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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस में आज से शुरू होगी सुनवाई, जिला जज की अदालत में मुस्लिम पक्ष रखेगा दलील

Supreme Court's big decision on Gyanvapi Masjid case, District Judge should hear on his own
शृंगार गौरी केस की मेरिट पर थोड़ी देर में वाराणसी कोर्ट में शुरू होगी सुनवाई

वाराणसी जिला जज अजयकृष्ण विश्वेश की अदालत में ज्ञानवापी-शृंगार गौरी केस की मेरिट पर थोड़ी देर में सुनवाई शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज की अदालत में केस पहुंचा है। इससे पहले 30 मई को प्रतिवादी अधिवक्ता ने इस मामले में बहस की थी।

गौरतलब है कि एक माह पहले मुस्लिम पक्ष की ओर से शृंगार गौरी के मूल वाद को खारिज करने के लिए 26 बिंदुओं पर दलीलें पेश की गईं थी। इसके बाद दीवानी न्यायालय बंद होने से कोर्ट ने चार जुलाई तक सुनवाई टाल दी थी। इसके साथ ही सिविल जज (जू.डि.) की अदालत में भी बिंदु माधव मामले की सुनवाई होगी।

वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी  के नियमित दर्शन और अन्य देव विग्रहों को संरक्षित करने के लिए राखी सिंह समेत पांच महिलाओं की तरफ से दाखिल वाद पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में ग्रीष्मावकाश के बाद आज से सुनवाई शुरू होगी। इस अदालत में सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर ऑर्डर 7 रूल 11 के  तहत वाद सुनवाई योग्य है या नहीं पर बहस होगी। 

ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से सोमवार को दलीलें दी जाएंगी। इससे पहले भी मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने दलील दी थी कि विशेष धर्म उपासना स्थल विधेयक 1991 यहां लागू होगा, जिसमें आजादी के समय धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, वही रहेगी। जबकि हिंदू पक्ष की दलील है कि यहां विशेष धार्मिक उपासना स्थल काननू लागू नहीं होगा, क्योंकि यहां आजादी के बाद भी श्रृंगार गौरी की पूजा होती थी।


अंजुमन इंतजामिया के अधिवक्ता अभय नाथ यादव वाद की पोषणीयता पर सवाल उठाते हुए आपत्ति में दर्शाए गए 52 में से 39 बिंदुओं पर अपनी दलीलें पेश कर चुके हैं। उनकी दलील अभी जारी हैं और सोमवार को होने वाली सुनवाई में भी अपनी दलीलें आगे बढ़ाएंगे।


10 लोगों ने पक्षकार बनाये जाने का किया अनुरोध

इस मामले में जारी सुनवाई के बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी, काशी विश्वनाथ मंदिर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी समेत लगभग 10 लोगों ने ऑर्डर 1 रूल 10 के तहत पक्षकार बनाये जाने का अनुरोध किया है।

जिला जज सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहले प्राथमिकता के आधार पर पांच महिला वादकारियों की तरफ से दाखिल वाद की पोषणीयता पर सुनवाई करेंगे फिर अन्य प्रार्थनापत्रों का निस्तारण करेंगे। इसी अदालत में ज्ञानवापी सर्वे की वीडियोग्राफी अदालत की रोक के बावजूद लीक हो जाने पर सीबीआई जांच संबंधी वादिनी राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र सिंह विसेन के प्रार्थनापत्र पर भी सुनवाई होनी है।


फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी होगी सुनवाई


सिविल जज फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम की भी अदालत में जितेंद्र सिंह की पत्नी किरन सिंह की तरफ से दाखिल वाद पर भी सुनवाई होनी है। इसमे सर्वे के दौरान वजू स्थल के पास मिले शिवलिंग और देव विग्रहों के पूजा दर्शन राग भोग की अनुमति मांगी गई है।


काशी धर्म परिषद ने सावन में ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग पर जल चढ़ाने की अनुमति मांगी है। इसके साथ ही कहा है कि सावन में काशी विश्वनाथ परिसर में पवित्रता का सिद्धांत लागू किया जाए। रविवार को लमही स्थित सुभाष भवन में आयोजित धर्म परिषद की बैठक में देश के वर्तमान हालात पर चर्चा हुई।

 

बैठक की अध्यक्षता कर रहे महंत बालक दास ने कहा कि धार्मिक भावनाएं आहत करने और लोक व्यवस्था को भंग करने वालों पर देश भर में मुकदमे दर्ज होने चाहिए। इसके लिए धर्म परिषद भी सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखेगी। कहा कि उदयपुर और अमरावती की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इससे संत समाज में नाराजगी है। हत्या के लिए उकसाने वालों को भी कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इस दौरान आठ प्रस्ताव पारित किए गए। 

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