×

तहसीलदार के नेतृत्व में हुई पैमाइश को एसडीएम ने ठहराया जायज, पत्रकार प्रेस क्लब ने एडीजी को सौपा था ज्ञापन

Varanasi News, varanasi hindi news, varanasi news in hindi, varanasi breaking news, varanasi today news, varanasi police news, varanasi ki khabar, varanasi news today

जौनपुर। जिले के धरौरा गांव में भाजपा के एक कथित नेता अनिल दुबे के धन बल के प्रभाव में आकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने पीड़ित विजेंद्र दुबे का जिस तरीके से शोषण किया की उसे सुनकर हर लोग दांतों तले उंगली दबाने को विवश है। वैसे यह मामला जब तूल पकड़ा तो एडीजी जोन पियूष मोर्डिया के निर्देश पर एसपी डॉ अजय पाल शर्मा ने एसडीम केराकत सुनील भारतीय को टीम बनाकर पैमाइश करवाने के लिए निर्देशित किया था। एसडीम केराकत सुनील भारतीय ने केराकत तहसीलदार महेंद्र बहादुर के नेतृत्व में राजस्व टीम का गठन कर तत्काल प्रभाव से पैमाइश करने का निर्देश दिया।

बीते रविवार को तहसीलदार महेंद्र बहादुर ने राजस्व टीम के साथ धरौरा गांव में पहुंचकर पैमाइश की कार्यवाही किया तो यह पाया गया कि विपक्षी अनिल दुबे का जो मकान है वह बंजर की भूमि में निर्मित है। इसके साथ ही आरोपी अनिल दुबे द्वारा जो विजेंद्र दुबे के दीवाल में लगी हुई खिड़की को अपना बताकर जबरन रोका जा रहा था वह भी जमीन विजेंद्र दुबे की ही निकली। आरोपी अनिल दुबे अपनी पराजय को देखते हुए नवागत जिलाधिकारी से शिकायत किया कि तहसीलदार केराकत महेंद्रबहादुर तथा उनकी पूरी टीम विजेंद्र दुबे के प्रभाव में आकर गलत तरीके से पैमाइश की है।

जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीम केराकत सुनील भारतीय बुधवार की दोपहर खुद राजस्व टीम के साथ धरौरा गांव में पहुंच कर जब पैमाइश करवाया तो तहसीलदार महेंद्र बहादुर के नेतृत्व में की गई पैमाइश शत प्रतिशत सही निकली। इस दौरान एसडीएम केराकत ने मौके पर निशान लगवा कर मामले को रफा दफा करवा दिया। एसडीम केराकत सुनील भारती ने मौके पर ही विजेंद्र दुबे से कहा कि आप अपने दीवाल में खिड़की भी लगवा सकते हैं और सीमा पर लगे हुए निशान पर दीवाल का निर्माण भी करवा सकते हैं। इससे साफ हो गया कि अनिल दुबे द्वारा तहसीलदार केराकत के विरुद्ध जो जिलाधिकारी से शिकायत की गई थी,वह झूठी निकली।


बताते चलें कि इसके पूर्व विजेंद्र दुबे के साथ हो रही पुलिस व प्रशासनिक जुल्मों सितम के खिलाफ पत्रकार प्रेस क्लब के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम पाठक के नेतृत्व में सैकड़ो पत्रकारों ने एडीजी जोन पियूष मोर्डिया से मुलाकात कर उन्हें इस आशय का पत्रक सोप था कि अनिल दुबे की फर्जी तहरीर पर गलत तरीके से केराकत पुलिस मुकदमा दर्ज कर बिजेंद्र को प्रताड़ित कर रही है। एडीजी जोन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जौनपुर के एसपी डॉ अजय पाल शर्मा को पत्र लिखकर कार्रवाई का निर्देश दिया था। एडीजी जोन के हस्तक्षेप पर विजेंद्र दुबे तथा उनके परिजनों पर पुलिसिया उत्पीड़न बंद हुआ।


विपक्षी अनिल दुबे ने जिलाधिकारी से शिकायत किया था कि तहसीलदार केराकत के नेतृत्व में जो धरौरा में विवादित भूमि की पैमाइश की गई है वह प्रभाव में हुई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर मैं खुद राजस्व टीम के साथ बुधवार को मौके पर पहुंच कर जब पैमाइश किया तो तहसीलदार केराकत महेंद्र बहादुर के नेतृत्व में की गई पैमाइश सही पाई गई। मौके पर निशान लगवाने के साथ ही विजेंद्र दुबे को खिड़की खोलने के साथ ही दोनों पक्षों को सीमा पर दीवार बनाने के भी निर्देश दे दिए गए हैं। अनिल दुबे का मकान बंजर में निर्मित कराए जाने का जो प्रकरण है उसे पर भी कार्रवाई चल रही है।

Share this story