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Dengue Case In Varanasi: वाराणसी में डेंगू की बढ़ती बीमारी के बीच प्लेटलेट्स के लिए अब नहीं भटकेंगे लोग, कोविड की तर्ज पर डेंगू नियंत्रण का निर्देश

Dengue Case In Varanasi: वाराणसी में डेंगू की बढ़ती बीमारी के बीच प्लेटलेट्स के लिए अब नहीं भटकेंगे लोग, कोविड की तर्ज पर डेंगू नियंत्रण का निर्देश 

जिले में कोविड की तर्ज पर ही डेंगू के नियंत्रण की तैयारी चल रही है। इसमें जहां सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर से मरीजों को बेड दिलाए जाने, जांच, इलाज की मॉनीटरिंग की व्यवस्था की गई है, डेंगू के संक्रमित मरीजों के सेहत का भी फीडबैक भी लिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसके लिए अधिकारियों, कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जा चुकी है।

डेंगू की बढ़ती बीमारी के बीच प्लेटलेट्स को लेकर काफी जद्दोजहद हो रही है। इस परिस्थिति से उबरने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्लेटलेट्स लेन-देन के कुछ नियम तय कर दिए हैं। वाराणसी के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) डॉ. संदीप चौधरी ने कहा कि अब प्लेटलेट्स के लिए किसी को भागदौड़ नहीं करनी होगी। प्लेटलेट्स स्वत: ही मरीजों को मिलेगी।

CMO ने बताया कि जिलाधिकारी (DM) के निर्देश पर प्लेटलेट्स की किल्लत अब नहीं आएगी। कहा कि प्लेटलेट्स मांग पत्रों को अब ब्लड बैंक में भेजा जा रहा है। इसलिए, सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे भी सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (SDP) और रैंडम डोनर प्लेटलेट्स (RDP) के मांगपत्र उपलब्ध कराएं।

साथ ही प्लेटलेट्स जांच की फोटो कॉपी भी ब्लड बैंक में जमा कराएं। जिससे, प्लेटलेट्स डोनेट करने वालों की एक्चुअल जानकारी ब्लड बैंक और शासन को मिल सके। CMO डॉ. चौधरी ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को निर्देश देते हुए कहा कि डेंगू के मरीज की वर्तमान हेल्थ कंडीशन को भी मांगपत्र पर अंकित करें। इससे मरीजों को समय से SDP और RDP ब्लड बैंकों से उपलब्ध कराया जा सके।

CMO डॉ. चौधरी ने सभी सरकारी और प्राइवेट ब्लड बैंकों को भी निर्देश दिया है कि अस्पतालों से प्राप्त मांगपत्र के अनुसार SDP और RDP मरीजों को उपलब्ध कराया जाए। इससे जरूरत मंद को प्लेटलेट्स मिल सकेगा और इसका मिस यूज नहीं होगा।

जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या 320 तक पहुंच गई है। इसमें भी 240 केवल शहर में ही रहने वाले हैं जबकि 80 मरीज ग्रामीण इलाकों के हैं। शहर के सरकारी, निजी अस्पतालों में भी 50 मरीज भर्ती हैं। डेंगू नियंत्रण के उद्देश्य से अब हर वो उपाय किए जा रहे हैं, जो कोरोना काल में किए जा रहे थे। इसमें सर्विलांस टीम के गठन, कोविड हॉस्पिटल की तरह डेंगू डेडिकेटेड हॉस्पिटल बनवाए जाने, व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों की टीम गठित की गई है।


अब अस्पतालों और घर में रहने वाले डेंगू संक्रमित मरीजों का ब्योरा जुटाने के  साथ ही उनको फोन कर सेहत का फीडबैक लिया जाएगा। पिछले दिनों नगर विकास मंत्री ने भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोविड की तर्ज पर डेंगू नियंत्रण का निर्देश दिया था, जिस पर अमल शुरू हो गया है। इस तरह की व्यवस्था डेंगू नियंत्रण में बहुत हद तक कारगर होगी।



अधिकारियों, पैरामेडिकल स्टाफ की टीम मॉनीटरिंग के लिए लगाई गई है। कोविड की तर्ज पर मरीजों के सेहत का फीडबैक लेने के साथ ही उन्हें बीमारी के कारण, बचाव के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। 

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