नमामि गंगे ने सूर्योपासना के साथ किया प्रकृति व पर्यावरण के संरक्षण का आह्वान
वाराणसी। प्रकृति से संतुलन साधने के महापर्व पर नमामि गंगे ने सर्वशक्तिशाली भगवान सूर्य की उपासना करके जनमानस से प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण की गुहार लगाई। सूर्यषष्ठी लोकपर्व पर समस्त विश्व को जागृति देने वाले सूर्यदेव, छठ माता व मां गंगा की आरती उतार कर संपूर्ण विश्व के लिए खुशहाली की कामना की। नमामि गंगे टीम के सदस्यों ने मणिकर्णिका घाट पर उपस्थित हजारों नागरिकों को स्वच्छता का संकल्प दिलाया । उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात लोगों द्वारा गंगा तट पर छोड़े गए निर्माल्य को समेटा गया ताकि वह गंगा में न जाने पाए।
इस अवसर पर नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने कहा कि अर्घ्य हेतु जल स्रोतों की महत्ता सर्वविदित है। यह पर्व लगातार विलुप्त होते तालाब, पोखर और नदियों को जीवनदान देने के लिए प्रेरित करता है। प्रकृति की उपासना का यह पर्व हमें प्राकृतिक चेतना, जल स्रोतों व जैव विविधता का संरक्षण, कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन एवं समुदाय की एकता का संदेश देता है। सूर्य षष्ठी ( छठ ) लोकदृष्टि की प्रसन्नता और मन के अंतर्मिलन का श्रेष्ठ रूपक है। आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला, प्रसिद्ध कथा वाचक स्वामी गुरुशरण दास, पूनम शुक्ला, विनोद उपाध्याय, आशा मिश्रा, ज्योति मिश्रा, सोनी उपाध्यक्ष, सूर्यांशु शुक्ला एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।