मसाजिद कमेटी से पहले हम हाईकोर्ट जाएंगे: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस के एडवोकेट

ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी केस की अब नियमित सुनवाई होगी। वाराणसी के जिला जज के इस आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल करेगी। वहीं, मुकदमे की वादिनी महिलाएं मसाजिद कमेटी के रिवीजन से पहले हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल करने की तैयारी में हैं।
उनके अधिवक्ताओं का कहना है कि अधिकतम कल तक हमारी कैविएट हाईकोर्ट में दाखिल हो जाएगी। हम मसाजिद कमेटी की रिवीजन याचिका को एडमिट ही नहीं होने देंगे। उनकी रिवीजन याचिका एडमिट होने लायक भी नहीं है।
जिला कोर्ट की तरह हाईकोर्ट में भी रहेंगे सफल
एडवोकेट सुधीर त्रिपाठी ने मंगलवार को कहा कि मसाजिद कमेटी हाईकोर्ट जा रही है तो हम उनसे पहले वहां जाएंगे। आज या कल मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी की ओर से हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया जाएगा।
मसाजिद कमेटी जो भी तथ्य हाईकोर्ट में प्रस्तुत करेगी, उसे जिला अदालत की तरह ही हम वहां भी खारिज कराने में सफल रहेंगे। मुख्य रूप से अब हमारा फोकस जिला अदालत में 22 सितंबर से शुरू होने वाली नियमित सुनवाई पर है।
उनके पास कोई भी ठोस आधार नहीं है
मसाजिद कमेटी के एडवोकेट मेराजुद्दीन सिद्दीकी ने सोमवार को अदालत का आदेश आने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि पूजा स्थल एक्ट पार्लियामेंट द्वारा बनाया गया था।
फिर उसी एक्ट का पालन नहीं होगा और कहेंगे कि सब लोग बिक जाओ हमारे हाथ....। अदालत का आदेश न्यायोचित नहीं है। इसे लेकर एडवोकेट सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि उनके पास कोई भी ठोस आधार नहीं है तो वह यही कहेंगे कि बिके हुए हैं, गलत हुआ है।
हमारा कहना बस इतना ही है कि इतिहास पढ़ कर देखें। अपने कानून के पन्ने को पलट कर देखें। कोर्ट में जो नजीर पेश की गई उसे देखें। आने वाले समय में उन्हें हाईकोर्ट के लिए भी बिकने वाले शब्द का इस्तेमाल करना होगा, क्योंकि वहां उनकी रिवीजन याचिका हर हाल में खारिज होगी।