वाराणसी इस्कॉन में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जन्माष्टमी, 51 प्रकार के द्रव्यों से कान्हा का महाअभिषेक व महाआरती
वाराणसी। अंतर्राष्ट्रीय श्रीकृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) वाराणसी द्वारा दुर्गाकुंड रोड स्थित मंदिर प्रांगण में मनाए जा रहे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महामहोत्सव के दूसरे दिन आज प्रातः से ही विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। श्रीकृष्ण लीला कथा प्रवचन करते हुए मंदिर प्रबंधन के अध्यक्ष अच्युत मोहन दास व सुदामा दास ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य दुष्टों का संहार व सज्जनों की रक्षा तथा सनातन धर्म की स्थापना के लिए हुआ।भगवान के चरित्रों व उद्देश्यों को आमजनों में आत्मसात कराने हेतु यह कथा विगत 20 अगस्त से चल रहा है।
भारतीय एवं आधुनिक शैली में बने परिधानों व विभिन्न प्रकार के सुगंधित फूलों से भगवान का श्रृंगार किया गया। 24 घंटे "हरे कृष्ण" मंत्र हरिनाम संकीर्तन की दिव्य ध्वनियों से मंदिर प्रांगण गुंजित हो रहा है। सुबह से देर रात तक हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया। लगभग 10 टन शुद्ध देसी घी से बना हलुआ प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।इस अवसर पर बीएचयू आईआईटी के पूर्व छात्रों ने भक्ति संगीत व श्रीकृष्ण जीवन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मनोहारी प्रस्तुति दी।
रात्रि में 9 बजे से मनाये जा रहे श्रीकृष्ण प्रकाट्योत्सव में 51 रजत कलशों द्वारा 51 प्रकार की दूध दही घी शर्करा व औषधीय द्रव्यों द्वारा महाअभिषेक,108 प्रकार के व्यंजनों का महाभोग व महाआरती कान्हा का किया गया। पूरा परिवेश कृष्णमय हो गया इस अवसर पर श्रीमान अच्युत मोहन दास साक्षी मुरारी दास रसिक गोविंद दास मुरारी गुप्त दास रामकेशव दास धवल कृष्ण दास एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष दीपक मधोक अशोक गुप्ता व संतोष अग्रवाल सहित भारी संख्या श्रद्धाधु थे।