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Varanasi News: अद्भुत त्याग एवं तपस्या से मोहनदास करमचंद गांधी बने महात्मा गांधी

Varanasi News: भारतीय गांधी अध्यक्ष समिति का 44 वें अधिवेशन के दूसरे दिन भारत के अनेक राज्यों से आए हुए कुलपति एवं प्रोफेसर ने अलग-अलग महात्मा गांधी के विचारों पर अपने विचार रखें आपको यह भी जानना जरूरी है कि दूसरे दिवस अधिवेशन में काशी विद्यापीठ एवं बिहार हिमाचल प्रदेश राजस्थान समेत अन्य राज्यों से शोधार्थी भी अपनी बात मंच से रखें

Varanasi News: भारतीय गांधी अध्यक्ष समिति का 44 वें अधिवेशन के दूसरे दिन भारत के अनेक राज्यों से आए हुए कुलपति एवं प्रोफेसर ने अलग-अलग महात्मा गांधी के विचारों पर अपने विचार रखें आपको यह भी जानना जरूरी है कि दूसरे दिवस अधिवेशन में काशी विद्यापीठ एवं बिहार हिमाचल प्रदेश राजस्थान समेत अन्य राज्यों से शोधार्थी भी अपनी बात मंच से रखें जिसमें गांधी के विचारों को अपने भाषा में उन्होंने स्पष्ट करने का प्रयास किया आइए जानते हैं कुछ प्रमुख वह तथ्य जिस पर लोगों ने गहनता से प्रकाश डाला।

शोधार्थी छात्र अशोक राम ने यह बताने का प्रयास किया कि महात्मा गांधी ने शराब का त्याग करने के लिए 1917 में जब अफ्रीका से चंपारण गए थे तब उन्होंने मध्ध निषेध अर्थात शराब बंद करने का शराब न पीने का और शराब को छुड़ाने का अभियान चलाया था इसके साथ ही साथ शोध छात्र रुकसाना बानो ने शिक्षा नीति 2020 पर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए महात्मा गांधी के उस समय को याद दिलाया जब वह झारखंड में शिक्षा सिद्धांत एवं शिक्षा नीति पर लोगों को जागरुक कर रहे थे।

इसके साथ ही साथ मृदुला चौहान जी ने गांधी के विचारों को सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया जिसमें मुख्ता ने अहिंसा परमो धर्म से उन्होंने शुरूआत किया और अंत में यहां तक कह दाला की गांधी के बारे में दिनभर बोले किंतु कुछ भी अनुसरण न करें तो गांधी के संपूर्ण विचारों को नजरअंदाज करना ही माना जाएगा जो कुछ गांधी के विचार यहां पर बताये जा रहे हैं उनका जब तक अनुसरण नहीं किया जाएगा तब तक गांधी के विचार साकार होने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं।

Varanasi News: भारतीय गांधी अध्यक्ष समिति का 44 वें अधिवेशन के दूसरे दिन भारत के अनेक राज्यों से आए हुए कुलपति एवं प्रोफेसर ने अलग-अलग महात्मा गांधी के विचारों पर अपने विचार रखें आपको यह भी जानना जरूरी है कि दूसरे दिवस अधिवेशन में काशी विद्यापीठ एवं बिहार हिमाचल प्रदेश राजस्थान समेत अन्य राज्यों से शोधार्थी भी अपनी बात मंच से रखें

इसके साथ ही साथ दिव्याकांत चौधरी ने अपने उद्बोधन में महात्मा गांधी को भारत निर्माण में अहम भूमिका अदा करने में आजादी के बाद का सबसे बड़ा हीरो बताया जिन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया इसके साथ ही साथ शोधार्थी छात्र कौशलेंद्र मिश्र ने वेदांत को अपना आधार बनाकर गांधी को धर्म से जोड़ा और यह बताने का प्रयास किया की गांधी ने सत्य अहिंसा सामान्य शिक्षा एवं स्वच्छता को ध्यान में रखा जो की किसी भी धर्म का उत्थान करने में यह सब कुछ होना अहम आवश्यक है जहां शिक्षा नहीं है स्वच्छता नहीं है छात्र-छात्राओं में समानता नहीं है।

फिर वहां गांधी के विचार कैसे सिद्ध किया जा सकता हैं यह समझाने का प्रयास कौशलेंद्र मिश्र ने किया इसके साथ ही साथ अन्नपूर्णा तिवारी ने महात्मा गांधी के विचारों पर प्रकाश डाला एवं महात्मा गांधी जब वाराणसी दौरे पर थे तो उस समय से ही उन्होंने शिक्षा को महत्व दिया और किस तरीके से शिक्षा क्रांति फूंक कर उन्होंने अपना परचम लहराया इस पर प्रकाश डाला वही शोध छात्र नवीन कुमार ने महात्मा गांधी के वसुधैव कुटुंबकम के विचारों को साकार करने पर विधिवत प्रकाश डाला शोध छात्रा मंजुषा पांडे ने 1853 की शिक्षा नीति पर महात्मा गांधी के प्रतिरोध पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि तत्कालीन शिक्षा नीति जिसे मैकाले की शिक्षा नीति भी कहा जाता है इसके पीछे छिपे अंग्रेजों की धूर्त मनसा को जाना था जिसका उद्देश्य केवल भारतीयों को कर्मचारी बनाना था इसका उनके भौतिक बौद्धिक या किसी भी सार्वभौमिक विकास से कोई संबंध नहीं था इसके साथ ही साथ उन्होंने 1919 में मूल शिक्षा बेसिक एजुकेशन के प्रति उदासीनता पूर्वी प्रकाश डाला कसम में विश्वविद्यालय के समस्त आशा एवं पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सभी छात्र उपस्थित रहे।

जिसमें मुख्य रुप से शिवम त्रिपाठी अनिल मिश्र विनीत पांडे धनंजय पांडे शिवम तिवारी हिमांशु पांडे जितेंद्र यादव शालिनी त्रिपाठी अंजलि यादव अमित तिवारी समेत शोध छात्रों में नेहा चौधरी बेबी कुशवाहा विनय कुमार मिश्रा समेत भारी संख्या में शोध छात्र उपस्थित रहे कार्यक्रम में लगभग दूसरे दिवस 200 से अधिक विद्वानों ने भाग लिया इस अवसर पर कार्यक्रम के मंच का संचालन कर रहे कार्यक्रम को संपन्न कराने में अहम भूमिका जिन्होंने अदा किया उसमें तृतीय सत्र में मंच का संचालक प्रोफेसर जितेंद्र कुमार ने किया।

जिसमें अध्यक्षता प्रोफेसर धुर्जटी मुखर्जी जी ने किया एवं मुख्य वक्ता में प्रोफेसर सीताराम डॉक्टर आदित्य कुमार गिरी डॉक्टर अर्चना सिंह रही साथ ही साथ चतुर्थ सत्र में डॉक्टर विशाखा शुक्ला ने मंच संचालन किया एवं अध्यक्षता प्रोफेसर हीरक कांति चक्रवर्ती जी ने किया साथ ही साथ पंचम सत्र का कार्यक्रम वैचारिक स्वराज का घोषणा पत्र जनसंदेश टाइम्स सभागार में हुआ।

जहां संचालक हर्षवर्धन राय जी रहे एवं मुख्य वक्ता प्रोफेसर रश्मि वशिष्ठ प्रोफेसर सुधीर जेना डॉक्टर संजय यादव डॉक्टर नीति मीना एवं अध्यक्षता प्रोफेसर रजनीश कुमार शुक्ला ने किया वहीं छठे सत्र में गांधी चिंतन के विविध आयामों पर शोध छात्रों ने अपना शोध पत्र पढ़ा छठवें सत्र संचालन डॉक्टर धूपनाथ प्रसाद ने किया अध्यक्षता प्रोफेसर रमेश प्रसाद ने किया साथ ही संपूर्ण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर राजनाथ डॉक्टर रूद्रानंद तिवारी एवं हर्षवर्धन राय ने अहम भूमिका अदा किये।

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