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काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक, घाट पर मां गंगा की आरती करेंगे सिर्फ एक पुजारी

Ban on entry into the sanctum sanctorum of Kashi Vishwanath temple, only one priest will perform aarti of Mother Ganga at the ghat

वाराणसी। वाराणसी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही गंगा आरती भी अब सात ब्राह्मण नहीं बल्कि सिर्फ एक अर्चक सांकेतिक रूप से करेंगे। यही नहीं दशाश्वमेध घाट पर नित्य संध्याकाल होने वाली गंगा आरती में भी अब श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। यहां सात ब्राह्मण गंगा की आरती करते रहे लेकिन अब इसे सांकेतिक रूप से केवल एक ब्राह्मण के द्वारा किया जाएगा। आरती आयोजक संस्था गंगा सेवा निधि की ओर से इस संबंध में सूचना डिजिटली प्रसारित की गई है वहीं, अस्सी घाट पर सुर राग में पगे आध्यात्मिक आयोजन सुबह ए बनारस के अनुष्ठान भी कोरोना दिशानिर्देशों के दायरे में होंगे। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते अब काशी के घाटों समेत गंगा आरती पर भी असर पड़ने लगा है। गंगा तट पर होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती सोमवार से सांकेतिक कर दी गई है। संस्था के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वो गंगा घाट पर आरती देखने न आएं, वहीं अस्सी घाट पर होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम भी अगले आदेश तक के लिए टाल दिए गए हैं।


काशी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते जहां जिला प्रशासन ने तमाम तमाम प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके चलते शाम 4 बजे से सभी घाट पुलिस बल ने खाली कराया और आवश्यक हिदायत लाउड इन्हेलर के माध्यम से दिया गया। वही अस्सी घाट पर रोजाना सुबह होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं।कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह फैसला किया गया है। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि लाखों की संख्या में भक्त आ रहे हैं ऐसे में कोविड के बढ़ते मामले को देखते हुए अगले आदेश तक प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अब केवल भक्तों को झांकी दर्शन ही बाबा का प्राप्त होगा।


वाराणसी में पिछले तीन दिनों से कोरोना के नए मामलों में अचानक तेजी आ गई है। शहर में अन्य पाबंदियां भी सोमवार से लागू की गई हैं। रविवार को काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि दूसरे शहरों से रोजाना बड़ी संख्या में लोग बाबा के दर्शन पूजन को आ रहे हैं। भक्तों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे इसलिए यह निर्णय किया गया है। उन्होंने मंदिर प्रशासन को सेनेटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था और सुदृढ़ करने का निर्देश भी दिया है।

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वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद से भारी भीड़ उमड़ रही है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर और जिला प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। अब भक्तों को बाहर से ही झांकी दर्शन कराया जाएगा। जलाभिषेक के लिए गर्भगृह के पास विशेष पात्र लगाए जाएंगे। नए साल की शुरुआत के साथ ही धाम में लोगों की भारी भीड़ दिखाई देनी शुरू हो गई थी। साल के पहले दिन तो आसपास के मुहल्ले भी लोगों की भीड़ के कारण ठसाठस हो गए थे। तभी से वरिष्ठ अधिकारियों ने मंथन शुरू कर दिया था। पीतल के विशेष पात्र (अर्घ्या) के जरिए भक्तों को जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक की व्यवस्था हो गई है। अधिकारियों की मानें तो काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद सामान्य दिनों से पांच से आठ गुना ज्यादा भक्त पहुंच रहे हैं।

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