BHU Fee Hike: महीने भर से चल रहा धरना-प्रदर्शन, बंद हुआ बीएचयू का सिंह द्वार, छात्रों की ये हैं मांग...

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्रों द्वारा आज सिंह द्वार बंद कर दिया गया है। वाइस चांसलर, चीफ प्रॉक्टर और डीन ऑफ स्टूडेंट के खिलाफ जोरदार नारे लग रहे हैं। फीस वृद्धि को लेकर बीते 26 दिन से धरने पर बैठे ABVP संगठन के छात्रों ने कहा कि जब तक फीस वृद्धि वापसी का कोई आदेश लिखित में नहीं दे दिया जाता, तब तक हम लोग गेट से नहीं हटेंगे।
इस दौरान BHU के मेन गेट पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है। वहीं प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षागार्ड समेत चीफ प्रॉक्टर प्रो. अभिमन्यु सिंह, डिप्टी चीफ प्रॉक्टर प्रो. विनय पांडेय समेत दो दर्जन अधिकारियों की छात्रों के साथ वार्ता चल रही है। हालांकि, छात्र मानने को तनिक भी तैयार नहीं हैं।
साइड गेट से हो रहा आवागमन
छात्रों ने कहा कि यह गेट अनिश्चित काल के लिए बंद किया गया है। सिंह द्वार बंद होने से परिसर और मालवीय चौराहा जाम हो गया है। वाहनों की लंबी कतारे लग गईं हैं। वहीं कैंपस और आसपास के लोगों को बाहर से घूमकर जाना पड़ रहा है। एंबुलेंस की आवाजाही भी साइड गेट से ही हो रही है। जिला प्रशासन के कहने पर छात्रों ने सिंह द्वार के दोनों ओर गाड़ियों के लिए रास्ता नहीं बद किया है।
छात्रों ने कहा कि यूजी और पीजी समेत हॉस्टलों की फीस में अच्छी-खासी बढ़ोतरी कर दी गई है। कुछ-कुछ कोर्सों में 500% तक फीस बढ़ा दी गई है। ABVP-BHU इकाई के अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इतना हठी है कि फीस वृद्धि पर तमाम पैंतरे अपना रहा है, मगर अपने ही छात्रों की बात नहीं सुन रहा है।
कहां है कमेटी के लोग
धनतेरस, दिवाली, दूज, छठ और दिवाली यहीं पर मनाई गई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने फीस वृद्धि पर समीक्षा करने के लिए कमेटी भी बनाई है, मगर अभी तक कमेटी ने छात्रों से कोई संपर्क ही नहीं किया है।
छात्र पुनीत मिश्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन चाहता ही नहीं कि धरना खत्म हो। हमको लिख कर दे दीजिए कि कमेटी की रिपोर्ट इतने तय दिनों में सौंप दी जाएगी तो हम लोग मुख्य द्वार को छोड़कर वापस DSW की पार्किंग में बने धरना स्थल पर चले जाएं।
कोई बुला रहा था...हाथ के पंजे के निशान थे, तेज-तेज से चीख रही थी एक लड़की, आखिर BHU के आयुर्वेद विभाग में उस रात क्या हुआ...? यहाँ देखें वायरल.. वीडियो
बीएचयू के आयुर्वेद विभाग की निर्माणाधीन बिल्डिंग का एक वीडियो वायरल हो रहा है। 7 सेकेंड के इस वीडियो में कुछ छात्र आयुर्वेद विभाग के गेट के बाहर खड़े होकर परिसर में अंदर प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। वीडियो के बैकग्राउंड में एक कम उम्र की लड़की के जोर-जोर से चीखने की आवाज आ रही है। वीडियो में कुछ छात्र विभाग के गेट के बाहर खड़े हैं। रिकॉर्डिंग में आवाज आ रही है कि ये किसी आदमी नहीं, बल्कि लड़की की आवाज है।
हालांकि, वीडियो केवल 7 सेकेंड का ही है। मगर, कुछ छात्र आवाज आने वाले स्थान पर जाने का प्रयास भी करते देखे गए। ये घटना 3 नवंबर की आधी रात दो बजे के आसपास की बताई जा रही है। घटना, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के ठीक सामने का है। करीब 10 की संख्या में BHU के छात्र आधी रात इस घटना को लेकर हंगामा भी करते रहे। बताया जा रहा है कि मौके पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मी भी पहुंचे थे।
छात्रों ने प्राक्टोरियल गार्ड पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कल देर रात भी प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम को लेकर कुछ छात्र गए थे, उसी जगह पर जहां से आवाज आ रही थी। पूरे BHU कैंपस में इस घटना का वीडियो वायरल होने से काफी तेज चर्चा चल रही है। हालांकि, पास में पढ़ाई कर रहे छात्रों ने बताया कि उन्हें कोई आवाज नहीं सुनाई दी, मगर कुछ छात्र जुटकर गेट के अंदर घुसने का प्रयास कर रहे थे। वहीं, कुछ लोग मोटरसाइकिल पर बैठकर पीछे से भाग रहे थे।
BHU स्थित काॅमर्स फैकल्टी के एक छात्र शाश्वत चतुर्वेदी ने आंखो देखा पूरा हाल सुनाया है। कहा, ''हम तीन दोस्त थे। फ्री थे टहलने के लिए निकले थे। जब DSW चौराहे पर पहुंचे तो एक लड़की के रोने की आवाज आ रही थी। हमे लगा कोई जानवर होगा। तब हमने देखा कि अंदर से कोई हाथ और ट्यूबलाइट दिखा रहा है।
पहले हम लोग डर कर बैकफुट हो गए। फिर लड़की के जोर-जोर से रोने की आवाज आ रही थी। हमने अंदर घुसने का प्रयास किया। तब तक वहां पर कुछ सुरक्षागार्ड आ गए। जब हमने गार्ड से कहा कि आप लोग रोकिए, वहां क्या हो रहा है। गार्ड ने कहा कि तुमसे क्या मतलब, जो भी हो रहा वहां होने दो। तुम लोग भागो यहां से।
हम लोग माने नहीं तो गार्ड डंडे दिखाने लगा। इतना कहते हुए वह दौड़कर पीछे रसेश्वर मंदिर के पीछे भागा और राउंड लेते हुए बिल्डिंग्स की लाइट्स बुझा दी। इसके बाद किसी बड़े गेट के बंद होने की आवाज आई। फिर लड़की की रोने की आवाज बंद हो गई और गार्ड ने सामने आकर चैनल गेट बंद कर दिया। हमने प्रॉक्टोरियल बोर्ड को सूचित किया और वहीं खड़े होकर उनके आने का इंतजार भी किया।
बाद में मुआयना करने पर छोटे हाथों के पंजे का निशान, रस्सी, गुटके के पैकेट, घांस में चलते हुए पैर के चिन्ह आदि भी देखे गए। सिक्योरिटी गार्ड के साथ कोई बाहरी लड़का भी था। वह नशेड़ी लग रहा था और बार-बार बीच-बचाव करने का प्रयास कर रहा था। वहीं सिक्योरिटी गार्डों ने कहा कि अंदर क्या हो रहा है यह मेरी जिम्मेदारी नहीं है। छात्र ने कहा कि जिस जगह पर लोग दिन में नहीं जाते, वहां रात में क्या हो रहा था। इसकी न तो जांच की जा रही है और न ही कोई कार्रवाई।''
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