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dev diwali 2022 in varanasi : देव दीपावली के लिए आज वाराणसी में रूट डायवर्जन, गंगा घाटों की ओर नहीं जाएंगे कोई भी वाहन

dev diwali 2022 in varanasi : देव दीपावली के लिए आज वाराणसी में रूट डायवर्जन, गंगा घाटों की ओर नहीं जाएंगे कोई भी वाहन

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में सोमवार को देव दीपावली (Dev Deepawali 2022) का पर्व पूरे उल्लास के साथ मनाया जाएगा। मां जाह्नवी के अर्धचन्द्राकार घाटों पर शाम पांच बजकर 15 मिनट के बाद 10 लाख दीप जलाकर योगी आदित्यनाथ सरकार दिव्य और भव्य देव दीपावली महोत्सव का शुभारंभ करेगी।

इसके साथ ही पूरे बनारस में जनसहभागिता से तकरीबन 21 लाख दीये जलाये जाने की संभावना है। देव दीपावली महोत्सव को देखते हुए वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।

श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद ये पहली देव दीपावली है। देव दीपावली के अवसर पर जल, थल और नभ से काशी नगरी की सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से रूट डायवर्जन भी लागू किया गया है।

वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश के अनुसार पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतज़ाम रहेगा। किसी भी तरह के प्राइवेट ड्रोन को उड़ाने पर पूरी तरह ऱोक लगा दी गई है और जिले की सीमा पर भी चौकसी बरती जाएगी। इसके अलावा पर्याप्त संख्या में पुलिस और पीएएसी की तैनाती की गयी है। गंगा नदी में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को मुस्तैद किया गया है।

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पर्यटकों की बड़ी संख्या देखते हुए अस्पतालों में बेड रिज़र्व करके चिकित्सकों की टीम को अलर्ट रखा गया है। गंगा में फ्लोटिंग डिवाइडर बनाए जा रहे हैं। नाविकों को निर्धारित पर्यटकों को बैठाने व लाइफ जैकेट पहनने की हिदायत दी गई है। श्रद्धालुओं व पर्यटकों की भारी भीड़ के अनुमान से ट्रैफिक डाइवर्जन व पार्किंग सुनिश्चित कर दिया गया है।

 दोपहर बाद से लेकर आधी रात बाद तक गंगा घाटों पर लाखों लोगों का जनसैलाब उमड़ेगा। इसे देखते हुए आज सुबह 11 बजे से रात में पर्व की समाप्ति तक रूट डायवर्जन की व्यवस्था लागू की गई है। रूट डायवर्जन की व्यवस्था के तहत गोदौलिया से मैदागिन तक का इलाका नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है।

इसके साथ ही गंगा घाटों की ओर जाने वाले किसी भी मार्ग पर किसी भी तरह का वाहन नहीं जाएगा। एडीसीपी ट्रैफिक डीके पुरी ने लोगों से अपील की है कि वह रूट डायवर्जन की व्यवस्था का पालन कर यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने में मदद करें।

पुलिस प्रशासन ड्रोन कैमरे के जरिए निगरानी करेगी। कह सकते हैं कि आकाश, जमीन और पानी हर जगह से सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किये गये हैं।

जानें, रूट डायवर्जन की क्या है व्यवस्था

  • गोदौलिया से दशाश्वमेध और गोदौलिया से मैदागिन तक का इलाका नो व्हीकल जोन घोषित है।
  • चार और तीन पहिया वाहनों को सोनारपुरा से गोदौलिया चौराहा, बेनिया से रामापुरा और रामापुरा से गोदौलिया तक नहीं जाने दिया जाएगा।
  • पड़ाव सूजाबाद चौकी से चार पहिया, ऑटो को राजघाट पुल की ओर नहीं जाने दिया जाएगा।

  • भदऊं चुंगी से भैंसासुर घाट तक कोई बड़ा वाहन नहीं जाएगा।
  • कज्जाकपुरा तिराहा से बड़े वाहन राजघाट की ओर नहीं जाएंगे।
  • रवींद्रपुरी स्थित संत कीनाराम आश्रम और शिवाला रोड से कोई भी वाहन अस्सी घाट की तरफ नहीं जाएगा।
  • लंका-अस्सी मार्ग पर किसी भी प्रकार के वाहन नहीं चलेंगे।

  • ब्रॉडवे होटल तिराहा से किसी भी प्रकार के वाहन को हरिश्चंद्र घाट मार्ग की ओर नहीं जाने दिया जाएगा।
  • भेलूपुर क्षेत्र से रेवड़ी तालाब स्थित जय नारायण इंटर कॉलेज से रामापुरा की ओर नो व्हीकल जोन होगा।
  • पांडेयपुर स्थित काली माता मंदिर तिराहा से बड़े वाहनों को पांडेयपुर चौराहा की ओर नहीं जाने दिया जाएगा।
  • भोजूबीर तिराहा से बड़े वाहनों को अर्दली बाजार से रोकते हुए दैत्रावीर बाबा की तरफ से निकाला जाएगा।

  • पुलिस लाइन चौराहा से अर्दली बाजार की ओर वाहन नहीं जाएंगे।
  • कज्जाकपुरा स्थित कूड़ा घर से चार और तीन पहिया वाहन गोलगड्डा की तरफ नहीं जाएंगे।
  • गोलगड्डा से कोई भी वाहन मैदागिन की तरफ नहीं जाएगा।
  • गोदौलिया से चार और तीन पहिया वाहन रामापुरा की तरफ नहीं जाएंगे।

  • रामापुरा से चार और तीन पहिया वाहन बेनिया नहीं जाएंगे।
  • लकड़ी मंडी तिराहा चौकाघाट से चार और तीन पहिया वाहन जगतगंज की ओर नहीं जाएंगे।
  • तेलियाबाग तिराहा और जगतगंज से कोई भी वाहन लहुराबीर की ओर नहीं जाएगा।

  • मलदहिया और जयसिंह चौराहे से लहुराबीर चौराहे की तरफ कोई भी वाहन नहीं जाएगा।
  • काशिका व पिपलानी तिराहे से कोई भी वाहन मैदागिन चौराहे की तरफ नहीं जाएगा।
  • मैदागिन स्थित टाउनहॉल पार्किंग में चार और तीन पहिया वाहनों को खड़ा कराया जाएगा।

बाहरी वाहन शहर के अंदर नहीं आएंगे

  • चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर से शहर में आने वाले वाहनों को राजातालाब से रिंग रोड होकर निकाला जाएगा।
  • मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर से शहर में आने वाले वाहन हरहुआ स्थित रिंग रोड, राजातालाब से हाईवे होकर जाएंगे।
  • प्रयागराज जाने वाले वाहनों को हाईवे और रिंग रोड से होकर निकाला जाएगा।

  • भदोही से आने वाले सभी वाहनों को परमपुर रिंग रोड से होते हुए निकाला जाएगा।
  • चंदौली से टेंगरा मोड़ के बीच होकर प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर की तरफ जाने वाले बड़े वाहनों को नारायनपुर, चुनार, मिर्जापुर, नैनी होते हुए भेजा जाएगा।
  • चंदवक और चोलापुर के बीच होकर जौनपुर, लखनऊ, प्रयागराज की तरफ जाने वाले वाहनों को चंदवक चौराहे से गोसाईपुर, मोहांव डायवर्ट कर बाबतपुर से जौनपुर भेजा जाएगा।

  • जौनपुर की तरफ डायवर्जन के बाद भी यदि कोई भारी वाहन बाबतपुर की तरफ आ जाता है तो उसे पलहीपट्टी, गोसाईपुर होते हुए मोहांव, चंदवक और औड़िहार होकर निकाला जाएगा।

रोडवेज और प्राइवेट बसों का डायवर्जन प्लान

  • प्रयागराज और मिर्जापुर की तरफ से शहर में आने वाली रोडवेज / प्राइवेट बस मोहनसराय से गंगापुर होकर अकेलवां होते हुए चांदपुर चौराहा तक आएंगी। बाहर जाने वाले वाहनों को चांदपुर चौराहे से कपसेठी, भदोही, औराई या कछवा रोड होकर निकाला जाएगा।
  • सोनभद्र और चंदौली से आने वाली बसें मोहनसराय से गंगापुर होकर अकेलवां होते हुए चांदपुर चौराहे तक आ-जा सकेंगी।
  • गाजीपुर और आजमगढ़ की तरफ से आने वाली बसें सांस्कृतिक संकुल भवन में खड़ी होंगी।

varanasi: चन्द्र ग्रहण 2022 काशी विश्वनाथ धाम के कपाट तीन घंटे के लिए बंद, भक्तों को क्यूँ करना पड़ेगा लंबा इंतज़ार?

Varanasi-Viswanath Temple News: वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022) के कारण आठ नवंबर को तीन घंटे तक बंद रहेंगे।  दोपहर 3:30 से शाम 6:30 तक दर्शन नहीं होंगे।  इस दौरान विश्वनाथ धाम में किसी भी विग्रह के दर्शन नहीं होंगे। शाम 6:30 पर उग्रह पूजा के बाद ही दर्शन होंगे।  ये चंद्रग्रहण साल का आखिरी ग्रहण होगा। 

भारत के साथ ये चंद्रग्रहण कई अन्य देशों में भी दिखाई देगा।  भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण 8 नवंबर को शाम 5:32 बजे से शुरू होगा और शाम 6:18 बजे खत्म होगा। ग्रहण के सूतक काल में आम तौर पर मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।  इस दौरान कोई भी धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाते। 

कहां दिखाई देगा चंद्रग्रहण 

चंद्रोदय के समय से ये ग्रहण भारत के सभी हिस्सों से दिखाई देगा, लेकिन आंशिक और पूर्ण ग्रहण के प्रारंभिक चरण दिखाई नहीं देंगे क्योंकि दोनों घटनाएं तब शुरू होती हैं जब चंद्रमा भारत में हर जगह क्षितिज के नीचे होता है। कोलकाता सहित पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में पूर्ण चंद्रग्रहण का अनुभव होगा, जबकि देश के बाकी हिस्सों में लोग केवल ग्रहण के आंशिक चरण की प्रगति को देख पाएंगे जो शाम को लगभग 6:18 बजे समाप्त होगा। नई दिल्ली में चंद्रोदय से लगभग 5:31 बजे आंशिक ग्रहण का अनुभव होगा। 

दिवाली के बाद लगा था सूर्यग्रहण

खगोलविद के अनुसार, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो चंद्रग्रहण की घटना होती है। चंद्रग्रहण की स्थिति में पृथ्वी की छाया चांद की रोशनी को ढक लेती है।इस साल दोनों दिवाली ग्रहण से प्रभावित हो रही हैं. पंचांग के अनुसार, इस बार 24 अक्टूबर को दिवाली थी और त्योहार के अगले ही दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण लगा था।  इस साल देव दिवाली 7 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी, उसी के अगले दिन चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022) लग रहा है। 

Chandra Grahan 2022 : 08 नवंबर को चंद्रग्रहण, जानिए कब दिखेगा ग्रहण और सूतक काल, ग्रहण के दौरान किए गए जाप जल्दी होते हैं सिद्ध, इन मंत्रो का करें जाप, मन मुताबिक इच्छाएं होंगी पूरी...

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण के दौरान कई चीजे करने की मनाही होती है। इस समय सिर्फ भगवना का स्मरण करने की सलाह दी जाती है। 08 नवंबर, मंगलवार को देश-दुनिया में साल 2022 का आखिरी ग्रहण देखने को मिलेगा। यह ग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण  होगा। 15 दिनों के अंतराल पर यह दूसरा ग्रहण होगा इसके पहले बीते 25 अक्तूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था।

भारत में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा जिसके कारण ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा। चंद्रग्रहण में सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले लगेगा। भारत में पूर्वोत्तर राज्यों में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखेगा। भारत के अलावा 08 नवंबर को लगने वाला चंद्रग्रहण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया और पेसिफिक में दिखाई देगा।

यह चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली की तिथि पर लगेगा आपको बता दें कि 25 अक्तूबर को लगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी दिवाली के अगले दिन पर कार्तिक अमावस्या तिथि पर लगा था। भारत में यह चंद्रग्रहण शाम होते ही दिखाई देने लगेगा।आइए जानते हैं 08 नवंबर को लगने वाले चंद्रग्रहण से संबंधित सभी जानकारियां और इसके प्रभाव के बारे में विस्तार से...

भारत में कितने बजे शुरू होगा चंद्र ग्रहण ?

चंद्र ग्रहण की तिथि: 08 नवंबर, सोमवार 2022 चंद्रग्रहण का समय : शाम 05 बजकर 28 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक चंद्रोदय का समय- 08 नवंबर शाम 5 बजकर 28 मिनट पर

कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला यह साल 2022 का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा। 15 दिन पहले साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दिवाली के अगले दिन कार्तिक अमावस्या के दिन पड़ा था। 08 नवंबर को चंद्र ग्रहण की शुरूआत भारत में शाम 05 बजकर 28 मिनट से होगी और इसका समापन 06 बजकर 19 मिनट पर होगा। 

चंद्र ग्रहण का सूतक काल कितने बजे से होगा शुरू

वैदिक ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण होने पर सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले जबकि चंद्र ग्रहण होने पर 9 घंटे पहले से सूतक शुरू हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण पर सूतक काल को शुभ नहीं माना जाता है। सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ और शुभ कार्य वर्जित होता है। 08 नवंबर को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से सूतक काल आरंभ हो जाएगा जो ग्रहण की समाप्ति के साथ खत्म हो जाएगा।

इस राशि और नक्षत्र में लगेगा चंद्र ग्रहण

ज्योतिष गणना के मुताबिक साल का यह चंद्र ग्रहण 08 नवंबर 2022 को मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा। मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल होते हैं और इस दिन ये तीसरे भाव में वक्री अवस्था में रहेंगे। इसके अलावा चंद्रमा राहु के साथ मौजूद होंगे और सूर्य केतु,शुक्र और बुध के साथ स्थित होंगे। देवगुरु बृहस्पति अपनी स्वयं की राशि मीन और शनिदेव भी अपनी स्वयं की राशि मकर में विराजमान रहेंगे।

भारत में कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण

दिवाली के बाद अब कार्तिक पूर्णिमा पर भी चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा। 15 दिन के अंतराल पर यह दूसरा ग्रहण होगा। भारत में इस पूर्ण चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा। भारत के कुछ हिस्सों में पूर्ण चंद्रग्रहण जबकि ज्यादातर हिस्सों में आंशिक चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा। भारत में ग्रहण की शुरूआत 08 नवंबर को चंद्रोदय होने के साथ शुरू हो जाएगा।

देश में यहां दिखेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण

भारत में 08 नवंबर की शाम को जैसे ही चंद्रोदय होगा सबसे पहले पूर्वोत्तर की दिशा में सबसे पहले चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा। अरुणाचल प्रदेश में सबसे पहले पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। 

देश के इन हिस्सों में दिखेगा आंशिक चंद्र ग्रहण

पूर्वोत्तर के क्षेत्रों को छोड़कर भारत के अधिकांश हिस्सों में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखाई देगा।

दुनिया में यहां देखा जा सकेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण

एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, उत्तरी पूर्वी यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश हिस्से में साल का आखिरी चंद्र ग्रहण का नजारा दिखाई देगा।

यहां नहीं दिखेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण

08 नवंबर को दक्षिणी पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका में ग्रहण दिखाई नहीं देगा ।

चंद्र ग्रहण में क्या करें और क्या न करें?

08 नवंबर को साल का आखिरी ग्रहण होगा। कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा इस कारण से इसका सूतक काल मान्य होगा। ऐसे में ग्रहण के लगने के 09 घंटे पहले से सूतक काल लग जाएगा। शास्त्रों में सूतक काल को अशुभ माना गया है इसलिए सूतक लगने पर पूजा-पाठ,धार्मिक अनुष्ठान और शुभ काम नहीं किए जाते हैं। मंदिर के पट बंद दो जाते हैं। ग्रहण में न तो खाना पकाया जाता है और न ही खाना खाया जाता है। ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप और ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान और दान किया जाता है। ग्रहण की समाप्ति होने पर पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव किया जाता है।

चंद्र ग्रहण में क्या न करें

  • चंद्र ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी-देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए।

  • चंद्र ग्रहण के दौरान न ही भोजन पकाना चाहिए और न ही कुछ खाना-पीना चाहिए।

  • चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए। 

  • चंद्रग्रहण के दौरान तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों नहीं छूना चाहिए।

चंद्र ग्रहण में क्या करें

  • ग्रहण शुरू होने से पहले यानी सूतक काल प्रभावी होने पर पहले से ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को डालकर रखना चाहिए।

  • ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए।

  • ग्रहण के दौरान इसके असर को कम करने के लिए चंद्रमा से जुड़े हुए मंत्रों का जाप करना चाहिए।

  • ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को न तो ग्रहण देखना चाहिए और न ही ग्रहण के दौरान घर से बाहर जाना चाहिए। ग्रहण के दौरान अगर गर्भवती महिलाएं सूर्य ग्रहण देखती हैं या फिर बाहर निकलती हैं तो गर्भ में पल रहे नवजात शिशु पर नकारात्मक असर पड़ता है।  ज्योतिष के नजरिए से ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा पर बुरे ग्रह राहु-केतु का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है। इस कारण से बच्चे की कुंडली में इन ग्रहों से संबंधित कोई न कोई दोष हो सकता है। 

  • ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं बाहर जाने से बचें।
  • गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाएं ग्रहण शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद स्नान अवश्य करें।
  • ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कोई भी नुकीली चीज का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोने से बचना चाहिए।

ज्योतिष शास्त्र में कुछ चमत्कारी और शक्तिशाली मंत्रों के जाप के बारे में बताया गया है, जिनका जाप करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं छूमंतर हो जाएंगी।

चंद्र ग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप

1. शत्रुओं से मुक्ति के लिए बगलामुखी मंत्र का जाप करना उत्तम रहता है।

ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:।

2. अगर आप किसी मुकदमे में फंसे हुए हैं, और उसे जीतना चाहते हैं तो इस मंत्र का उच्चारण करना सर्वोत्तम उपाय है।

ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।। इस मंत्र में ‘सर्वदुष्टानां’ के स्थान पर उस व्यक्ति का नाम लें, जिससे छुटकारा पाना चाहते हैं।

3. कहते हैं कि ग्रहण के दौरान किए गए जाप जल्दी सिद्ध पाते हैं। ऐसे ही धन की देवी लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का उच्चारण करें।

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:।

4. चंद्र ग्रहण के दौरान मंत्र के उच्चारण से वाक सिद्धि की प्राप्ति होती है।

ॐ ह्लीं दुं दुर्गाय: नम:।

5. नौकरी और व्यापार में वृद्धि चाहते हैं तो चंद्र ग्रहण के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करें।

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।

यह लेख मान्यताओं पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।

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