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वाराणसी में बदमाशों का एनकाउंटर करने वाले दो बहादुर नायकों को ईनाम के साथ मिली थाने की ज़िम्मेदारी

Two brave heroes who encounter miscreants in Varanasi got the responsibility of police station with reward

वाराणसी। बड़ागांव थाना क्षेत्र के भलेखा गांव के समीप रिंग रोड पर सोमवार की सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों के पास से बरामद 9 एमएम ब्राउनी पिस्टल एसआई की है। आर्मोरर की ओर से जांच में इसकी पुष्टि की गई है। इससे पुलिस ने राहत की सांस ली। बदमाशों ने एसआई को गोली मारकर पिस्टल लूट ली थी। पिछले दिनों पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी के उपनिरीक्षक अजय यादव अपने रोहनियां स्थित प्लाट पर जा रहे थे। इसी दौरान बदमाशों ने उन्हें गोली मारकर उनकी सर्विस पिस्टल, पर्स आदि लूट लिया था। घटना के बाद कमिश्नरेट पुलिस की टीमें बदमाशों की तलाश में लगी थी।

सोमवार की सुबह पुलिस की बदमाशों से मुठभेड़ हुई। इसमें पुलिस की गोली से दो बदमाश गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने बदमाशों को रुकने का इशारा किया, लेकिन बदमाशों ने पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम पर फायर झोक दिया। दोनों तरफ से हुई फायरिंग में दोनों बदमाशों को सीने में गोली लगी। वहीं क्राइम ब्रांच का सिपाही भी घायल हो गए। बदमाशों के पास से मिली पिस्टल जांच के लिए आर्मोरर के पास भेजी गई। आर्मोरर ने जांच के बाद पुष्टि किया। सीपी ए. सतीश गणेश ने इस कामयाबी के लिए बड़ागांव पुलिस व क्राइम ब्रांच को सम्मानित किया। 


विगत दिनों लक्सा थाने के उप निरीक्षक अजय यादव को गोली मारने वाले अपराधियों, को आज सोमवार को तड़के सुबह बड़ागांव थाना अंतर्गत भेलखा गांव के पास रिंग रोड पर, पुलिस एनकाउंटर में ढेर करने वाले बहादुर दो उप निरीक्षकों को इनाम के साथ-साथ प्रोत्साहन स्वरूप थाना अध्यक्ष का कार्यभार दिया गया। ज्ञात हो कि डीजीपी उत्तर प्रदेश ने वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश मय पूरी पुलिस टीम को ₹200000 (दो लाख रूपये) इनाम देने की घोषणा की है।

इसी क्रम में पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने दोनों जांबाज दरोगा बृजेश मिश्रा को थानाध्यक्ष चितईपुर और दरोगा राजकुमार पांडे को थानाध्यक्ष लोहता का चार्ज दिया। वहीं दोनों थानों के पूर्ववत थानाध्यक्षों को एसआईटी में संबंध किया गया।  बता दें कि एनकाउंटर में मारे गए दोनों अपराधी बिहार के पटना जेल से फरार हुए थे। मृतक दोनों अपराधी बिहार पुलिस के लिए सिरदर्द बने थे। भागने में सफल हुआ तीसरा अपराधी भी इनका भाई ही था। बिहार पुलिस के अनुसार बिहार में पहले से ही इनका आपराधिक इतिहास रहा है।

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