वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जा रहा विशेष अभियान, लगेगा टिटनेस और डिप्थीरिया का टीका

वाराणसी। महानिदेशक परिवार कल्याण उ०प्र० लखनऊ के निर्देश के क्रम में हेड काउण्ट सर्वे के दौरान टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को प्रतिरक्षित किये जाने के लिए विश्व टीकाकरण सप्ताह दिनांक 24 अप्रैल 2025 से 10 मई 2025 के मध्य चलाया जाना प्रस्तावित है, इस क्रम में बुधवार को मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की अध्यक्षता में ज़ूम प्लेटफार्म पर जिला स्तरीय अन्तर्विभागीय बैठक आयोजित की गई| जिसमें उन्होंने सभी विभागों से सहयोग करने के लिए निर्देशित किया।
कार्यक्रम के तहत विशेष टीकाकरण सत्रों का आयोजन कर टीकाकरण से वंचित बच्चों को प्रतिरक्षित किया जायेगा| साथ ही साथ “डिप्थीरिया” (गलघोंटू) के बढ़ते हुए केसों के दृष्टिगत जनपद के समस्त ब्लाकों / शहरी क्षेत्रों में स्कूल आधारित टिटनेस और टीडी टीकाकरण (किशोर / किशोरी) अभियान संचालित कर 10 वर्ष व 16 वर्ष की आयु के बच्चों को डिप्थीरिया कन्टेनिंग वैक्सीन (टीडी) से आच्छादित किया जायेगा| इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी।
सीएमओ ने बताया कि जुलाई से दिसम्बर के मध्य डिप्थीरिया (गलघोंटू) का संचरण होने की संभावना अधिक रहती है, इसलिए पूर्व में ही अभियान चलाकर बच्चों को टीके से आच्छादित किया जायेगा, जिससे वह सुरक्षित रहें| सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में एएनएम द्वारा क्षेत्र में आने वाले स्कूलों/ मदरसों/आंगनबाड़ी केन्द्रों में कैम्प आयोजित कर 10 वर्ष व 16 वर्ष की आयु के बच्चों का टीकाकरण किया जायेगा। कक्षा-5 में अध्ययनरत 10 वर्ष की आयु के बच्चों को टीडी-10 की वैक्सीन तथा कक्षा 10 में अध्ययनरत 16 वर्ष की आयु के बच्चों को टीडी-16 की वैक्सीन से आच्छादित किया जायेगा। अभियान के दौरान पड़ने वाले बुधवार / शनिवार को छोड़कर नियत दिवस पर शहरी/ग्रामीण उपकेन्द्र की एएनएम अपने-अपने क्षेत्र के सभी स्कूलों को भ्रमण कर (हाई स्कूल तक) छूटे हुए बच्चों को चिन्हित कर नियमानुसार छूटे हुए टीके से आच्छादित करेंगी।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके मौर्या ने बताया कि गलघोंटू या डिप्थीरिया एक जीवाणु (कोराइन बैवेटरिया डिप्थीरिया) द्वारा फैलने वाला संक्रामक रोग है, जो आमतौर पर गले और टान्सिल को प्रभावित करता है। ऐसे बच्चे जिन्होंने डिप्थीरिया का टीकाकरण नहीं करवाया है, उन्हें यह रोग होने की सम्भावना अधिक रहती है, इसमें गले में एक ऐसी झिल्ली बन जाती है जो सांस लेने में रुकावट पैदा करती है। डिप्थीरिया के जीवाणु संक्रमित व्यक्ति के मुंह, नाक, गले में रहते हैं। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने और छींकने से फैलता है| इसलिए सतर्क रहें। अभिभावक इस विशेष अभियान में 10 वर्ष और 16 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण अवश्य करायें। जिससे आने वाले समय में बच्चों को इस बीमारी का सामना ना करना पड़े।
इस बैठक में मुख्य रूप से जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके मौर्या, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस), सभी सीएचसी/पीएचसी से अधीक्षक/प्रभरी चिकित्सा अधिकारी, डॉ शाहिद, डॉ चेल्सिया, डॉ रवि, डॉ सतरूपा, रीना वर्मा, मणिशंकर, राजीव गुप्ता, प्रवीण मिश्रा तथा संध्या गुजराती उपस्थित रहीं।