वाराणसी में डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर साइबर ठगी करने वाले चाइनीज गैंग का मास्टर मांइड गिरफ्तार
वाराणसी। दिनाक 04.12.2024 को वादी अनुज कुमार यादव पुत्र स्व० इन्द्रदेव यादव निवासी माधव नगर कालोनी सारनाथ कमिश्नरेट वाराणसी द्वारा थाना हाजा पर उपस्थित होकर प्रार्थनापत्र इस आशय से प्रस्तुत किया गया कि साइबर अपराधियों द्वारा उनके साथ फर्जी ट्राई अधिकारी सी.बी.आई. अधिकारी बनकर उनकी डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर उनके साथ कुल करीब 98 लाख रुपये की साइबर ठगी कर ली गयी है। जिसकी विवेचना प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना विजय कुमार यादव द्वारा की जा रही है।
उक्त प्रकरण के दृष्टिगत मोहित अग्रवाल पुलिस आयुक्त कमि० वाराणसी एवं प्रमोद कुमार पुलिस उपायुक्त अपराध कमि० वाराणसी के निर्देशन मे तथा श्रुति श्रीवास्तव अपर पुलिस उपायुक्त कमि० वाराणसी व गौरव कुमार सहायक पुलिस आयुक्त कमि० चाराणसी के नेतृत्व मे एक टीम का गठन कर उक्त घटना के अनावरण हेतु निर्देशित किया गया। उक्त के क्रम मे वाराणसी से घटना में सलिप्त डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर साइबर ठगी करने वाले अन्तराष्ट्रीय चाइनीज गैंग का मास्टर मांइड प्रॉक्सी को गिरफ्तार किया गया है। जिसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन व नकदी बरामद की गयी है।
साइबर अपराधियों द्वारा सर्वप्रथम फर्जी ट्राई अधिकारी सी.बी.आई. अधिकारी बनकर लोगों को उनके मोबाइन नं० पर वर्चुवल नं0 से काल कर उनके नाम पर फर्जी सिम के जारी होने तथा उस सिम का अवैध गतिविधियों में लिप्त होने का झांसा देते हुए उनकी डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर वेरीफिकेशन के नाम पर तथाकथित आर.बी. आई. के बैंक खातो में पैसा ट्रान्सफर कर लिया जाता है। उन पैसो को साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी गेमिंग एप्लीकेशन में यूजर्स को पेआउट के नाम पर ट्रान्सफर कर दिया जाता है।
इस तकनीकि में साइबर अपराधियों द्वारा ई.सी.एस. व ई.आई.पी. सर्विसेज का इस्तेमाल करते हुए ओटीपी प्राप्त करने के लिए एसएमएस फार्डरवर एप्लीकेशन जैसे ड्रैगन एसएमएस आदि का प्रयोग किया जाता है। तथा अपनी पहचान छिपाने के उदेश्य से इस तरह की घटना में फर्जी म्यूल बैंक खातो, फर्जी सिम कार्ड व डिजिटल फुटप्रिंट से बचने के लिए वर्चुवल मशीन का प्रयोग किया जाता है। गिरफ्तार अभियुक्त निजाम अहमद उर्फ प्राक्सी के द्वारा अपने नीचे तीन से चार लेयर मे एजेन्ट रखा गया है जिनसे बैंक में खाता खुलवाना।
उन बैंक खातों मे इन्टरनेट बैंकिग आदि बनाना तथा खाताधारको को विभिन्न राज्यों मे अपनी सुविधानुसार ले जाकर उनके बैंक खातों की टेस्टिंग कराना जैसे आदि कार्य कराया जाता है उपरोक्त के माध्यम से एक्सेस प्राप्त करने के पश्चात अभियुक्त प्राक्सी के द्वारा अपने विदेशी साथियों के साथ मिलकर वर्चुअल मशीन से साइबर ठगी के पैसों को गेमिंग एप्लीकेशन में ट्रान्सफर कर दिया जाता है।