World Pneumonia Day 2022 : PCV का टीका लगवाएं और अपने बच्चे को सुरक्षित रखें
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आज राष्ट्रीय निमोनिया दिवस है। वाराणसी के सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने कहा कि बढ़ती ठंड और वायु प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों में निमोनिया की आशंका बढ़ती है। कुछ मामलों में यह गंभीर भी साबित हो जाता है। इससे बचने के लिए बच्चों को निमोनिया का टीका जरूर लगवाना चाहिए।
समय पर इसका इलाज शुरू कर दिया जाए तो इसका संक्रमण बढ़ने से रुक सकता है। निमोनिया और उससे बचाव के लिए टीकाकरण के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 12 नवंबर को राष्ट्रीय निमोनिया दिवस मनाया जाता है। सीएमओ ने कहा कि जन्म के बाद नौ माह तक सभी माताएं अपने बच्चों को न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) का टीका समय से लगवाएं।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. निकुंज कुमार वर्मा ने कहा कि निमोनिया फेफड़ों का एक सामान्य संक्रमण है जो बैक्टीरिया या वायरस के कारण खांसने, छींकने, छूने और सांस के जरिए फैलता है। यह फेफड़े से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। कई बार निमोनिया के लक्षण स्पष्ट नहीं दिखते हैं लेकिन वैसे लोग भी बीमारी फैला सकते हैं।
उन्होंने बताया कि निमोनिया दो प्रकार का यानी लोबर निमोनिया और ब्रोंकाइल निमोनिया होता है। लोबर निमोनिया फेफड़ों के एक या ज्यादा हिस्सों (लोब) को प्रभावित करता है ।
ब्रोंकाइल निमोनिया दोनों फेफड़ों को प्रभावित करता है। निमोनिया से बचाव के लिए पीसीवी का पहला टीका डेढ़ माह पर पोलियो खुराक, पेंटा और आईपीवी के साथ दिया जाता है। दूसरा टीका साढ़े तीन माह ओपीवी, पेंटावेलेंट,एफ आईपीवी और रोटा के साथ और फिर नौ माह पर खसरे के टीके के साथ बूस्टर डोज दिया जाता है।
यह सभी प्रकार के टीके सरकारी चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केंद्रों सहित टीकाकरण सत्र, छाया यूएचएनडी और वीएचएनडी में निःशुल्क लगाए जाते हैं। उन्होने बताया कि इस साल अप्रैल से अब तक 1,17,196 पीसीवी डोज लगाई जा चुकी हैं। इसमें 39326 पीसीवी प्रथम, 40861 पीसीवी द्वितीय और 37019 बूस्टर डोज शामिल हैं।
पांच साल तक के बच्चे होते हैं सर्वाधिक प्रभावित
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके पांडे ने बताया कि निमोनिया पैदा करने वाला वायरस ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। गले में खरांस, खांसी, हल्का बुखार, नाक में कफ जमना, दस्त, भूख कम लगना और थकान महसूस होना इसके लक्षणों में शामिल हैं। बच्चों में बैक्टीरियल निमोनिया बहुत के लक्षणों को भी समझना मुश्किल होता है।
इसके लक्षण हैं तेज बुखार, पसीना आना या ठंड लगना, नाखूनों या होठों का नीला पड़ना, सीने में घरघराहट महसूस होना और सांस लेने में दिक्कत महसूस होना आदि। निमोनिया होने पर बच्चे को अपने आप खांसी की दवा न दें। बच्चे को पर्याप्त आराम करने दें और शरीर में पानी की कमी न होने दें। सही इलाज से एक या दो सप्ताह में निमोनिया ठीक हो सकता है ।