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संगीत चिकित्सा के क्षेत्र में कैरियर की हैं असीम संभावनाएं...

काशी विद्यापीठ में शुरू हुआ संगीत चिकित्सा में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम

 

वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग में स्थापित संगीत चिकित्सा प्रकोष्ठ एवं शोध केंद्र द्वारा अकादमिक सत्र 2024-25 से प्रदेश का पहला संगीत चिकित्सा में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है।

 

समन्वयक डॉ. दुर्गेश उपाध्याय ने बताया कि यह पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देश के आधार पर मिश्रित/हाइब्रिड मोड में संचालित किया जाएगा। पाठ्यक्रम के कुल घंटों का 70 प्रतिशत ऑनलाइन माध्यम से पूरा किया जाएगा तथा बचे 30 प्रतिशत इंटर्नशिप/फील्ड वर्क आदि के माध्यम से पूरा किया जाएगा। 

 

उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम में नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। मनोविज्ञान, संगीत, मेडिकल एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी स्नातक इस पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु अर्ह हैं। दिनांक 10 जुलाई 2024 तक सभी अर्ह व इच्छुक प्रोफेशनल्स एवं विद्यार्थी अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

 

पंजीकरण एवं नामांकन की प्रक्रिया, तथा अर्हता आदि से सम्बंधित विस्तृत जानकारी अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट https://mgkvpadmission.samarth.edu.in/ से प्राप्त कर सकते हैं।

यह पाठ्यक्रम स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे सभी प्रोफेशनल्स के साथ-साथ सभी संगीत एवं मनोविज्ञान के स्नातक विद्यार्थियों में संगीत द्वारा चिकित्सा हेतु आवश्यक कौशल का विकास सुनिश्चित करेगा।

इस पाठ्यक्रम की आवश्यकता बताते हुए डॉ. दुर्गेश उपाध्याय ने कहा कि इक्कीसवीं सदी के तीसरे दशक में ही मानसिक एवं संवेगात्मक समस्यायें विकराल रूप ले चुकी हैं। आने वाले वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने हेतु हमें ऐसे चिकित्सकीय विधाओं/विधियों की आवश्यकता पड़ने वाली है जो प्रभावी हों, सस्ते हों, सुलभ हों, तथा बिना किसी साइड इफेक्ट के हों।

काशी विद्यापीठ में शुरू हुआ संगीत चिकित्सा में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम

उन्होंने कहा कि संगीत द्वारा मानसिक विकारों की चिकित्सा ऐसी ही एक चिकित्सकीय विधा है, जिसे पाश्चात्य देशों में एक वैकल्पिक एवं पूरक चिकित्सा के रूप मान्यता प्राप्त है एवं संगीत द्वारा चिकित्सा प्रशिक्षित संगीत चिकित्सकों द्वारा प्रदान की जाती है।

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