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वाराणसी में फर्जी दस्तखत कर फ्लैट अपने नाम कराने के मामले में नम्रता मिश्रा प्रथम दृष्टया दोषी पाई गईं

वाराणसी में फर्जी दस्तखत कर फ्लैट अपने नाम कराने के मामले में नम्रता मिश्रा प्रथम दृष्टया दोषी पाई गईं

वाराणसी। शहर में एक बार फिर चर्चित परिवारिक विवाद ने कानूनी मोड़ ले लिया है। बीते वर्ष 2024 में नम्रता मिश्रा ने अपनी बड़ी बहन ममता मिश्रा और उनके पति पर धमकी देने एवं अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। हालांकि, जांच और सुनवाई के बाद अदालत ने वह मामला खारिज कर दिया था।

अब उसी परिवारिक विवाद ने नया मोड़ तब लिया जब जुलाई 2025 में नगर निगम से जुड़े एक फ्लैट प्रकरण में नम्रता मिश्रा पर फर्जी दस्तखत और जालसाजी के माध्यम से संपत्ति अपने नाम कराने का आरोप साबित हुआ। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान नम्रता मिश्रा को प्रथम दृष्टया दोषी पाया है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने नम्रता मिश्रा को फिलहाल जमानत पर रिहा कर दिया है, लेकिन आगे की कार्यवाही जारी है। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसियां अब इस पूरे प्रकरण से जुड़े दस्तावेजों और नगर निगम के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही हैं।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, ममता मिश्रा और उनके पति ने इस निर्णय का स्वागत किया है और कहा है कि “सच्चाई देर से ही सही, सामने आ गई।

वहीं, अदालत द्वारा अगले सुनवाई की तिथि आगामी माह निर्धारित की गई है, जिसमें नम्रता मिश्रा के खिलाफ साक्ष्यों की विस्तृत जांच और आगे की कार्रवाई पर फैसला होगा।

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