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Varanasi News: एटरब्लिस फाउंडेशन द्वारा नीदरलैंड्स के ओलस्ट शहर में होगा श्री रामलला मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर का उद्घाटन

Varanasi News: एटरब्लिस फाउंडेशन द्वारा नीदरलैंड्स के ओलस्ट शहर में होगा श्री रामलला मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर का उद्घाटन

Varanasi News: एटरब्लिस फाउंडेशन द्वारा नीदरलैंड्स के ओलस्ट शहर में होगा श्री रामलला मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर का उद्घाटन

आध्यात्मिक विकास के राम आवहन योग क्रिया की दीक्षा जरूरी  - स्वामी अखंड सम्राट आनंद जी।


वाराणसी आज मलदहिया स्थित होटल हिंदुस्तान इंटरनेशनल  में आयोजित पत्रकार वार्ता में एटरब्लिस फाउंडेशन इंडिया के संस्थापक स्वामी अखंड सम्राट आनन्द जी महाराज व संस्था के निदेशक राहुल मुखर्जी ने संयुक्त रूप से पत्रकारों को बताया कि नीदरलैंड्स की संस्था शिरडी साईं बाबा फाउंडेशन जिसके चेयरमैन डॉ एटिएन भगवान प्रेमदानी के साथ मिलकर विश्व भर में सनातन धर्म के ज्ञान का प्रचार- प्रसार तथा विश्व में श्री रामलला की मूर्ति बनाकर प्राण प्रतिष्ठा व इसका भव्य उद्घाटन करने का संकल्प लिया गया है।

उक्त बातें संस्था के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु स्वामी अखंड सम्राट आनन्द जी ने विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि श्री रामलला की मूर्ति का भव्य प्राण प्रतिष्ठा व शुभारम्भ यूरोप के नीदरलैंड्स के शहर ओल्स्ट में की जा रही हैं।

Varanasi News: एटरब्लिस फाउंडेशन द्वारा नीदरलैंड्स के ओलस्ट शहर में होगा श्री रामलला मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर का उद्घाटन

साथ ही पूरे यूरोप में श्री रामलला की मूर्ति स्थापित तथा मंदिर बनाने का संकल्प लिया है। बहुत ही गर्व का विषय है कि इस वर्ष अयोध्या में विराजमान श्री रामलला मूर्ति के समान ही दिव्य कृष्ण शीला पत्थर से निर्मित यह पवित्र मूर्ति अनादि भक्ति के सार समाहित करती हैं।

इन मूर्तियों का निर्माण विश्व की आध्यात्मिक राजधानी काशी में होगी। इस अवसर पर संस्था के निदेशक राहुल मुखर्जी ने बताया कि स्वामी जी द्वारा विश्व भर में सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के साथ नीदरलैंडस में राम आव्हान क्रिया योग दीक्षा देंगे।

राहुल मुखर्जी ने बताया कि ओलस्ट में एक नईं अयोध्या बनाने के अपने दृष्टिकोण को साझा करने पर गर्व है तथा दुनियां भर में आध्यात्मिकता और सनातन धर्म का प्रचार के साथ दुनियां भर के श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए आमंत्रित किया जायेगा।

इस मौके पर स्वामी जी ने कहा कि यह महान प्रयास आध्यात्मिक ज्ञानोदय और सार्वभौमिक सदभाव की ओर मार्ग प्रशस्त करते हुए सामने आया है।

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