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Varanasi News: तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने बाइक सवार को मारी टक्कर, बेटा बेटी सहित बाप की मौत, 21 मई को थी बेटी की शादी

Varanasi News: तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने बाइक सवार को मारी टक्कर, बेटा बेटी सहित बाप की मौत, 21 मई को थी बेटी की शादी

वाराणसी। एक कहावत है कल किसने देखा जिंदगी का कोई पता नही कब किस मोड़ पर मौत आ जाये। रामनगर थाना क्षेत्र के डोमरी गांव निवासी भाई रतनदीप (उम्र 24 वर्ष) और बहन ज्योति (उम्र 28 वर्ष) अपने पिता अविनाश प्रसाद (उम्र  66 वर्ष) का बीएचयू अस्पताल से डायलिसिस करवा कर बाइक से रात को घर की ओर आ रहे थे।

जब वह रामनगर पड़ाव मार्ग पर कोदोपुर ही पहुंचे थे कि पीछे से रामनगर से पड़ाव की तरफ आ रही तेज रफ्तार से ट्रैक्टर ने बाइक सवार को धक्का मार दी और मौके से भाग निकला।


आपको बता दे की  इस हादसे में मौके पर ही बाप और बेटी की मौत हो गयी, जबकि और थोड़ी ही देर बाद बेटे की भी तड़प-तड़प कर मौके पर मौत हो गयी। जिसकी सूचना पाकर मौके पर पहुँची रामनगर पुलिस ने तीनों शव को अपने कब्जे में लेकर थाने ले आयी और पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिये भेजा।

वाराणसी जैतपुरा, औसानगंज निवासी अविनाश प्रसाद 9 वर्ष पूर्व रामनगर थाना क्षेत्र के डोमरी गांव में मकान बनवा कर अपने परिवार के साथ रह रहे थे और प्लास्टिक दाना का कारोबार करके परिवार का भरण पोषण करते थे। मधुमेह रोग होने से वाराणसी स्थित बीएचयू अस्पताल में इलाज चल रहा था।

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बीती रात मंगलवार को रतनदीप और ज्योति अपने पिता अविनाश प्रसाद का बीएचयू अस्पताल से डायलिसिस करवा कर बाइक से रात को घर आ रहे थे और जैसे ही रामनगर पड़ाव मार्ग पर कोदोपुर पहुँचे कि पीछे से तेज रफ्तार से आ रही ट्रैक्टर बाइक सवार को धक्का मरते हुए भाग निकला।

जिससे मौके पर ही बाप,बेटी दम तोड़ देते है और घायल रतनदीप एक्सीडेंट की सूचना अपने चाचा राकेश सेठ को देने के बाद दम तोड़ देता है। घर पर एक्सीडेंट की सूचना मिलते ही परिवार पर दुखो का पहाड़ टूट गया और परिवार का रो रोकर बुरा हाल हुआ है।


21 मई को थी लड़की प्रीति की शादी


मृतक अविनाश प्रसाद की 9 बच्चो में 7 लडकिया और 2 लड़के है। जिसमे 5 लड़कियों की शादी हो चुकी है और छठवीं लड़की प्रीति की शादी 21 मई को होनी थी। सभी बहन और रिश्तेदार घर पर आ गए थे और आज लड़की की हल्दी और उर्दी की रश्म होने वाला था। 
एक तरफ जहाँ घर पर शादी की तैयारी चल रहा था और घर पर रंगाई पुताई के कार्य के साथ साथ शादी के सामान की खरीदारी और साज सज्जा का कार्य चल रहा था।

पर यहाँ भगवान को कुछ और ही मंजूर था। हमेशा की भांति घर से पिता के इलाज के लिए निकले  बेटा और बेटी  किसी को क्या पता था कि कोई लौटकर नही आएगा। परिवार वालों को एक्सीडेंट से हुई मृत्यु सूचना मिलते ही घर की खुशियां मातम में बदल गयीं।

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