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वाराणसी: फसल संग्रहालय में प्रदर्शित धान की विभिन्न प्रजातियों का किया गया मूल्यांकन

Varanasi: Evaluation of different species of paddy displayed in the Crop Museum
संवाददाता - सुजीत सिंह 

वाराणसी। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्व विद्यालय अयोध्या के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र वाराणसी पर अंतराष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र वाराणसी एवं कृषि विज्ञान केंद्र वाराणसी के संयुक्त प्रयास से स्थापित फसल संग्रहालय में प्रदर्शित धान की विभिन्न प्रजातियों का मूल्यांकन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र रघुबंशी ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया की मूल्यांकन में धान की विभिन्न प्रजातियों में बालियों की संख्या, तिलर की संख्या,पौधों की ऊँचाई, रोगों का प्रभाव इत्यादि मानकों पर किया गया।

जिसके आधार पर धान की प्रजाति बिना धान-11,बीआरआर धान-75,सीआर धान-307,तेलंगाना सोना,एमटीयू- 1075 एवं चिंटू इत्यादि का   परिणाम बेहतर मिला। डॉक्टर सिंह ने बताया की जनपद वाराणसी में धान की इन प्रजातियों को अंगीकृत कर किसान अपने उत्पादन को बँढा पायेंगे। मूल्यांकन की प्रक्रिया में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर नवीन,डॉक्टर अमितेश,श्रीप्रकाश,डॉक्टर राहुल,डॉक्टर मनीष सहित इरी वाराणसी के वैज्ञानिक एवं दो दर्जन से भी अधिक किसानो ने प्रतिभाग किया।

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्व विद्यालय अयोध्या के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र वाराणसी पर अंतराष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र वाराणसी एवं कृषि विज्ञान केंद्र वाराणसी के संयुक्त प्रयास से स्थापित फसल संग्रहालय में प्रदर्शित धान की विभिन्न प्रजातियों का मूल्यांकन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र रघुबंशी ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया की मूल्यांकन में धान की विभिन्न प्रजातियों में बालियों की संख्या, तिलर की संख्या,पौधों की ऊँचाई, रोगों का प्रभाव इत्यादि मानकों पर किया गया।

जिसके आधार पर धान की प्रजाति बिना धान-11,बीआरआर धान-75,सीआर धान-307,तेलंगाना सोना,एमटीयू- 1075 एवं चिंटू इत्यादि का   परिणाम बेहतर मिला। डॉक्टर सिंह ने बताया की जनपद वाराणसी में धान की इन प्रजातियों को अंगीकृत कर किसान अपने उत्पादन को बँढा पायेंगे। मूल्यांकन की प्रक्रिया में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर नवीन,डॉक्टर अमितेश,श्रीप्रकाश,डॉक्टर राहुल,डॉक्टर मनीष सहित इरी वाराणसी के वैज्ञानिक एवं दो दर्जन से भी अधिक किसानो ने प्रतिभाग किया।

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