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Varanasi News: वाराणसी में एनजीटी की गाइडलाइन के अनुरूप होगा मूर्तियों का विसर्जन, 12 कुंड चिह्नित

Varanasi News: वाराणसी में एनजीटी की गाइडलाइन के अनुरूप होगा मूर्तियों का विसर्जन, 12 कुंड चिह्नित

Varanasi News: दुर्गापूजा विसर्जन को लेकर उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट और एनजीटी की गाइडलाइन के अनुरूप मूर्तियों 2015 से किया जा रहा है। हाईकोर्टके आदेश के बाद से नदियों में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन प्रतिबंधित है। अब यह तालाबों और कुंडों में होता है। इसमें भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT- राष्ट्रिय हरित अधिकरण) ने गाइडलाइन जारी की है।

इसे देखते हुए वाराणसी में 11 कुंडों सहित 1 कृत्रिम कुंड का निर्माण सामने घाट गंगा किनारे किया गया है। सभी कुंडों में नावों पर एनडीआरएफ के जवान सुरक्षा के लिए और नगर निगम की भी नावें रहेंगी, जिससे विसर्जन के समय किसी भी प्रकार की दिक्कतें न हों। किसी भी प्रकार की अघुलनशील सामाग्री कुंड में विसर्जित नहीं की जाएगी।

नगर निगम ने की है तैयारी


मूर्ती विसर्जन की तैयारियों को देख रहे नगर निगम के मुख्य अभियंता मोईनुद्दीन ने बताया कि शहर के 11 कुंडों को चिह्नित किया गया है। इसमें 6 कुंडों में 22 तारीख को नावें उतार दी गई है। इसके अलावा अन्य में भी नाव आज उतार दी जाएगी।

साथ ही एनडीआरएफ की नाव और जवान भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सभी कुंडों में NGT की गाइडलाइन के अनुसार ही विसर्जन की अनुमति दी गई है। कोई भी अघुलनशील सामान कुंड में विसर्जन नहीं किया जाएगा। सभी दुर्गापूजा समितियों को इस बात की जानकारी दे दी गई है।


सभी कुंडों पर नगर निगम के 12 कर्मचारी होंगे तैनात


मुख्य अभियंता मोईनुद्दीन ने बताया की सभी कुंडों पर 12 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। लक्ष्मीकुंड लक्सा, मन्दाकिनी, ईश्वरगंगी और शंकुलधारा कुंड की सफाई की जा रही है जो आज शाम तक पूरी कर ली जाएगी। जलकल को सभी कुंडों में पर्याप्त पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं गंगा किनारे सामनेघाट पर एक कृत्रिम कुंड बनाया गया है उसमे गंगा का जल भरा जा रहा है।

दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन पर NGT की गाइडलाइन

1. जल प्रदाय वाले स्रोतों पर प्रतिमाओं का विसर्जन न हो।

2. विसर्जन के लिए अलग नदी-तालाब निश्चित किए जाए।

3. प्रतिमाओं के साथ लाई पूजन सामग्री नदी-तालाबों में नहीं डालें।

4. विसर्जन स्थल तालाब के चारों ओर सुरक्षा घेरा तथा तल में सिंथेटिक लाइनर लगाया जाए।

5. विसर्जन के 24 घंटे के अंदर जल स्रोत से विसर्जित फूल, वस्त्र एवं सजावटी सामान निकाला जाए।

6. विसर्जन स्थल के समीप ठोस अपशिष्ट को नहीं जलाया जाए।

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