प्रतिद्वंद्वी बोल्सोनारो को 49.17 फीसदी वोट प्राप्त करते हुए जायर बोल्सोनारो को हराकर लूला डा सिल्वा तीसरी बार ब्राजील के राष्ट्रपति बने। लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने इस चुनाव में अपनी पिछली उपलब्धियों को गिनाया था।

साओ पाउलो: ब्राजील में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में वामपंथी ‘वर्कर्स पार्टी’ के लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने निवर्तमान राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो को हरा दिया है। निर्वाचन प्राधिकरण ने रविवार को यह जानकारी दी।

प्राधिकरण के मुताबिक आम चुनाव में पड़े कुल मतों में से 98.8 प्रतिशत मतों की गिनती के अनुसार लूला डा सिल्वा को 50.8 फीसद और बोलसोनारो को 49.2 प्रतिशत मत मिले। लूला डा सिल्वा 2003 से 2010 के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति रह चुके हैं।

लूला डा सिल्वा (77) को 2018 में भ्रष्टाचार के मामले में कैद की सजा सुनाई गई थी जिस वजह से उन्हें उस साल चुनाव में दरकिनार कर दिया गया था। इस कारण तत्कालीन उम्मीदवार बोलसोनारो की जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ था।

76 वर्षीय लूला ने जनता से किया था ये वादा

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार इस साल के चुनावों ने 156 मिलियन से अधिक लोगों को वोट डालने की अनुमति थी। 76 वर्षीय लूला ने बोल्सोनारो को पद से हटाने के अभियान पर ध्यान केंद्रित किया और अपने पूरे अभियान में अपनी पिछली उपलब्धियों को गिनाया।

उनके अभियान में एक नई कर व्यवस्था का वादा था जो उच्च सार्वजनिक खर्च की अनुमति देगा। इसके साथ ही उन्होंने ब्राजील से भुखमरी खत्म करने का संकल्प लिया, जो बोल्सोनारो सरकार के दौरान एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी थी।

बोल्सोनारो ने किया था ये वादा

67 वर्षीय बोल्सोनारो कंजर्वेटिव लिबरल पार्टी के तहत फिर से चुनावी दौड़ में थे। उन्होंने खनन बढ़ाने और सार्वजनिक कंपनियों का निजीकरण करने और ऊर्जा की कीमतों को कम करने के मुद्दे पर अपना अभियान केंद्रित किया था।

विवादों से घिरे थे लूला

लूला भी विवादों से बचे नहीं हैं इसलिए उन्हें 2017 में सरकारी तेल कंपनी पेट्रोब्रास में व्यापक “ऑपरेशन कार वॉश” जांच से उपजे आरोपों पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए दोषी ठहराया गया था।

लेकिन दो साल से कम समय की सजा के बाद सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश ने मार्च 2021 में लूला की सजा रद्द कर दी जिससे उनका छठी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया।

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