Varanasi News: असंगठित मजदूरों के पलायन रोकने के लिए चंदौली क्षेत्र में सरकारी उपक्रम निर्मित होनी चाहिए
Varanasi News: असंगठित मजदूरों के पलायन रोकने के लिए चंदौली क्षेत्र में सरकारी उपक्रम निर्मित होनी चाहिए
असंगठित मजदूरों के पलायन रोकने के लिए चंदौली क्षेत्र में सरकारी उपक्रम निर्मित होनी चाहिए: असंगठित मजदूर मोर्चा।
आज इंडिया गठबंधन (सपा) के लोकसभा चंदौली प्रत्यासी पूर्व मंत्री वैरिन्द्र सिंह और असंगठित मजदर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दल सिंगार की संयुक्त प्रेस वार्ता वाराणसी में सोना प्लाजा करौली डायग्नोस्टिक के ऊपर तहसील सदर के पास गिलट बाजार में संपन्न हुआ।
असंगठित मजदूर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दल सिंगार ने कहा भारत के आज़ादी के 75 साल बाद भी, देश के अमृतकाल में अभी भी करोड़ों नागरिकों को गुलामी की जीने के लिए विवश होना पड़ रहा है. आज भी आर्थिक और सामाजिक आज़ादी का सपना गरीबों से दूर है. धीरे धीरे हमारे मौलिक अधिकारों में कटौती की जा रही है।
आजकल आमजनमानस के मुद्दों से सस्कारें भटक गई है, वह केवल धार्मिक भेदभाव, जाति भेदभाव, लिंग भेदभाव आदि अन्य को बढ़ावा दे रही है।
आए दिन हत्या, बलात्कार, लूटपाट, नशाखोरी, आदि तमाम गलत कार्य हमारे देश में, प्रदेश में, गांव और शहर में बढ़ती जा रही है।
आज हमारे देश में असंगठित मज़दूरों की संख्या लगभग 65 करोड़ है। इनके लिए न तो रोजगार की गारंटी, न तो सामाजिक सुरक्षा की गारंटी है, न तो शिक्षा और स्वास्थ्य की गारंटी, इनके अलावा अन्य तमाम बहुत सारे मुद्दे हैं।
इसी क्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि चंदौली क्षेत्र के गरीब और असंगठित मजदूरों के लिए सरकारी उपक्रम की स्थापना जरूरी है, साथ ही स्वरोजगार के लिए भी अवसर बनाने पड़ेंगे। हमारी 11 सूत्रीय मांग सांसद प्रत्याशी को दिया है।
हम गरीब मजदर वर्ग भास्त के लोकतंत्र और संविधान पर अटूट विश्वास रखते हैं और इसपर चलने वाले गठबंधन का समर्थन करते हैं। साथ ही पूरे तन मन से मा० वीरेंद्र सिंह को भारी मतों से विजय का संकल्प भी लेते हैं।
वही इंडिया गठबंधन के प्रत्यासी पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह ने कहा हम असंगठित मजदूर मोर्चा के सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है और इसको राष्ट्रीय नेतृत्व को भेज भी दिए है। हम अपने लोकसभा क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास करेंगेअसंगठित मजदूर मोर्चा की प्रमुख मांग
1. मनरेगा कामगारों को केन्द्र सरकार में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वेतन के समान न्यूनतम मजदूरी तय की जाए एवं कम से कम वर्ष में 265 दिन काम की गारंटी दी जाए।
2. छोटे सीमांत किसानों को कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षत कर कृषि में आत्मनिर्भर बनाया जाए।
3. काम का अधिकार; त्पहीज जव वताद्ध को मूलभूत श्रेणी डाला जाए।
4. सरकार द्वारा पास किये गए चारों श्रम संहिता; संइवनत बवकमूद्ध को वापिस लिया जाण।
5. पलायन रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर औद्योगिक ईकाइयां स्थापित होना चाहिए।
6. प्राथमिक व उच्च प्रा० विद्यालय में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के अंतर्गत रसोइयाँ के रुप में कार्यरत श्रमिकों को सरकार के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अनुसार मानदेय तय किया जाया।
7. मध्यान्ह भोजन रसोइयों को विभिन्न विद्यालयों से बिना कारण बतायें 15 साल, 10 साल काम कराकर बिना मेहनताना दिये हुए, बिना समन्वयक जांच प्रक्रिया के भारी संख्या में नौकरी से निकाल दिया जाता है।
8. रसोइयों को न्यूनतम मजदूरी के आधार पर प्रतिमाह नियमित रुप से मानदेय का भुगतान निजी खाते में किया जाये।
9. असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों, जिसमें मनरेगा मजदर, रसोइयाँ, दिहाड़ी मजदूर, घरेलू कामगार मजदूर, आदि को दुर्घटना बीमा, चिकित्सा सुविधा, पीएफ, बोनस, आदि अनिवार्य रूप से लागू किया जाए।
10. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 (व) के अंतर्गत समान कार्य के लिए समान वेतन देना एक संवैधानिक दायित्व है।
11. लोक सभा के प्रतिनिधि सांसद की क्षेत्र के प्रति जवाबदेही और जिम्मेदारी सुनिश्चित होनी चाहिए।