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क्षत्रिय धर्म राष्ट्र धर्म का पर्याय, शौर्य और पराक्रम से भरा है क्षत्रियों का इतिहास

क्षत्रिय धर्म राष्ट्र धर्म का पर्याय, शौर्य और पराक्रम से भरा है क्षत्रियों का इतिहास

वाराणसी। क्षत्रिय धर्म राष्ट्र धर्म का पर्याय है। युगो युगो से क्षत्रिय सर्वस्व समर्पण की भावना से बलिदान होकर अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए राष्ट्र की रक्षा किया है। शस्त्र और शास्त्र दोनों ही क्षत्रियों का संपत्ति और आभूषण रहा है। उक्त बातें नदेसर स्थित सूर्या होटल में क्षत्रिय धर्म संसद द्वारा आयोजित शस्त्र पूजन कार्यक्रम में पूर्व विधायक चेतनारायण सिंह ने कहीं। क्षत्रिय युद्ध में सिर अलग होने के बाद भी केवल धड़ से लड़ते रहे हैं इसके कई प्रमाण है। हमें अपने पूर्वजों से शिक्षा लेकर राष्ट्र रक्षा हेतु सदैव तत्पर रहना होगा।

क्षत्रिय धर्म राष्ट्र धर्म का पर्याय, शौर्य और पराक्रम से भरा है क्षत्रियों का इतिहास

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांख्य योग पीठ के पीठाधीश्वर अभय सिंह ने कहा कि आज भी शस्त्र के साथ-साथ शास्त्र भी उतना ही प्रासंगिक है ।वर्तमान में देश एक विषम परिस्थिति से गुजर रहा है राष्ट्र विरोधी ताकते तीव्र गति से सक्रिय हो गई है ।देश को खंड-खंड करने की साजिश चल रही है ।विदेशी ताकते सनातन धर्म को जातियों में विभक्त कर राष्ट्र को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं,हमें सजग और सतर्क रहना होगा। विशिष्ट अतिथि उदय प्रताप कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि हमें एकजुट होकर राष्ट्रीय विरोधी ताकतों और देश में छुपे हुए गद्दारों का मुंह तोड़ जवाब देना होगा।

क्षत्रिय धर्म राष्ट्र धर्म का पर्याय, शौर्य और पराक्रम से भरा है क्षत्रियों का इतिहास

इस अवसर पर डॉक्टर के के सिंह, डॉ राम मूर्ति सिंह, ठाकुर कुश प्रताप सिंह, संजय सिंह, अरुण सिंह, संजीव कुमार सिंह, किरण सिंह, डॉ. श्रवण सिंह, राम विजय सिंह, बृजेन्द्र सिंह, स्वतंत्र बहादुर सिंह, सुधीर सिंह, कुंवरकांत सिंह, अमरनाथ सिंह, सत्येंद्र सिंह, प्रबोध नारायण सिंह ,डॉ रमेश प्रताप सिंह, अंबिका सिंह, पंकज सिंह आदि लोगों ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय सिंह गौतम एवं धन्यवाद ज्ञापन रणविजय सिंह ने किया।

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