वाराणसी कौड़िया अस्पताल में स्वामी अजितानंद ने फाँसी लगाकर की आत्महत्या

वाराणसी में स्वामी अजितानंद ने फांसी लगाकर दी जान
वाराणसी। लक्सा के कौड़िया अस्पताल रामकृष्ण मिशन समिति के सदस्य स्वामी अजितानंद (55) ने फंदे पर लटक जान दे दी। Read:- Varanasi News
शुक्रवार की सुबह अस्पताल परिसर स्थित कमरे के अंदर पंखे की कुंडी में गमछे के सहारे स्वामी का शव लटका हुआ था। लक्सा पुलिस ने शव को कब्जे में लिया।
मौके पर एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय और फॉरेंसिक टीम ने छानबीन की।
मूल रूप से हावड़ा पश्चिम बंगाल के रहने वाले
स्वामी अजितानंद (55) रामकृष्ण मिशन समिति से जुड़े थे और पिछले कुछ दिनों से वह मानसिक रूप से परेशान थे और उनका उपचार भी चल रहा था।
पुलिस की छानबीन में सामने आया कि दूसरे तल के कमरा नंबर 3 में रहने वाले स्वामी अजितानंद का कमरा सुबह देर तक नहीं खुला।
इस पर कर्मचारियों ने दरवाजा खटखटाया। काफी देर तक कोई उत्तर नहीं मिलने पर कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी।
लक्सा पुलिस मौके पर पहुंची तो दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई तो सामने ही स्वामी का शव लटका हुआ था। एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय के अनुसार शव को कब्जे छानबीन की जा रही है।
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वाराणसी कैंट स्टेशन के लिफ्ट में फंसी रहीं छात्राएं, इस तरह से किया गया रेस्क्यू
वाराणसी। वाराणसी जंक्शन (कैंट स्टेशन) के प्लेटफार्म नम्बर पांच पर गुरूवार को छह छात्राएं लिफ्ट में फंस गईं। इस घटना से लिफ्ट में फसीं छात्राएं घबरा गईं।
सूचना मिलने पर रेल प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी और जीआरपी मौके पर पहुंची और लाक खोलकर छात्राओं को बाहर निकाला। तब जाकर छात्राओं ने राहत की सांस ली।
इस दौरान करीब 15 मिनट तक अफरातफरी का माहौल रहा।
बताया जाता है कि छह छात्राएं मुगलसराय जंक्शन से ट्रेन से वाराणसी कैंट जंक्शन पहुंची। यहां से उतरने के बाद पांच नम्बर प्लेटफार्म पर लिफ्ट में सवार हुईं। नीचे उतरते ही लिफ्ट का गेट लाक को गया।
जब गेट नही खुला तो छात्राएं घबरा गई। अंदर ही शोर मचाने लगीं लेकिन आवाज बाहर नही जा पा रही थी।
इस दौरान उन्होंने कुछ लोगों को फोन किया। तब तक कुछ यात्रियों ने उन्हें देख लिया। सूचना पर रेलवे प्रशासन के अधिकारी, तकनीकी विभाग के लोग जीआरपी के साथ पहुंचे।
उन्होंने लाक खोला और तकनीकी विभाग के लोगों ने छात्राओं को बताया कि लिफ्ट में आपातकाल के लिए भी बटन की व्यवस्था है। लिफ्ट में चढ़ते और उतरते समय क्या सावधानी बरतें।