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Varanasi News: जगद्गुरु रामानंदाचार्य प्राकट्य महोत्सव श्रीराम कथा तीसरा दिन

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Varanasi News: जगद्गुरु रामानंदाचार्य प्राकट्य महोत्सव श्रीराम कथा तीसरा दिन 
 

श्री राम मंदिर गुरुधाम वाराणसी में समायोजित श्रीमद् आद्यजगदगुरू श्री रामानंदाचार्य जी के ७२४वें  प्राकट्य महोत्सव के उपलक्ष्य में समायोजित नवदिवसीय श्री राम कथा के तृतीय दिवस में श्रीमद् जगतगुरु अनंतानंद पद प्रतिष्ठित स्वामी डॉ राम कमल दास वेदांती जी महाराज जी ने कहा कि आद्य जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य जी महाराज ने समस्त विश्व को जिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम को अपने इष्ट देव के रूप में स्थापित कर संपूर्ण मानव जाति को उनके मर्यादा में चरित्र पर चलने की प्रेरणा दी वहीं समस्त प्रेरणाएं श्रीमद् गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने अपने विश्व प्रसिद्ध काव्य श्री रामचरितमानस में उल्लेखित की है ।


श्री रामानंद जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में कथा के तीसरे दिन अपने प्रवचनों में स्वामी श्री वेदांती जी ने भगवान परशुराम तथा लक्ष्मण जी के संवाद की विवेचना करते हुए कहा कि परशुराम जी का अत्यंत दिव्य चरित्र हमें बहुत प्रेरणादायक है। श्री राम कथा में वे धनुष भंग के बाद पधार कर एक बहुत बड़ी घटित होने वाली घटना से बचा लेते हैं ।धनुष टूटने के बाद जनकपुर में एकत्र हुए विभिन्न देशों के राजा लोग श्री राम और लक्ष्मण तथा राजा जनक से भयानक युद्ध छेड़ देने की बात कर रहे थे। यदि श्री परशुराम जी का उस समय वहां आगमन ना होता तो जनकपुर में श्री सीता राम जी के विवाह के मंगल गीतों की जगह रक्त की धाराएं बह रही होती ।

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रामायण में यद्यपि श्री परशुराम जी बड़े लंबे समय तक श्री राम और लक्ष्मण जी से वाद- विवाद करते हैं किंतु अंत में रघुनंदन श्री राम को ईश्वर के अवतार के रूप में पहचान कर अपने भी धनुष को श्री राम को समर्पित कर तपस्या हेतु प्रस्थान कर लेते हैं ।भगवान परशुराम जी ने केवल उन्हीं राजाओं को दंडित किया था जो अपनी निर्दोष प्रजा पर निरंकुशता से शासन करते थे। सात्विक तथा धर्मशील राजाओं को उन्होंने कभी नहीं मारा यह एक अद्भुत उदाहरण हमें रामचरितमानस से प्राप्त होता है।


स्वामी वेदांती जी ने अपने प्रवचनों में बताया कि हमारे जीवन का लक्ष्य अपनी आत्मा रूपी सीता को श्री राम से ब्याह देने में ही है ।कथा के अंतर्गत श्रीराम के विवाह की शोभायात्रा निकाली गई ।श्री राम और लक्ष्मण के रूप में सजे हुए श्री राम मंदिर के संस्कृत छात्र अत्यंत शोभायमान हो रहे थे। कथा में भाग लेने के लिए भारत के विभिन्न प्रांतो के साथ-साथ विदेशों से भी काफी भक्त लोग आए हुए हैं । कश्मीरी गंज गुरुधाम स्थित राम मंदिर के सामने बने हुए विशाल पंडाल में उपस्थित होकर भक्तगण श्री राम कथा का आनंद ले रहे हैं।

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