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वाराणसी में फर्जी सी.बी.आई. अधिकारी बन डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर साइबर ठगी करने वाले गैंग का मास्टर मांइड गिरफ्तार

वाराणसी में फर्जी सी.बी.आई. अधिकारी बन डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर साइबर ठगी करने वाले गैंग का मास्टर मांइड गिरफ्तार

वाराणसी। वाराणसी में दिनाक 04.07.2024 को निहार पुरोहित पुत्र जयेन्द्र पुरोहित निवासी सोनारपुरा भेलूपुर कमिश्ररेट वाराणसी द्वारा थाना हाजा पर उपस्थित होकर प्रार्थनापत्र इस आशय से प्रस्तुत किया गया कि साइबर अपराधियों द्वारा उनके साथ फर्जी ट्राई अधिकारी/सी.बी.आई. अधिकारी बनकर उनकी डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर उनके साथ कुल करीब 29 लाख रुपये की साइबर ठगी कर ली गयी है। जिसपर थाना हाजा पर मुकदमा पंजीकृत किया गया जिसकी विवेचना प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना राजकिशोर पाण्डेय द्वारा की जा रही है।

 

उक्त प्रकरण के दृष्टिगत मोहित अग्रवाल पुलिस आयुक्त कमिo वाराणसी एवं प्रमोद कुमार पुलिस उपायुक्त अपराध कमि० वाराणसी के निर्देशन में तथा श्रुति श्रीवास्तव अपर पुलिस उपायुक्त कमि० वाराणसी व गौरव कुमार सहायक पुलिस आयुक्त कमि० बाराणसी के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर उक्त पटना के अनावरण हेतु निर्देशित किया गया। उक्त के क्रम में वाराणसी से पटना में सलिप्त डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर साइबर ठगी करने वाले गैंग का मास्टर मांइड को गिरफ्तार किया गया है। जिसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन, व नकदी बरामद की गयी है।

 

साइबर अपराधियों द्वारा सर्वप्रथम फर्जी ट्राई अधिकारी/सी.बी.आई. अधिकारी बनकर लोगों को उनक मोबाइन नं० पर वर्चुवल नं० से काल कर उनके नाम पर फर्जी सिम के जानी होने तथा उस सिम का अवैध गतिविधियों में लिप्त होने का झांसा देते हुए उनकी डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर वेरीफिकेशन के नाम पर तथाकथित आर. बी. आई. के बैंक खातो में पैसा ट्रान्नरफर कर लिया जाता है।

तत्पश्चात उन बैंक खातों से अन्य बैंक खातों में पैसा भेजकर अपने सिन्डिकेट के माध्यम से पैसा निकाल लिया जाता है तथा प्राप्त पैसों को आपस में अपने कार्य के अनुसार बांट लिया जाता है। इस घटना में साइबर अपराधियों द्वारा अपनी पहचान छुपाने तथा पुलिस की पहुंच से दूर रहने के उद्देश्य से फर्जी नाम-पते का सिमकार्ड व म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल किया जाता है।

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