Varanasi News: वाराणसी में 4 अंतरराज्जीय साइबर अपराधी गिरफ्तार, एजेंसी दिलाने के नाम पर किये थे 72 लाख की धोखाधड़ी
वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली तेजश्री शुक्ला ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उन्हें KIA MOTORS की एजेंसी दिलाने के बहाने से 72 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया है। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात साइबर अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी संख्या 0063/2024 के तहत धारा 417, 420, और आईटी एक्ट की धारा 66 डी के अंतर्गत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के निर्देशानुसार, डीसीपी अपराध प्रमोद कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम का नेतृत्व एसीपी अपराध सरवणन टी. और सहायक पुलिस आयुक्त गौरव कुमार ने किया।
निरीक्षक संजीव कन्नौजिया के निर्देशन में वाराणसी साइबर क्राइम टीम ने डिजिटल साक्ष्यों और ओपन सोर्स इंटेलिजेंस टूल्स की मदद से इस गिरोह का पर्दाफाश किया। टीम ने पटना, बिहार से इस साइबर गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया।
ठगी का तरीका
अपराधियों ने KIA MOTORS के नाम से एक नकली वेबसाइट और ईमेल बनाई, जिसके जरिए पीड़ित को एजेंसी देने का झांसा दिया गया। फर्जी दस्तावेजों और कंपनी के प्रतिनिधि बनकर, अभियुक्तों ने पीड़ित से रजिस्ट्रेशन शुल्क, सिक्योरिटी मनी और जीएसटी के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में पैसे जमा कराए। फर्जी लेटर हेड और इनवॉइस का इस्तेमाल कर इस गिरोह ने पीड़ित से कुल 72 लाख रुपये की ठगी की।
यह गिरोह पूरी योजना के तहत साइबर अपराध को अंजाम देता था। उनकी कार्यप्रणाली में फर्जी वेबसाइट बनाना, पीड़ितों से संपर्क करना, फर्जी बैंक खातों का प्रबंधन करना, और इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से पैसे का लेन-देन करना शामिल था। ठगे गए पैसों को आपस में बांटने के बाद, वे फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल कर अपनी पहचान छुपाते थे।
गिरफ्तार अभियुक्त:
1. प्रियरंजन कुमार (28 वर्ष) निवासी नालंदा, बिहार 2. सत्येन्द्र सुमन उर्फ नेताजी (26 वर्ष) निवासी नालंदा, बिहार 3. रंजन कुमार (22 वर्ष) निवासी नालंदा, बिहार 4. रमेश सिंह भूटोला (46 वर्ष) निवासी दिल्ली, मूल निवासी रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड
बरामदगी:
9 एंड्रॉइड और आईओएस मोबाइल फोन (कीमत 10 लाख रुपये),1 लैपटॉप, फर्जी बैंक खातों के दस्तावेज, 20 डेबिट कार्ड, 2 सिम कार्ड, 22,460 रुपये नकद
पुलिस टीम:
इस गिरफ्तारी में वाराणसी साइबर क्राइम टीम और सर्विलांस सेल का विशेष योगदान रहा।