तीन वर्षीय रहमत ने पहली बार सुनी आवाज, सत्कृति हॉस्पिटल ने रचा इतिहास

वाराणसी। संकट मोचन स्थित पूर्वांचल के एकमात्र NABH मान्यता प्राप्त ENT सुपरस्पेशलिटी सेंटर सत्कृति हॉस्पिटल में चिकित्सा क्षेत्र की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की गई। राज्य सीआई फंड प्रोग्राम के अंतर्गत तीन वर्षीय रहमत फिरदौस की कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी सफलतापूर्वक सम्पन्न की गई, जिसके बाद शनिवार को स्विच ऑन मैपिंग प्रक्रिया के दौरान रहमत ने पहली बार जीवन में आवाज़ सुनी और आश्चर्यचकित हो उठी। जन्म से मूक-बधिर रहमत के लिए यह दिन और उसके परिवार के लिए अत्यंत भावुक क्षण था।
रहमत की माँ ने कहा, "मेरी बेटी ने आज पहली बार आवाज़ सुनी। यह हमारे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। पहले लगता था कि ऐसा इलाज सिर्फ बड़े शहरों में संभव है, लेकिन अब वाराणसी में ही यह सपना साकार हो गया।" प्रेस वार्ता में वरिष्ठ नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार गुप्ता ने बताया, "कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी एक अत्यंत जटिल और तकनीकी प्रक्रिया है, जिसकी लागत सामान्यतः आठ से साढ़े दस लाख रुपये तक होती है। लेकिन राज्य सीआई फंड और सत्कृति फाउंडेशन के सहयोग से सत्कृति हॉस्पिटल द्वारा संचालित सामाजिक कार्यक्रमों की मदद से अब यह सर्जरी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी सुलभ हो पाई है।
इस जटिल सर्जरी को डॉ. मनोज कुमार गुप्ता के नेतृत्व में डॉ. अभिनीत जैन, डॉ. अंकित ओझा और डॉ. सुमित मृग की विशेषज्ञ सर्जन टीम ने तीन घंटे की अथक मेहनत के बाद सफलतापूर्वक सम्पन्न किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के समापन पर वरिष्ठ नाक, कान व गला रोग सर्जन एवं सीआई सर्जरी कार्यक्रम प्रमुख डॉ. अभिनीत जैन ने कहा, "हमारा उद्देश्य है कि अत्याधुनिक तकनीक और समर्पित सेवा का समन्वय कर पूर्वांचल के नागरिकों को उनके ही शहर में विश्वस्तरीय ENT चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएं। यह केवल एक सर्जरी नही बल्कि 'बहरापन मुक्त भारत 'की दिशा में एक सशक्त कदम है। सत्कृति हॉस्पिटल राज्य सरकार, राज्य सीआई फंड प्रोग्राम और सभी शुभचिंतको का हृदय से आभार प्रकट करता है, जिनके सहयोग से यह मिशन सफल हो सका।