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वाराणसी में सखियां ग्रुप द्वारा किया गया हरियाली तीज कार्यक्रम का आयोजन, रीबू श्रीवास्तव रहीं मुख्य अतिथि

वाराणसी में सखियां ग्रुप द्वारा किया गया हरियाली तीज कार्यक्रम का आयोजन, रीबू श्रीवास्तव रहीं मुख्य अतिथि

वाराणसी। वाराणसी में सावन की हरियाली के साथ उत्साह और उमंग से भरपूर तीज महोत्सव का आयोजन सिगरा स्थित होटल 'द रॉयल विस्टा' में सखियां ग्रुप द्वारा किया गया। कार्यक्रम की संयोजिका सखियां ग्रुप की अध्यक्ष एवं होटल की सीएमडी सरोज यादव रहीं।

वाराणसी।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश महिला अध्यक्ष रीबू श्रीवास्तव रहीं। उनके साथ महानगर अध्यक्ष संगीता पटेल भी विशेष रूप से मौजूद रहीं। दोनों ही अतिथियों ने कार्यक्रम की सराहना की और महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी।

 

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महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सजकर सावन के गीतों और लोक नृत्यों के माध्यम से उत्सव का भरपूर आनंद लिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा स्मार्ट श्रीमती प्रतियोगिता जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता की विजेता पूजा संगीता पांडे, अन्नू श्रीवास्तव और आरती रहीं।

 हरियाली

कार्यक्रम में भाग लेने वाली प्रमुख महिलाओं में पुनम प्रजापति, वर्षा प्रजापति, सुष्मिता चक्रवाल, प्रेमा यादव, आशा सिंह, फुलवंती देवी, मंजू देवी, उर्मिला बिंद, दिव्या, रूबी, मीनू, भावना, रचना, सुनीता गुप्ता, लक्ष्मी गुप्ता, मीनाक्षी, ममता, मोनी, माया आदि उपस्थित रहीं।

हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है?

हरियाली तीज भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और हरियाणा में बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है, जब चारों ओर हरियाली छा जाती है और प्रकृति अपनी पूर्ण शोभा में होती है। यही कारण है कि इसे हरियाली तीज कहा जाता है।

हरियाली तीज का धार्मिक महत्व

हरियाली तीज का पर्व माता पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन की स्मृति में मनाया जाता है। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने हरियालीके लिए वर्षों तक कठोर तप किया था। अंततः श्रावण मास की शुक्ल तृतीया को भगवान शिव ने पार्वती जी को पत्नी रूप में स्वीकार किया। इस दिन को स्त्रियों द्वारा सौभाग्य, पति की दीर्घायु और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना के रूप में मनाया जाता है।


हरियाली तीज का सांस्कृतिक पक्ष

हरियाली

इस दिन महिलाएं सुंदर वस्त्र पहनती हैं, विशेष रूप से हरी साड़ियाँ या लहरिया, जो हरियाली का प्रतीक होती हैं। हाथों में मेहंदी रचाना, झूले झूलना, लोकगीत गाना और नृत्य करना इस पर्व की विशेषता है। कई स्थानों पर तीज महोत्सव का आयोजन होता है जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, गीत-संगीत और पारंपरिक व्यंजन देखने को मिलते हैं।

हरियाली


व्रत और पूजा विधि

हरियाली तीज पर महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, यानी जल तक ग्रहण नहीं करतीं। वे मां पार्वती की पूजा करती हैं, शिव-पार्वती की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक जलाकर, कथा सुनकर और श्रृंगार अर्पित कर पूजन करती हैं। इस दिन खास तौर पर तीज माता की कथा सुनी जाती है।

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हरियाली तीज का सामाजिक संदेश

यह पर्व स्त्रियों के आत्मबल, प्रेम, श्रद्धा और सामाजिक एकता का प्रतीक है। यह न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि महिलाओं को एक-दूसरे से मिलने, हर्षोल्लास से समय बिताने और संस्कृति को आगे बढ़ाने का अवसर भी प्रदान करता है।

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