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इंटरनेशनल ब्रेन रिसर्च ऑर्गनाइजेशन द्वारा समर्थित IIT BHU में सात दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन

इंटरनेशनल ब्रेन रिसर्च ऑर्गनाइजेशन द्वारा समर्थित IIT BHU में सात दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन

वाराणसी। इंटरनेशनल ब्रेन रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (IBRO) द्वारा समर्थित IIT (BHU) न्यूरोसाइंस और पेन स्कूल 2024 का सात दिवसीय आयोजन "दर्द और नशे की लत के बीच जटिल अंतःक्रिया को समझना: न्यूरोलॉजिकल विकारों के प्रभावी प्रबंधन के लिए उन्नत रणनीतियाँ" विषय पर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम 10 से 16 अक्टूबर 2024 तक आईआईटी (बीएचयू) के फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित किया गया था।

समापन सत्र की शुरुआत पं. मदन मोहन मालवीय जी को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) के डीन प्रो. विकाश के. दुबे ने समापन भाषण दिया। इसके बाद मुख्य अतिथि प्रो. पंकज सेठ (नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर) और सोसाइटी फॉर न्यूरोकेमिस्ट्री इंडिया (SNCI) के अध्यक्ष प्रो. एम.के. ठाकुर के विचारशील भाषण हुए। माननीय अतिथियों में न्यूज़ीलैंड के विक्टोरिया विश्वविद्यालय की प्रो. ब्रोंविन किवेल और ऑस्ट्रेलिया की डॉ. ली वॉकर ने भी अपने विचार साझा किए।

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कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉ. विनोद तिवारी ने सात दिनों के कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। जिसमें विशेषज्ञ व्याख्यान, सैद्धांतिक अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्रों का संयोजन शामिल था। इस कार्यक्रम का औपचारिक समापन धन्यवाद ज्ञापन, राष्ट्रगान, समूह फोटो और भोजन समारोह के साथ हुआ।

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समापन दिवस का एक विशेष आकर्षण प्रो. पंकज सेठ का व्याख्यान था। जिसका विषय था "SARS-CoV-2 द्वारा मस्तिष्क क्षति के आणविक तंत्र: ब्रेन फॉग रोगियों के प्रभावी प्रबंधन के निहितार्थ"। प्रो. सेठ के व्याख्यान में COVID-19 से जुड़ी न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं का अन्वेषण किया गया।  विशेष रूप से इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि कैसे SARS-CoV-2 वायरस प्रोटीन के माध्यम से न्यूरोनल क्षति का कारण बनता है।

उन्होंने COVID-19 रोगियों के मस्तिष्क अनुभागों का अध्ययन करने के लिए हिस्टोलॉजिकल स्टेनिंग तकनीकों का उपयोग कर न्यूरोनल चोट के तंत्रों पर प्रकाश डाला। अपने समापन भाषण में, डॉ. तिवारी ने IBRO, SNCI और भारतीय न्यूरोसाइंस अकादमी (IAN) का उनके उदार वित्तीय सहयोग और समर्थन के लिए हार्दिक धन्यवाद व्यक्त किया। 
उन्होंने IIT (BHU) के निदेशक प्रो. अमित पात्रा और IMS BHU के निदेशक प्रो. एस.एन. शंखवार का कार्यक्रम के दौरान उनके निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख प्रो. एस. हेमलता और पूर्व प्रमुख प्रो. सुशांत कुमार श्रीवास्तव को उनके मार्गदर्शन और परामर्श के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने IBRO समर्थित न्यूरोसाइंस और पेन स्कूल जैसे आयोजनों के महत्व पर जोर दिया। जो युवा वैज्ञानिकों के बीच सार्थक वैज्ञानिक सहयोग और ज्ञान आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं।

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