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वाराणसी में स्थित हैं माँ के नौ स्वरूपों की नौ शक्तिपीठ, नवरात्रि में नौ रूपों की पूजा का है विशेष महत्व

वाराणसी में स्थित हैं माँ के नौ स्वरूपों की नौ शक्तिपीठ, नवरात्रि में नौ रूपों की पूजा का है विशेष महत्व
आइए जानते हैं वाराणसी के इन नौ शक्तिपीठों के बारे में:

वाराणसी।  जिसे भगवान शिव की पवित्र नगरी के रूप में जाना जाता है, नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना के लिए विशेष प्रसिद्ध है। नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, और इस दौरान वाराणसी में स्थित नौ शक्तिपीठों का महत्व और भी बढ़ जाता है।

भक्त इन नौ देवियों के दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़ते हैं, जो पीढ़ियों से लोगों की आस्था का केंद्र रहे हैं। आइए जानते हैं वाराणसी के इन नौ शक्तिपीठों के बारे में:

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1. शैलपुत्री देवी- नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। वाराणसी में शैलपुत्री देवी का मंदिर अलईपुरा रेलवे स्टेशन के पास शक्कर तालाब के नजदीक स्थित है। इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

 

शैलपुत्री देवी

2. ब्रह्मचारिणी देवी - दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। वाराणसी में ब्रह्मचारिणी देवी का मंदिर गंगा तट के पास पंचगंगा और गाय घाट के बीच स्थित ब्रम्हाघाट पर बना है, जहां श्रद्धालु विशेष रूप से नवरात्रि के समय आते हैं।

 

3. चंद्रघंटा देवी- नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा देवी की पूजा का महत्व है। चंद्रघंटा देवी का मंदिर वाराणसी के चौक इलाके में, थाने के सामने चंद्रघंटा गली में स्थित है।

. चंद्रघंटा देवी-

4. कुष्मांडा देवी- चौथे दिन देवी कुष्मांडा की पूजा की जाती है। दुर्गाकुंड में स्थित यह मंदिर वाराणसी के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है, जहां भक्त बड़ी संख्या में दर्शन करने आते हैं।

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5. स्कंदमाता देवी - पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। वाराणसी के जैतपुरा क्षेत्र में स्थित बागेश्वरी देवी का मंदिर इस दिन विशेष आस्था का केंद्र होता है।

 

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स्कंदमाता देवी

6. कात्यायनी देवी - छठे दिन कात्यायनी देवी की पूजा होती है। संकठा मंदिर, जो मणिकर्णिका घाट के पास सिंधिया घाट के ऊपर स्थित है, कात्यायनी देवी का प्रसिद्ध मंदिर है।

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7. कालरात्रि देवी - नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि देवी की पूजा होती है। वाराणसी के कालका गली, दशाश्वमेध रोड पर स्थित कालरात्रि देवी का मंदिर इस पूजा का प्रमुख स्थल है।

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8. महागौरी देवी - आठवें दिन महागौरी देवी की पूजा होती है। बाबा विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित अन्नपूर्णा मंदिर महागौरी के रूप में प्रसिद्ध है और नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा की जाती है।

9. सिद्धिदात्री देवी - नवरात्रि के अंतिम दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। गोलघर के पीछे पराड़कर भवन के पास स्थित सिद्ध माता गली में देवी सिद्धिदात्री का मंदिर है, जहां नवरात्रि के अंतिम दिन विशेष पूजा होती है।

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इन नौ शक्तिपीठों की यात्रा कर भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए देवी दुर्गा के इन नौ स्वरूपों की आराधना करते हैं। नवरात्रि के दौरान इन मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, और काशी नगरी देवी दुर्गा के भक्ति में डूबी रहती है।

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