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मनुष्य जब परमात्मा के शरण ग्रहण कर लेता है परमात्मा उसकी रक्षा करते हैं - विष्णु कांत शास्त्री

मनुष्य जब परमात्मा के शरण ग्रहण कर लेता है परमात्मा उसकी रक्षा करते हैं - विष्णु कांत शास्त्री

वाराणसी। चौबेपुर में श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस में विष्णु कांत शास्त्री ने कहां की जब मनुष्य सर्वभाव से एक परमात्मा के शरण ग्रहण कर लेता है तो परमात्मा उसकी रक्षा करते हैं अश्वत्थामा ने क्रोध से ब्रह्मास्त्र का संधान देवी उत्तरा के गर्भ में कर दिया देवी उत्तरा ब्रह्मास्त्र से बचने के लिए पांडव कुंती और द्रौपदी का आश्रम नहीं लिया समस्त ससारियों का आश्रय त्याग करके गोविंद के चरणों में गिर गई और नारायण ने उत्तरा के गर्भ में प्रवेश करके परीक्षित की रक्षा की। जब निर्मल भाव से परमात्मा के शरण में जीव जाता है तो नारायण उसकी सब प्रकार से रक्षा करते हैं।

वाराणसी

उन्होंने मानव जीवन से जुड़े बिंदुओं पर धर्म से जोड़ कर उस पर विस्तार से चर्चा की। श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन स्व.न्यायमूर्ति श्रीषनाथ तिवारी की पुण्यतिथि की स्मृति में सनसाईन कांवेंट स्कूल प्रांगण में पूर्वांचल के बड़े व्यवसायी चंद्रशेखर तिवारी मून बाबू के द्वारा आयोजित किया गया है।

इस कथा को सुनने के लिए प्रतिदिन आसपास गांवों की भीड़ उमड़ रही है।कथा का अनुश्रवण करने वालों में पूर्व न्यायाधीश अजीत कुमार तिवारी, अरूण तिवारी,रवि तिवारी, अनुराग तिवारी। अपूर्व कुमार तिवारी, विनोद चतुर्वेदी, हवलदार सिंह, नथुनी यादव,शिवम चतुर्वेदी, संतोष कन्नौजिया, सहित कई प्रमुख लोग शामिल रहे।

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