एसबीआई बैंक प्रबंधक सहित अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश

वाराणसी। मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की अदालत ने बैंक प्रबंधक द्वारा कूटरचित प्रपत्र के नॉमिनी में हेर फेर करने के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया, माननीय न्यायालय में शिकायतकर्ती माधुरी मिश्रा ने प्रार्थना पत्र देते हुए अपने प्रार्थना पत्र में यह अभिकथन किया है कि प्रार्थिनी के पुत्र गिरिजेश मिश्रा उपनिरीक्षक पीएनओ नं-172030195 की लगभग 7 माह तक बीमार रहने के बाद दिनांक 17 मई 2022 को मृत्यु हो गयी।
जिसके एकाउण्ट सख्या 36352063982 भारतीय स्टेट बैंक शाखा मच्छोदरी (विशेश्वरगंज) वाराणसी में प्रार्थिनी नामिनी थी, मरने से पूर्व प्रार्थिनी के पुत्र ने बताया था कि उसने अपने खाते के नामिनी में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया है. प्रार्थिनी की बहु ने उसके बेटे के मरने के बाद कई टुकड़ों में दस बीस हजार कर के लगभग 3,40.000/-रु० निकाल लिया है. जिसके बाबत शिकायती प्रार्थना पत्र दिया जाने लगा तब शाखा प्रवन्धक सुम्बुल आब्दी जिनका कार्यकाल दिनांक 11जून 2022 से दिनांक 16 जुलाई 2024 तक था. ने लाकर सं0-216 का नामिनी प्रपत्र देकर जांच अधिकारियों को गुमराह करते हुए प्रार्थना की बहू को नामिनी बताया, जो कि खाते की नामिनी प्रपत्र था ही नहीं. मात्र उनके द्वारा यह बताया जाता था कि खाता धारक ने मरने से पूर्व अपने खाते का नामिनी चेंज किया था किस तारीख को चेंज किया था।
यह कभी नही बताया, उन्होंने नॉमिनी परिवर्तन के लिए यह भी बताया कि खाताधारक के व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर आवेदन दिये बगैर नॉमिनी में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। बैंक के द्वारा जो नामिनी प्रपत्र प्रस्तुत किया गया था वह दिनांक 29/03/2022 की तारीख़ में था, जिस समय खाताधारक लखनऊ में अस्पताल में भर्ती था,माननीय न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद थाना कोतवाली के थानाअध्यक्ष को प्रार्थना पत्र में वर्णित आरोपों के आधार पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया, प्रार्थनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज कुमार राय एडवोकेट ने न्यायालय के समक्ष पक्ष रखा।