पंजाब में महिला पत्रकार की गिरफ्तारी मुख्यमंत्री की सोची समझी साजिश - प्रेस क्लब

वाराणसी। अफसोस की बात यह है कि पंजाब के लुधियाना में समाचार कवरेज करने गई तेजतर्रार महिला पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया गया और भारत देश के पत्रकारों ने इस गिरफ्तारी पर अपनी कोई आवाज बुलंद नहीं किया। पत्रकार समाज को शर्मसार तो तब होना पड़ा जब देश के केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज महिला पत्रकार की फर्जी गिरफ्तारी पर पत्रकार समाज एकजुट होने के बजाय क्यों मौन है। लानत है देश के पत्रकारों और उनकी पत्रकारिता पर।
इस तेज तर्रार महिला पत्रकार की मनगढ़ंत झूठी गिरफ्तारी पर पत्रकार प्रेस क्लब (पीपीसी) यूपी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम पाठक ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए रिहाई के साथ-साथ राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री व प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से मांग करते हुए कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंतमान सिंह के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच कराकर इन दोनों को भी बेनकाब करते हुए कठोर कार्यवाही की जाए। ताकि देश के चौथे स्तंभ की मान और प्रतिष्ठा कायम रह सके।
बताते चलें कि टाइम्स नाउ नवभारत के 'ऑपरेशन शीशमहल' के खुलासे के बाद इस न्यूज चैनल की एक पत्रकार को पंजाब में बीते शुक्रवार को रोडरेज के मामले में गिरफ्तार किया गया है। खास बात यह है कि तेजतर्रार पत्रकार भावना किशोर गाड़ी में पीछे बैठी थीं और उन पर फर्जी ढंग से SC-ST एक्ट लगा दिया गया है। पुलिस का कहना है कि भावना की गाड़ी से एक महिला को चोट लगी। वही इस न्यूज़ चैनल की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार का बयान है कि पंजाब की लुधियाना पुलिस ने भावना किशोर, मृत्युंजय कुमार, परमिंदर को गलत धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है।
वे पंजाब के सीएम भगवंतमान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यक्रम को कवर करने गए थे। जी हां, भावना को उस समय अरेस्ट किया गया जब वह मोहल्ला क्लिनिक के उद्घाटन की कवरेज करने जा रही थीं। इसका इनविटेशन भी आम आदमी पार्टी ने भेजा था। तेजतर्रार महिला पत्रकार की झूठी गिरफ्तारी के मामले में पत्रकार प्रेस क्लब के हजारों पत्रकार भावना किशोर के साथ खड़े हैं।पत्रकार प्रेस क्लब इस तरीके का जुल्मों सितम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।