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Varanasi news: अब गूगल मैप पर मिलेगा काशी के सभी धार्मिक स्थलों का विवरण, श्रद्धालुओं को खोजने में होगी आसानी

Varanasi temples news: अब गूगल मैप पर मिलेगा काशी के सभी धार्मिक स्थलों का विवरण, अध्यक्षता के लिए 16 सदस्यीय समिति का किया गठन
काशी के सभी मंदिरों को अब गूगल मैप पर देखा जा सकेगा, काशी खंड के अनुसार मंदिरों को चिह्नित किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को मिली है, इसके लिए कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

वाराणसी। काशी के सभी मंदिरों को अब गूगल मैप पर देखा जा सकेगा, काशी खंड के अनुसार मंदिरों को चिह्नित किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को मिली है, इसके लिए कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

 

 

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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित काशी खंड के आधार पर वाराणसी के सभी मंदिरों का शास्त्रानुसार विवरण गूगल मैप के लिए तैयार कराया जाएगा। कुलपति प्रो. हरिराम त्रिपाठी ने बताया कि वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल की पहल पर काशी के सभी मंदिरों के स्थान को प्रमाणिकता के आधार पर चिह्नित करने के लिए विश्वविद्यालय को अधिकृत किया गया।

 

 


संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित काशी खंड के आधार पर वाराणसी के सभी मंदिरों का शास्त्रानुसार विवरण गूगल मैप के लिए तैयार कराया जाएगा।

 

 

 

 

कुलपति प्रो. हरिराम त्रिपाठी ने बताया कि वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल की पहल पर काशी के सभी मंदिरों के स्थान को प्रमाणिकता के आधार पर चिह्नित करने के लिए विश्वविद्यालय को अधिकृत किया गया।

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इसके लिए काशी के विद्वत व विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई है, विश्वविद्यालय से प्रकाशित काशी खंड के आधार पर शास्त्रानुसार मंदिरों और उसके स्थानों को चिह्नित किया जाएगा, जनवरी के अंत तक रिपोर्ट वीडीए उपाध्यक्ष को दे दी जाएगी।
 


समिति ये हैं शामिल 


समिति के अध्यक्ष कुलपति प्रो. हरेराम, पद्मभूषण प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, प्रो. नागेंद्र पांडेय, प्रो. कृष्णकांत शर्मा, प्रो. हृदयरंजन शर्मा, प्रो. रामचंद्र पांडेय, प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो. रामनारायण द्विवेदी, प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी, डॉ. पद्माकर मिश्र, प्रो. हरिशंकर पांडेय, प्रो. दिनेश कुमार गर्ग, डॉ. रविशंकर पांडेय, डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, डॉ. संजीव राय और विजय मणि त्रिपाठी। 

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