MLC हंसराज विश्वकर्मा ने कहा की जिले को टीबी मुक्त बनाने में सभी का सहयोग अनिवार्य हैं...
वाराणसी। जनपद के 46 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। बुधवार को आयुक्त सभागार में आयोजित एक सम्मान समारोह में इन पंचायतों के ग्राम प्रधानों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विधान परिषद सदस्य हंसराज विश्वकर्मा और जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि टीबी मुक्त जिले का सपना तभी साकार होगा जब हर व्यक्ति इसके प्रति जागरूक होगा। उन्होंने बताया कि इस घातक बीमारी के प्रति समाज को सतर्क करना, जांच करवाना और समय पर उपचार लेना बेहद जरूरी है। इसके लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है ताकि लोग जांच और उपचार से परहेज न करें।
जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या ने टीबी मुक्ति अभियान की चुनौतियों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "सामाजिक रूढ़ियों और अंधविश्वास इस बीमारी के उपचार में बड़ी बाधा हैं। हमें इस मानसिकता को बदलना होगा कि टीबी छिपाने की चीज है। जब तक बीमारी का खुलासा नहीं होगा, तब तक उसका इलाज संभव नहीं है।" उन्होंने ग्राम प्रधानों और जनप्रतिनिधियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इन नेताओं को ग्रामीणों को जागरूक करके जांच केंद्रों तक ले जाना चाहिए।
46 ग्राम पंचायतें घोषित हुईं टीबी मुक्त
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि जिले के विभिन्न ब्लॉकों से 46 गांवों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। इनमें आराजी लाइन से 7, बड़ागांव से 5, चिरईगांव से 5, चोलापुर से 2, हरहुआ से 10, काशी विद्यापीठ से 4, पिंडरा से 8 और सेवापुरी से 5 गांव शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जैसे हर माह की 15 तारीख को ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ मनाना और नियमित अभियान चलाकर टीबी मरीजों की खोज करना।
टीबी रोगियों के लिए जरूरी है उपचार और देखभाल
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय ने टीबी मुक्त पंचायत घोषित करने के मानकों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि टीबी रोगियों को दिए गए परामर्श और दवाओं का पालन करना आवश्यक है। यदि दवाओं के सेवन में किसी भी प्रकार की समस्या आती है, तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना चाहिए ताकि समय पर उपचार मिल सके।
इस अवसर पर सभी टीबी मुक्त पंचायतों के ग्राम प्रधान, टीबी सुपरवाइजर, टीबीएचवी (टीबी हेल्थ विजिटर) और अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का उद्देश्य जिले को टीबी मुक्त बनाना है और इस दिशा में हर संभव प्रयास किया जा रहा है ताकि टीबी रोगियों को जल्दी स्वस्थ किया जा सके और जिले को पूरी तरह से टीबी मुक्त घोषित किया जा सके।