अनोखी शादी! USA से आए मुस्लिम विदेशी जोड़े ने बनारस में हिंदू रिवाज से की शादी

वाराणसी। भारतीय संस्कृति और परंपरा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं शायद यही वजह है कि विदेशों में रहने वाले लोग अब भारत की संस्कृति को ना से अपना रहे हैं बल्कि भारत की परंपराओं के अनुरूप अपने आप को ढालने की कोशिश भी कर रहे हैं।
खासतौर पर विदेशों में रहने वाले अब विदेशी मुल्क के नागरिक भी भारतीय संस्कृति और सभ्यता से अपने आपको जीवन में आगे बढ़ाने की जद्दोजहद करते दिखाई दे रहे हैं। इंग्लिश से ज्यादा से ज्यादा हिंदी और संस्कृत को तवज्जो देकर इसी धर्म और इसी संप्रदाय के साथ शांति और सुकून की तलाश में ना जाने कितने विदेशी भारत आते हैं और भारत में बनारस यानी वाराणसी शिव की नगरी में तो इनका दिल ही बस जाता है।
कुछ ऐसा ही नजारा वाराणसी में यूएसए से घूमने आए एक कपल के साथ भी देखने को मिला मुस्लिम कम्युनिटी में पैदा हुए और उसी रीति-रिवाज से अपने आपको जीवन भर रखने वाले कियमाह दीन खलीफा और उनकी प्रेमिका केशा खलीफा ने वाराणसी से कुछ दूरी पर स्थित लोचन महादेव मंदिर में जाकर हिंदू रीति रिवाज से सात फेरे लिए।
लगभग 2 घंटे तक शादी की रस्मों को पूरा कर दोनों ने हिंदू धर्म को सबसे पवित्र धर्म मान कर अपने जीवन में व्याप्त खालीपन को दूर करने के लिए सनातन धर्म के अनुसार दोनों को एक दूसरे को स्वीकारने के लिए इस तरीके से शादी करने की बात कही।
दरअसल यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के रहने वाले कियमाह दीन खलीफा और उनकी प्रेमिका केशा खलीफा 18 सालों से एक दूसरे को जानते हैं यूएस में रहकर की कियमाह दीन खलीफा बिजनेस करते हैं और इनका खेती-बाड़ी का भी काम है। दोनों एक दूसरे से दोस्ती में आगे बढ़े और यह रिश्ता प्यार में तब्दील हो गया इस दौरान 5 साल पहले इन दोनों का वाराणसी आना हुआ और बनारस में लगभग 10 दिनों तक रहते हुए इन दोनों को यहां की संस्कृति परंपरा और हिंदू रीति रिवाज से होने वाली शादियां काफी अच्छी लगने लगी, जिसके बाद उन्होंने अपने गाइड राहुल दुबे से किसी एस्ट्रोलॉजर से मिलवाने के लिए कहा राहुल दुबे ने उस वक्त इन्हें काशी में रहने वाले गोविंद गुरु से मिलवाया और गोविंद गुरु ने इन दोनों की कुंडली बनाकर इन दोनों के भविष्य के बारे में उन्हें जानकारी दी।
गोविंद गुरु ने बताया कि इन दोनों को जब हमने सनातन धर्म की जानकारी दी तो वह इससे काफी प्रभावित हुए क्योंकि केशा की दादी भारत से थी और यूएस जा कर उन्होंने गैर धर्म मे शादी की थी, जिसके बाद यह दोनों भारत आए और यहां की संस्कृति परंपरा और हिंदू रीति रिवाज से काफी प्रभावित हुए कोविड-19 यह सही है काशी नहीं आ पा रहे थे, जिसके बाद उन्होंने फोन से संपर्क करके 2022 में शादी की बात कही थी बनारस आने के बाद यह दोनों हिंदू रीति रिवाज से शादी करने के लिए तैयार हुए और इन्हें त्रिलोचन महादेव मंदिर में ले जाकर पूरे हिंदू रीति रिवाज से शादी संपन्न कराई गई, जिसमें बकायदा कियमाह दीन खलीफा और उनकी प्रेमिका केशा खलीफा ने मंत्रोच्चारण के बीच अग्नि के सात फेरे भी लिए और बाकायदा सिंदूरदान की रस्म भी अदा की गई।
एक दूसरे को जयमाला भी पहनाई गई और विधिवत त्रिलोचन महादेव की आराधना और पूजा भी संपन्न कराई गई इस दौरान इन दोनों से बातचीत करने पर इनका कहना था कि हम मुस्लिम धर्म में पैदा जरूर हुए लेकिन हमें अपने जीवन में कुछ बदलाव चाहिए था। यूएस में रहकर भारत घूमने आने पर हमें यहां की संस्कृति काफी अच्छी लगी अपने जीवन में महसूस होने वाले खालीपन को दूर करने के लिए हमने हिंदू रीति रिवाज से शादी करने की प्लानिंग की और इसे अमलीजामा पहनाने के लिए बनारस है। यहां पर पूरे रस्मो रिवाज से हमने शादी संपन्न की और 3 दिन काशी में रहने के बाद हम यहां से यूएस के लिए वापस रवाना हो जाएंगे।