शिवा की मौत आत्महत्या नहीं बल्कि साजिशन हत्या, मां अनिता देवी ने उठाई न्याय की गुहार

जौनपुर। एक दिल दहला देने वाला मामला जौनपुर के जलालपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रेहटी (उसरहिया) से सामने आया है, जहाँ 3 अगस्त 2022 को दोपहर करीब 2 बजे शिवा पुत्र रामजीत हरिजन की लाश रेलवे लाइन पर क्षत-विक्षत अवस्था में मिली थी। सिर और दोनों बाजू शरीर से अलग हो चुके थे। यह दृश्य देखकर गांव में कोहराम मच गया।
शिवा की मां अनिता देवी, जो कि एक असहाय हरिजन महिला हैं और जिनका पति रोजी-रोटी के लिए गुजरात में रहकर काम करता है, इस घटना से पूरी तरह टूट चुकी हैं। पहले यह घटना आत्महत्या मानी जा रही थी, लेकिन अब मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, जो इसे आत्महत्या से अधिक एक सुनियोजित साजिश की ओर इंगित करते हैं।
हत्या के कुछ दिन बाद अनिता देवी जब अपने बेटे शिवा की किताबें समेट रही थीं, तो एक फोटो सामने आया, जिसमें शिवा और गांव की ही लड़की प्रतिभा उर्फ जूली (पुत्री जंगबहादुर) शादी के जोड़े में दिखाई दे रहे थे। फोटो पर तारीख 24 मई 2022 अंकित थी, जिससे साफ हुआ कि दोनों ने छुपकर शादी कर ली थी।
जब अनिता देवी ने इस बात की चर्चा गांव और रिश्तेदारों में की, तो यह जानकारी सामने आई कि दोनों लंबे समय से प्रेम संबंध में थे। शिवा का मित्र प्रिन्स और जूली की सहेली नीतू इस रिश्ते के गवाह थे। नीतू ने ही यह बात जूली की मां और दादी को बताई थी।
गांव वालों के अनुसार, घटना से दो दिन पहले शिवा को प्रिन्स अपने साथ जूली के घर ले गया था, जहाँ जूली की मां बन्दना देवी, चाचा पप्पू उर्फ आनन्द (उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही), पिता जंगबहादुर, भाई विवेक और सहेली नीतू मौजूद थे। इन लोगों ने शिवा को धमकाते हुए कहा कि:
तुम्हारे और जूली की प्रेम कहानी का हमें सब कुछ पता चल गया है। अब तुम्हारे पास सिर्फ एक ही रास्ता है – या तो ज़हर खाकर मर जाओ, या रेलवे लाइन पर कटकर मर जाओ। नहीं तो हम तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे।
घटना के एक दिन पहले शिवा अपनी बुआ तारा देवी के घर गया था, जहाँ वह रात भर सो नहीं पाया। कई ग्रामीणों ने बताया कि घटना वाले दिन जूली की मां लगातार शिवा की तलाश में गांव आ रही थी और पूछ रही थी कि वह घर आया या नहीं।
घटना वाले दिन शिवा को रेलवे लाइन की ओर जाते हुए गांव की महिला सुनीता ने देखा था। इसके साथ ही यह भी खुलासा हुआ कि शिवा के लोवर में एक पत्र भी मिला था, जिसे आनन्द ने पढ़ने के बाद फाड़कर फेंक दिया। यह पत्र आत्महत्या के लिए उकसाने का अहम सबूत हो सकता था।
अब अनिता देवी पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी बेटे की आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या की गई है। उन्होंने कहा:
मेरे बेटे को जूली के परिवार और मित्रों ने मिलकर धमकाया, मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और आत्महत्या के लिए मजबूर किया। यह न्याय का प्रश्न है, सिर्फ मेरे बेटे के लिए नहीं, हर उस गरीब के लिए जो दबाव में आकर मरने को मजबूर हो जाता है।
अनिता देवी ने पुलिस व प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो, दोषियों के खिलाफ साजिश, हत्या व आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया जाए, और आरोपी पुलिसकर्मी पप्पू उर्फ आनन्द पर सख्त कार्रवाई हो।