Varanasi News: भारतेंदु सभागार कक्ष में मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति,वाराणसी मंडल की तिमाही बैठक
Varanasi News: भारतेंदु सभागार कक्ष में मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति,वाराणसी मंडल की तिमाही बैठक
वाराणसी, 22 दिसंबर 2023; मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में भारतेंदु सभागार कक्ष में मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति,वाराणसी मंडल की तिमाही बैठक, साहित्यिक एवं तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन आज 22 दिसम्बर 2023 को सम्पन्न हुआ ।
इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक(आप) राजेश कुमार सिंह,अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा) रोशन लाल यादव,मुख्य परियोजना प्रबंधक(गतिशक्ति) रोशन लाल यादव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आर जे चौधुरी,वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक शेख रहमान,वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर(कैरेज एण्ड वैगन) अभिनव पाठक, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर(Enhm)अपूर्व स्वर्णकार, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर(सामान्य) पंकज केशरवानी,वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी समीर पॉल, वरिष्ठ आंकड़ा संसाधन प्रबंधक सह राजभाषा अधिकारी नवनीत कुमार वर्मा ,मंडल वित्त प्रबंधक राजेश कुमार, जनसम्पर्क अधिकारी अशोक कुमार तथा स्टेशन राजभाषा समिति के सदस्यों समेत मंडल कार्यालय पर कार्यरत विभिन्न विभागों के कर्मचारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव ने कहा की मुझे प्रसन्नता है कि वाराणसी मंडल द्वारा राजभाषा हिंदी के विकास और प्रसार हेतु नियमित रूप से राजभाषा से संबंधित बैठकों, निरीक्षण, संगोष्ठी, कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं आदि का आयोजन किया ही जा रहा है, साथ ही, भारत सरकार के निर्देशानुसार वार्षिक कार्यक्रम एवं नियमों- अधिनियमों का भी अनुपालन किया जा रहा है।
समय-समय पर राजभाषा से संबंधित रिपोर्टिंग भी की जा रही है। हिंदी भारत संघ की राजभाषा है। प्राचीन काल से ही हिंदी देशभर में संपर्क भाषा के रुप में कार्य करती रही है। हिंदी ने पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का काम बखूबी किया है। यह हर्ष का विषय है कि आज के इस बैठक में राजभाषा विभाग द्वारा “काशी प्रतिबिंब” ई – पत्रिका का विमोचन किया जा रहा है।
हमारे रेल कर्मियों ने अपनी रचनाओं से पत्रिका को समृद्ध करने का कार्य किया है। साथ ही आज तकनीकी एवं साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन किया गया है। आज के साहित्यिक गोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ.रामसुधार सिंह का मैं हार्दिक स्वागत करता हूँ । वस्तुत: आप सभी के सहयोग से वाराणसी मंडल राजभाषा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहा है। मंडल में सभी कार्यों में राजभाषा का प्रयोग सफलतापूर्वक किया जा रहा है। उम्मीद है कि इसी प्रकार से आगे भी आप लोग मंडल में राजभाषा के प्रयोग-प्रसार के क्षेत्र में अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करते रहेंगे।साथ ही अपनी रचनाओं से काशी प्रतिबिंब को भी संवर्धित और समृद्ध बनाते रहेंगे।
इसके पूर्व सभी का स्वागत करते हुए अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा) रोशन लाल यादव ने कहा की वाराणसी मंडल राजभाषा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कार्य कर रहा है इसी का परिणाम है कि वाराणसी मंडल के राजभाषा विभाग द्वारा “काशी प्रतिबिंब” ई – पत्रिका का प्रकाशन किया जा रहा है I
“काशी प्रतिबिंब” पत्रिका हेतु अधिकारियों/कर्मचारियों ने अपनी रचनाएँ उपलब्ध कराई है। आगे भी आपके सुझाव एवं रचनाएँ आमंत्रित है। जिससे पत्रिका को और ज्यादा रोचक एवं उपयोगी बनाया जा सके। वेबसाइट के क्षेत्र में मंडल ने सराहनीय प्रगति की है। मेरा आग्रह है कि जिन विभागों के लिंक में अभी भी द्विभाषी सामग्री अपलोड नहीं है, वे द्विभाषी सामग्री अपलोड करें एवं सभी विभाग इसकी नियमित मॉनिटरिंग करें। उम्मीद है कि इस दिशा में आप सभी का सहयोग हमेशा मिलता रहेगा और हमारा मंडल राजभाषा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका प्रदान करता रहेगा।
इसके पूर्व वरिष्ठ आंकड़ा संसाधन प्रबंधक सह राजभाषा अधिकारी नवनीत कुमार वर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा की मुझे हर्ष है कि आप सभी के सहयोग से वाराणसी मंडल राजभाषा के क्षेत्र में सराहनीय प्रदर्शन कर रहा है। राजभाषा हिंदी को अपने दैनिक कामकाज में अधिक से अधिक प्रयोग करना, हमारे मौलिक कर्तव्यों में से एक है। हमें अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी कर्तव्यनिष्ठा एवं गुणवत्ता के साथ करना है।
साथ ही भारत सरकार द्वारा निर्देशित नियमों का अनुपालन भी सुनिश्चित करना है। आप सभी अवगत हैं कि हमारा मंडल राजभाषा की दृष्टि से का क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यहाँ राजभाषा हिंदी में काम करना हम सभी का संवैधानिक दायित्व है। इसलिए हमारा यह विशेष कर्तव्य है कि इसमें किसी भी प्रकार की गिरावट न आने पाए। आज बैठक के साथ एन पी एस तकनीकी गोष्ठी के अंतर्गत लेखा विभाग द्वारा तथा संत कबीर दास पर साहित्यिक गोष्ठी के अंतर्गत यू पी कालेज के प्रोफेसर डॉ राम सुधार सिंह द्वारा प्रस्तुति भी दी जा रही है।
मैं उम्मीद करता हूँ इस प्रस्तुति हम सभी लाभान्वित होंगे।
बैठक में साहित्यिक गोष्ठी के अंतर्गत संत कबीर दास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर व्याख्यान देते हुए यू पी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ राम सुधार सिंह ने निर्गुण साहित्यिक रचनाओं को सरल शब्दों में समझाया । उन्होंने बताया की कबीर दास अपने समय से आगे के साहित्यकार थे उनकी रचनाएँ आज के आधुनिक जीवन में भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी की उनके काल खण्ड में प्रासंगिक थीं ।