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वाराणसी में इमाम हुसैन व जनाबे सकीना की याद में इमामबाड़े में हुई शबबेदारी

वाराणसी में इमाम हुसैन व जनाबे सकीना की याद में इमामबाड़े में हुई शबबेदारी

वाराणसी। अंजुमन अजादारे हुसैनी व सिया कमेटी दोषीपुरा की जानिब से इमामबाड़े में एक सूबेदारी का आयोजन किया गया। जो 24 घंटे तक चली। जिसमें कर्बला के 72 शहीदों व हजरत इमाम हुसैन की 4 साल की बेटी का जनाबे सकीना का गम मनाया गया। इस सूबेदारी में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से छह अंजुमन ने वह बनारस की 17 अंजुमनों ने शिरकत की।

सबेदारी की मजलिस को मौलाना सैयद शाहिद हसन रिजवी ने खेताब फरमाया उन्होंने कर्बला के 72 शहीदों व इमाम हुसैन की 4 साल की बेटी जनाबे सकीना का मसायब पढ़ा जब उसे पानी के लिए तरसाया गया और इमाम हुसैन को शहीद करने के बाद कातिलों ने कैसे उनकी 4 साल की बच्ची को कानों की बाली व गालों पर तमाचे मारे गए।

हज़रत इमाम हुसैन की 4 साल की बच्ची को कर्बला से शाम तक के कठिनाइयों के भर सफ़र को पड़ा तो अजादार रोने लगे। मौलाना ने पढ़ा की कर्बला से कूफा और कूफा से शाम इमाम हुसैन के घर की औरतों और बच्चों को बेड़ियों में कैद कर पैदल ले जायेगा। इस दौरान एक मौका तब आया जब जनाबे सकीना चलते शहर अचानक रुक गई। इस दौरान जालिमों ने उनके बीमार भाई इमाम सज्जाद को मारना शुरू कर दिया और कहा की अपनी बहन से कहो कि चले। जब इमामे सज्जाद जनाबे सकीना के पास पहुंचे तो जनाबे सकीना से पूछा तुम क्यों नहीं चल रही हो तो जनाबे सकीना ने अपने पैरों के छाले दिखाते हुए कहा की इसमें काटे चुब गये है जिससे अब चला नहीं जा रहा है  इसके बाद इमाम के कहने पर जनाबे सकीना ने कोहनियों के बाल अपना सफर शुरू किया।

मौलाना पड़ा की एक वक्त वो भी आया जब अपने बाप का सिर नोकें सिना पर देखा तो अपने बाप से फरियाद की जनाबे सकीना ने कहा बाबा मैं आप से कुछ मांगना चाहती हू तो नोकें नैजे से आवाज आयी बेटी ऐसा कुछ नहीं मांगना क्यों तेरा बाबा गुरबत में जनाबे सकीना ने कहा बाबा अब बर्दाश्त नहीं होता आप अल्लाह से कहो मुझे मौत देदे यह सुनकर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई। मजलिस के बाद अंजुमनों ने नौहा व मातम किया। जिले से आई अंजुमनों ने नौहा मातम किया जो रविवार की देर रात तक चलता रहा इसमें प्रदेश के 6 जिलों से आयी।

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अंजुमन पंजतनी सैंथल, अंजुमन जुल्फेंकारिया जलालपुर, अंजुमन दस्ते मासूमिया घोसी, अंजुमन हैदरिया सुल्तानपुर, नौहा मातम किया इसके अलावा अंजुमन हुसैनिया बनारस,  अंजुमन सज्जादिया, अंजुमन जवादिया अंजुमन जफरिया दोषीपुरा, अंजुमन जफरिया कदीम बनारस, अंजुमन मुहाफिजे अजा रामनगर, अंजुमन करवाने कर्बला दोषीपुरा , अंजुमन अजाए हुसैनी, अंजुमन इमामिया, अंजुमन हाशिमिया, अंजुमन पैगामे ए हुसैनी, अंजुमन हैदरी, अंजुमन नासिरुल मोमनीन, अंजुमन अंसारे हुसैनी, अंजुमन चिरागे अली व अंजुमन सदा एक अब्बास में नोहा मातम किया। इस दौरान रिजवान हैदर, कमर अब्बास, मोहम्मद अली, मोहम्मद शाबिर, मोहम्मद जमील, अली हसन, कल्बे हसन आदि लोग शामिल रहे।

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