Chandauli News: काले चावल के बाद अब चंदौली प्लास्टिक और सर्जिकल उत्पाद भी करेगा निर्यात
चंदौली। अब काला चावल के साथ-साथ जिले से प्लास्टिक और सर्जिकल उत्पादों का भी निर्यात किया जाएगा। इस दिशा में उद्योग विभाग और एपीडा (कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) ने मिलकर एक नई रणनीति बनाई है।
किसानों और उद्यमियों को उनके उत्पादों के निर्यात के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ अनुदान भी प्रदान किया जाएगा। जिले के 30 किसान उत्पाद संगठनों (एफपीओ) और उद्यमियों को इस योजना के तहत प्रशिक्षण मिलेगा।
अब तक चंदौली के किसान अपनी सब्जियों और चावल को वाराणसी के एफपीओ के जरिए विदेश भेजते थे, लेकिन अब वे सीधे अपने उत्पादों को निर्यात कर सकेंगे। जिले की तीन प्रमुख नदियों के किनारे बसे हजारों किसान सब्जियों की खेती करते हैं।
ये किसान अब स्थानीय बाजार के अलावा विदेशी बाजारों में भी अपनी उपज बेच सकेंगे। कृषि विपणन और कृषि विदेश व्यापार विभाग किसानों को निर्यात के लिए उपयुक्त सब्जियां उगाने, उनकी छटाई और पैकेजिंग के मानकों के अनुसार प्रशिक्षण देगा।
इस योजना के तहत किसानों को 10 लाख रुपये तक की ट्रांसपोर्ट सब्सिडी का भी प्रावधान है, जिससे चंदौली को नई पहचान मिलेगी। किसानों को वाराणसी से बुलाए गए प्रशिक्षकों द्वारा निर्यात के मानकों के अनुरूप उत्पादन और तैयारी के बारे में सिखाया जाएगा।
साथ ही, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में उन्नत प्रजाति के बीज और पौधों की जानकारी भी दी जाएगी, ताकि वे बेहतर गुणवत्ता की सब्जियां उगा सकें और अपने उत्पादों का विदेश में निर्यात कर सकें।