दिल्ली पब्लिक स्कूल वाराणसी में ACT Global Summit 2025 का सफल आयोजन
वाराणसी। दिल्ली पब्लिक स्कूल, वाराणसी में 14 और 15 नवंबर को दो दिवसीय ‘ACT Global Summit 2025’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली पब्लिक स्कूल नासिक, लावा नागपुर और वाराणसी के शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं ने सक्रिय सहभागिता की। इस सम्मेलन का उद्देश्य विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी, सतत विकास लक्ष्यों की समझ और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ सहयोगात्मक अधिगम को प्रोत्साहित करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन, शंखनाद और छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नृत्य ‘समुद्र मंथन’ से हुई। इसके बाद समूहगान “Together We Can Change the World” ने पूरे परिसर को उत्साह और उमंग से भर दिया। तीनों विद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी हरित परियोजनाओं की प्रभावशाली प्रस्तुतियाँ दीं।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सुभजित मुखर्जी (Mission Green), राकेश खत्री (Ecoroots Foundation), शिखा शाह (Scrapshala/Go Sharpener), सार्थक और डॉ. संजीवनी शर्मा (Kanpur Ploggers) उपस्थित रहे। सुभजित मुखर्जी के प्रेरक संबोधन ने विद्यार्थियों में हरित चेतना का संचार किया। ई-वेस्ट आर्ट, न्यूज़पेपर क्राफ्ट, डीआईवाई आभूषण निर्माण, एसडीजी व्हील और मैकरेमी कला जैसी रचनात्मक कार्यशालाओं ने विद्यार्थियों की सृजनात्मकता को नई दिशा दी।

दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय वक्ता एथन के साथ ऑनलाइन संवाद सत्र आयोजित हुआ, जिसने छात्रों को वैश्विक मंच से जोड़ते हुए उनकी दृष्टि को व्यापक बनाया। राकेश खत्री द्वारा ‘ईको-फ्रेंडली जीवनशैली’ पर व्यावहारिक सत्र और डॉ. संजीवनी शर्मा द्वारा ‘स्वच्छता ही सेवा’ विषय पर प्रेरक प्रस्तुति भी आकर्षण का केंद्र रही।

विद्यार्थियों ने अपशिष्ट सामग्री से उपयोगी वस्तुएँ बनाकर, ई-वेस्ट आर्ट और पुनर्चक्रण गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और सृजनशीलता का परिचय दिया। ग्रैफिटी वॉल पर विद्यार्थियों ने अपने विचार और चित्र उकेरकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। समापन सत्र में प्रस्तुत भारतीय लोकनृत्य ‘धरती की धुन’ ने भारतीय संस्कृति, प्रकृति-सम्मान और एकता के संदेश को सुंदर रूप में प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर प्रधानाचार्या मुनमुन सेन गुप्ता, शैक्षणिक प्रमुख रोली मानखंड, चेतना विंग की समन्वयिका सुनीपा सान्याल, काकुली मुखर्जी, शिक्षकगण और विद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन और समूहगान के साथ दो दिवसीय सम्मेलन का समापन हुआ, जिसने यह प्रेरक संदेश दिया कि यदि युवा पीढ़ी जागरूक हो जाए, तो पृथ्वी को फिर से हरित, स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सकता है।
