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बीएचयू में 12वीं पास को रखा दिहाड़ी के फर्जी डॉक्टर, गर्भवती महिलाीओं का कर रहे थे इलाज...

Fake doctors of 12th pass kept in BHU, were treating pregnant women...

BHU में फर्जी इंटर्न से अपनी ड्यूटी कराने वाले डॉक्टरों की बढ़ीं मुसीबतें...अब दोबारा करनी होगी इंटर्नशिप 

 

 

वाराणसी के BHU में 12वीं पास मरीजों का इलाज कर रहे थे। दवा दे रहे थे। इंजेक्शन लगा रहे थे। अब तक ऐसे 3 लड़के पकड़े गए हैं। इनको MBBS डॉक्टरों ने 600 रुपए हर दिन की दिहाड़ी में रखा था। यानी, MBBS डॉक्टर की ड्यूटी लगती थी तो वह खुद नहीं आते थे, बल्कि इन लड़कों को भेजकर ड्यूटी कराते थे। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद हड़कंप मचा हुआ है। मामला पीएमओ तक पहुंच गया है।

 

मामला BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर का है। 2017 बैच के पासआउट 4 MBBS डॉक्टर की जगह 3 लोगों को ड्यूटी करते पकड़ा गया। इनकी पहचान वाराणसी की विशेश्वरगंज की प्रीती चौहान, मिर्जापुर अदलहाट के मोहित सिंह और सोनभद्र के अनपरा के अभिषेक सिंह के रूप में हुई है।

 

 

ये लड़के MBBS पास आउट डॉ. नितिन, डॉ. शुभम, डॉ. सौमिक डे और डॉ. कृति की जगह ड्यूटी कर रहे थे। चारों MBBS डॉक्टरों पर भी एफआईआर हुई है। पकड़े गए लोगों में प्रीति चौहान, सिर्फ 12वीं पास है। वह MBBS डॉक्टर की तरह काम कर रही थी। पकड़े गए फर्जी डॉक्टरों को लंका पुलिस को सौंप दिया गया। BHU सुरक्षा निरीक्षक अरुण कुमार की तहरीर पर पुलिस कार्रवाई कर रही है।

 

कमिश्नर बोले- डॉक्टर की जगह कर रहे थे ड्यूटी


पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन ने बताया कि डॉक्टर की जगह फर्जी तरीके से काम कर रहे थे। BHU की जांच में यह बात सामने आई है। मामले में FIR दर्ज कर ली गई है। आगे जांच की जा रही है। जांच के बाद पता चलेगा कि ये सभी कब से वहां फर्जी ड्यूटी कर रहे थे।

यह व्हाट्सएप चैट फर्जी इंटर्न प्रीति चौहान के फोन से मिली है। इसमें दिख रहा है कि डॉ. कृति अपनी ड्यूटी की टाइमिंग के बारे में बता रही है।

व्हाट्सएप चैट से बताती थी ड्यूटी


एमबीबीएस डॉक्टरों की ड्यूटी जब भी वार्ड, ट्रामा सेंटर और ओपीडी में लगती थी, तब फर्जी इंटर्न को व्हाट्सएप के जरिए सूचना देते थे। बताते थे कि छह घंटे ड्यूटी करनी है। महिला डॉक्टर की फर्जी इंटर्न प्रीति चौहान की व्हाट्सएप चैट पर मिली है। यानी, महिला डॉक्टर की जगह 12वीं प्रीति नौकरी करती थी।

महिला डॉक्टर ने लिखा कि प्रीति (फर्जी इंटर्न) तुम्हें मोहित (फर्जी इंटर्न) ने बताया कि 14-18 तक ऑर्थो पोस्टिंग करनी है मेरी? इस पर प्रीति ने लिखा कि जी मैम। भइया ने अभी बताया... तो कितने बजे से कितने बजे तक समय रहेगा। इस पर महिला डॉक्टर ने लिखा कि सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक ड्यूटी रहेगी। बीच में लंच ब्रेक भी मिलेगा।

25 हजार मिलता है स्टाइपेंड


BHU अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके गुप्ता ने बताया , "IMS-BHU के चार MBBS छात्रों के नाम पर उपस्थिति दर्ज करने और पैसे ट्रांसफर की डिटेल मिली है। इसी को आधार मानकर मुकदमा हुआ है।

IMS-BHU के डायरेक्टर प्रो. एसके सिंह को भी इन छात्रों पर कार्रवाई के लिए संस्तुति की गई है। वे ही तय करेंगे कि इन छात्रों पर किस तरह का और कब तक एकेडमिक एक्शन लिया जाएगा। वहीं, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया भी कार्रवाई कर सकता है। उन्हें भी पत्र लिखा गया है"

उन्होंने कहा, "2017 बैच के MBBS के डॉक्टरों ने अपनी जगह इनको रखा था। यह क्रिमिनल ऑफेंस है। MBBS की पढ़ाई के बाद एक साल की ट्रेनिंग की जाती है, जिसे इंटर्नशिप कहा जाता है। इसके लिए 25 हजार स्टाइपेंड भी मिलता है। उन्होंने आगे बताया कि उनकी टीम ने ही फर्जी इंटर्न को अस्पताल से पकड़ा है। पकड़े गए सभी लोग नॉन मेडिकल हैं।"

BHU के छात्रों ने भी PM को लेटर लिखा है कि घटना के बाहर आने पर भी अस्पताल के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। मामले को दबाने में लगे हैं। ऐसा संभव ही नहीं है कि बिना किसी प्रशासनिक व्यक्ति या सीनियर डॉक्टरों के संरक्षण के लंबे समय तक कोई अस्पताल में ड्यूटी कर सके।

BHU के छात्रों ने पीएमओ के साथ ही शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान से भी शिकायत की है। आरोप है कि इस मामले में अस्पताल के कई सीनियर डॉक्टर शामिल हैं। शोध छात्र पतंजलि ने कहा, "एक कमेटी बनाकर मामले की निष्पक्ष जांच हो। इस दौरान अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट और गायनेकोलॉजी विभाग की अध्यक्ष को कार्य से अलग रखा जाए। जिससे जांच प्रभावित न हो।"

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