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अक्सर रात में सोते हुए मर जाते हैं लोग, जानिए इसपर BHU के न्यूरोलॉजिस्ट ने क्या कहा?

45% of Brain Hemorrhage Attacks Occur at Night: BHU के न्यूरोलॉजिस्ट बोले- रात में ब्लड प्रेशर बढ़ता है, नसों में जमा फैट मौत की वजह

45% of Brain Hemorrhage Attacks Occur at Night: ये अकेला मामला नहीं है, स्टेट में ब्रेन हेमरेज के केस लगातार बढ़ रहे हैं। दैनिक भास्कर ने BHU के न्यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक पाठक से इस गंभीर विषय पर बात की। उनका कहना है, हर सडेन डेथ की वजह हार्ट अटैक नहीं होता।

 

45% of Brain Hemorrhage Attacks Occur at Night: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रोहतास कुमार की ब्रेन हेमरेज से 5 मई को मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, रात में उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ और नींद में ही उनकी मौत हो गई। उन्हें आंख, नाक और कान जैसे नाजुक अंगों से ब्लड आया।

 

 

ये अकेला मामला नहीं है, स्टेट में ब्रेन हेमरेज के केस लगातार बढ़ रहे हैं। दैनिक भास्कर ने BHU के न्यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक पाठक से इस गंभीर विषय पर बात की। उनका कहना है, हर सडेन डेथ की वजह हार्ट अटैक नहीं होता।

 

 

काफी केसेज ब्रेन हेमरेज या ब्रेन लकवा के भी होते हैं। लेकिन हर किसी का पोस्टमॉर्टम नहीं होता। इसलिए, वजह कार्डियक अरेस्ट समझ लिया जाता है।

 

 

सेकेंड में जान निकल जाती है... लोग अवेयर तक नहीं


उन्होंने बताया, ब्रेन हेमरेज के पीछे कौन-कौन सी वजहें हैं, हमने इस पर रिसर्च किया है। ब्रेन हेमरेज के करीब 45% केसेज रात में 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच ही होते हैं। यह एक तरह से ब्रेन का लकवा है, जिसे हम अर्ली स्टेज में नहीं डिटेक्ट कर पाते।

 

इससे लोग अवेयर भी नहीं हैं। इस मौत में दर्द भी नहीं होता। सेकेंड भर में जान निकल जाती है। डॉ. रोहतास के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी देखा गया कि तत्काल मौत हो गई थी। जिस बेड पर सोते हुए जान गई थी, उसके बिस्तर की सिलवटें भी नहीं बिगड़ी थीं।

'रात के वक्त ब्लड सरकुलेशन नॉर्मल से थोड़ा ज्यादा'


डॉ. पाठक ने कहा, रात के समय ब्लड सर्कुलेशन नॉर्मल से थोड़ा ज्यादा होता है। इस समय बीपी हाई होती है। वहीं, अगर हाई डायबिटीज होती है, तो फिर रात का वक्त बूस्टर का काम करता है। सबसे पैनिक अटैक इसी समय होता है। भारत धीरे-धीरे डायबिटीज कैपिटल बनता जा रहा है।

जिनका डायबिटीज कंट्रोल में नहीं होता, उनके नसों में फैट काफी जमा होता है। इसकी वजह से जगह-जगह ब्लॉकेज भी बन जाता है। इसे अथ्रोमा कहते हैं। यह धमनियों को कमजोर करती हैं। वहीं, शुगर अन कंट्रोल्ड है, तो फिर ब्लड प्रेशर बढ़कर 300 के पार चला जाता है।

शरीर में सबसे नाजुक अंगों की नसें फट जाती हैं और ब्लड रिसने लगता है। इस कंडीशन में सडेन मौत हो जाती है और सोए हैं तो पता भी नहीं चल पाता।

समस्या के कारण क्या है

डॉ. पाठक ने कहा, अल्कोहल, लाइफ स्टाइल और खान-पान के साथ ही लगातार महीनों तक स्ट्रेस में रहना ही इस मर्ज का कारण है। यह समस्या 30-40 साल की उम्र में सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है।

इसकी वजह है कि यंग लोग के पास न तो घर के खाने का टाइम है। न सोने-जगने की कोई टाइमिंग, दिन-रात ऑनलाइन फूड ऑर्डर, तंग दिनचर्या, न योग न ही कोई गेम। ये सब आजकल युवाओं में ही तो देखने को मिल रहा है।

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